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Jammu News: शहर में 5.63 करोड़ रुपये से होगा 17 कुओं और तालाबों का जीर्णाेद्धार
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एक्सक्लूसिव
- नगर निगम ने जारी की धनराशि, दोबारा इस्तेमाल लायक होगा पानी
- कुओं व तालाब के आसपास लगाए जाएंगे फूल, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अंकित कुमार मिश्र
जम्मू। शहर के तालाबों और पुराने कुओं का पानी दोबारा इस्तेमाल होगा। नगर निगम ने 17 जलस्रोतों का चयन कर इनके जीर्णाेद्धार के लिए 5.63 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इन सभी पर 23 लाख से 49 लाख (प्रत्येक) तक की धनराशि खर्च की जानी है। इनमें से कुछ जलस्रोत ऐसे भी हैं जिनका रियासतकाल में इस्तेमाल होता था और अरसे से ये बंद हैं।
नगर निगम शहर के सभी जल निकायों का जीर्णोद्धार कर उन्हें फिर से उपयोगी बनाने जा रहा है। पेयजल स्रोतों के दोबारा इस्तेमाल में आने से शहर के सभी 17 हिस्सों में पेयजल जरूरतें पूरी होंगी और इन्हें भविष्य में पर्यटन के तौर पर भी प्रचारित किया जाएगा। इन योजनाओं से शहर के जल स्रोतों को संरक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में आने वाले जल संकट से आसानी से निपटा जा सके। परियोजना से पर्यावरण को भी बढ़ावा मिलेगा। कुओं और तालाब के आसपास सुंदर पेड़-पौधे भी लगाए जाने की योजना है।
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स्थान नाम जीर्णोद्धार राशि
1. रानी तालाब बावड़ी – 33.62 लाख रुपये
2. ग्रेटर कैलाश तालाब – 28.49 लाख रुपये
3.पुलिस थाना छन्नोरे तालाब – 49.82 लाख रुपये
4. ततहर मंदिर तालाब – 49.97 लाख रुपये
5. गवर्नमेंट स्कूल बन तालाब का तालाब – 49.22 लाख रुपये
6. पौरा में स्कूल व ट्यूबवेल के पास तालाब – 36.60 लाख रुपये
7. अपर बरनाई तालाब – 35.70 लाख रुपये
जुल्लाका मोहल्ला, पटोली ब्राह्मणा, चाक दुर्गी, मंदिर गेरसिंहपुर, त्रिकुटा, मुट्ठी व अपर ततहर में भी कुओं व तालाब के सुधार के लिए 23 से 25 लाख रुपये की राशि मंजूर की है।
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बुजुर्गाें के पास पुरानी यादें
और मौजूदा हालात की पीड़ा
शहर में रियासतकाल में बने कुओं की हालत काफी खराब हो चुकी है। बुजुर्गों के पास इन कुओं के पानी को इस्तेमाल में लाने की यादें हैं और मौजूदा हालात उन्हें पीड़ा दे रहे हैं। इन लोगों ने खास बातचीत में कुओं को दोबारा उसी रूप में ढालने के प्रयास की प्रशंसा की और दूसरी जगहों पर भी ऐसे प्रयोग करने का आह्वान नगर निगम से किया है।
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गुमनामी के अंधेरे में अपनी पहचान
को खो रहा राम मंदिर का कुआं
पीरखो में स्थित मूंछ वाले राम मंदिर में सैकड़ों वर्ष पुराना कुआं है। स्थानीय निवासी मुसाफिर साहनी (65) ने बताया कि यहां 200 साल पुराना मंदिर है। इसमें मूंछ वाले राम, लक्ष्मण और माता सीता की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। इसी मंदिर प्रांगण में एक कुआं भी था। इससे पहले आसपास के ही नहीं बल्कि बाजार के लोग भी पानी भरने व नहाने आते थे लेकिन बीते कुछ सालों से यह बदहाल है। स्थानीय निवासी पूरन देवी (70) बताती हैं कि वे अपने घर में उपयोग होने वाला पानी पहले इसी कुएं से ले जाती थीं। समय के बदलते स्वरूप ने इस मंदिर और कुएं अंधेरे में डाल दिया है।
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पंजतीर्थी इलाके में पांच कुओं में से बचा एक
श्री बलदेव जी मंदिर के पुजारी अश्वनी शर्मा ने बताया कि यह उत्तर भारत में भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम (बलभद्र) के दो ही मंदिर हैं। एक मथुरा के वृंदावन है जबकि दूसरा मंदिरों के शहर जम्मू में सूर्य पुत्री तवी नदी के तट पर धौंथली में है। करीब 350 वर्ष से भी अधिक पुराना यह ऐतिहासिक मंदिर है और मंदिर प्रांगण में ही एक विशाल कुआं भी है। इसे जम्मू के महाराजा रणवीर सिंह ने बनवाया था लेकिन बीते कुछ सालों से यह जर्जर है। विमला देवी (70) बताती है कि पंजतीर्थी इलाके में पांच कुएं और पांच मंदिर थे लेकिन शहरीकरण होने से वे सब धीरे-धीरे विलुप्त हो गए। बस यही एक कुआं देखने को मिल रहा है। उन्होंने नगर निगम के अभियान का स्वागत किया और शहर के दूसरे कुओं और बावड़ियों पर भी ऐसे प्रयोग करने की बात कही।
-- -- -- -- जामवंत गुफा में बदहाल
है 150 साल पुराना कुआं
पीरखो स्थित जामवंत गुफा मंदिर में भी एक कुआं है। नगर के पूर्वी छोर पर बना हुआ है। डोगरी भाषा में इसे खोह गुफा भी कहते हैं। यह भी प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर माना जाता है। महंत राजिंदर नाथ ने बताया कि करीब 150 साल पहले मंदिर में एक अखाड़ा बनाया गया और उसी को ध्यान में रखते हुए पहलवानों को पानी पीने व नहाने के लिए एक कुएं का निर्माण भी करवाया गया था। मंदिर प्रांगण में होने की वजह से शहर की अधिकांश महिलाएं मकर संक्रांति पर पूजन करने भी आती हैं लेकिन अब कुआं बंद है। पीरखो अखाड़ा एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश सूदन बताते हैं कि इस कुएं को केवल साफ-सफाई की जरूरत है अगर सही से सफाई हो जाती है तो लोगों के उपयोग में लाया जा सकता है।
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चिह्नित जल निकायों के जीर्णोद्धार के लिए बजट जारी कर दिया है। संबंधित अधिकारियों को काम शुरू करने के लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. देवांश यादव, नगर आयुक्त, जम्मू
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- नगर निगम ने जारी की धनराशि, दोबारा इस्तेमाल लायक होगा पानी
- कुओं व तालाब के आसपास लगाए जाएंगे फूल, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अंकित कुमार मिश्र
जम्मू। शहर के तालाबों और पुराने कुओं का पानी दोबारा इस्तेमाल होगा। नगर निगम ने 17 जलस्रोतों का चयन कर इनके जीर्णाेद्धार के लिए 5.63 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इन सभी पर 23 लाख से 49 लाख (प्रत्येक) तक की धनराशि खर्च की जानी है। इनमें से कुछ जलस्रोत ऐसे भी हैं जिनका रियासतकाल में इस्तेमाल होता था और अरसे से ये बंद हैं।
नगर निगम शहर के सभी जल निकायों का जीर्णोद्धार कर उन्हें फिर से उपयोगी बनाने जा रहा है। पेयजल स्रोतों के दोबारा इस्तेमाल में आने से शहर के सभी 17 हिस्सों में पेयजल जरूरतें पूरी होंगी और इन्हें भविष्य में पर्यटन के तौर पर भी प्रचारित किया जाएगा। इन योजनाओं से शहर के जल स्रोतों को संरक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में आने वाले जल संकट से आसानी से निपटा जा सके। परियोजना से पर्यावरण को भी बढ़ावा मिलेगा। कुओं और तालाब के आसपास सुंदर पेड़-पौधे भी लगाए जाने की योजना है।
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स्थान नाम जीर्णोद्धार राशि
1. रानी तालाब बावड़ी – 33.62 लाख रुपये
2. ग्रेटर कैलाश तालाब – 28.49 लाख रुपये
3.पुलिस थाना छन्नोरे तालाब – 49.82 लाख रुपये
4. ततहर मंदिर तालाब – 49.97 लाख रुपये
5. गवर्नमेंट स्कूल बन तालाब का तालाब – 49.22 लाख रुपये
6. पौरा में स्कूल व ट्यूबवेल के पास तालाब – 36.60 लाख रुपये
7. अपर बरनाई तालाब – 35.70 लाख रुपये
जुल्लाका मोहल्ला, पटोली ब्राह्मणा, चाक दुर्गी, मंदिर गेरसिंहपुर, त्रिकुटा, मुट्ठी व अपर ततहर में भी कुओं व तालाब के सुधार के लिए 23 से 25 लाख रुपये की राशि मंजूर की है।
बुजुर्गाें के पास पुरानी यादें
और मौजूदा हालात की पीड़ा
शहर में रियासतकाल में बने कुओं की हालत काफी खराब हो चुकी है। बुजुर्गों के पास इन कुओं के पानी को इस्तेमाल में लाने की यादें हैं और मौजूदा हालात उन्हें पीड़ा दे रहे हैं। इन लोगों ने खास बातचीत में कुओं को दोबारा उसी रूप में ढालने के प्रयास की प्रशंसा की और दूसरी जगहों पर भी ऐसे प्रयोग करने का आह्वान नगर निगम से किया है।
गुमनामी के अंधेरे में अपनी पहचान
को खो रहा राम मंदिर का कुआं
पीरखो में स्थित मूंछ वाले राम मंदिर में सैकड़ों वर्ष पुराना कुआं है। स्थानीय निवासी मुसाफिर साहनी (65) ने बताया कि यहां 200 साल पुराना मंदिर है। इसमें मूंछ वाले राम, लक्ष्मण और माता सीता की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। इसी मंदिर प्रांगण में एक कुआं भी था। इससे पहले आसपास के ही नहीं बल्कि बाजार के लोग भी पानी भरने व नहाने आते थे लेकिन बीते कुछ सालों से यह बदहाल है। स्थानीय निवासी पूरन देवी (70) बताती हैं कि वे अपने घर में उपयोग होने वाला पानी पहले इसी कुएं से ले जाती थीं। समय के बदलते स्वरूप ने इस मंदिर और कुएं अंधेरे में डाल दिया है।
पंजतीर्थी इलाके में पांच कुओं में से बचा एक
श्री बलदेव जी मंदिर के पुजारी अश्वनी शर्मा ने बताया कि यह उत्तर भारत में भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम (बलभद्र) के दो ही मंदिर हैं। एक मथुरा के वृंदावन है जबकि दूसरा मंदिरों के शहर जम्मू में सूर्य पुत्री तवी नदी के तट पर धौंथली में है। करीब 350 वर्ष से भी अधिक पुराना यह ऐतिहासिक मंदिर है और मंदिर प्रांगण में ही एक विशाल कुआं भी है। इसे जम्मू के महाराजा रणवीर सिंह ने बनवाया था लेकिन बीते कुछ सालों से यह जर्जर है। विमला देवी (70) बताती है कि पंजतीर्थी इलाके में पांच कुएं और पांच मंदिर थे लेकिन शहरीकरण होने से वे सब धीरे-धीरे विलुप्त हो गए। बस यही एक कुआं देखने को मिल रहा है। उन्होंने नगर निगम के अभियान का स्वागत किया और शहर के दूसरे कुओं और बावड़ियों पर भी ऐसे प्रयोग करने की बात कही।
है 150 साल पुराना कुआं
पीरखो स्थित जामवंत गुफा मंदिर में भी एक कुआं है। नगर के पूर्वी छोर पर बना हुआ है। डोगरी भाषा में इसे खोह गुफा भी कहते हैं। यह भी प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर माना जाता है। महंत राजिंदर नाथ ने बताया कि करीब 150 साल पहले मंदिर में एक अखाड़ा बनाया गया और उसी को ध्यान में रखते हुए पहलवानों को पानी पीने व नहाने के लिए एक कुएं का निर्माण भी करवाया गया था। मंदिर प्रांगण में होने की वजह से शहर की अधिकांश महिलाएं मकर संक्रांति पर पूजन करने भी आती हैं लेकिन अब कुआं बंद है। पीरखो अखाड़ा एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश सूदन बताते हैं कि इस कुएं को केवल साफ-सफाई की जरूरत है अगर सही से सफाई हो जाती है तो लोगों के उपयोग में लाया जा सकता है।
चिह्नित जल निकायों के जीर्णोद्धार के लिए बजट जारी कर दिया है। संबंधित अधिकारियों को काम शुरू करने के लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. देवांश यादव, नगर आयुक्त, जम्मू