गुलाम नबी आजाद बोले: दरबार मूव बंद होने से जम्मू को होगा अधिक नुकसान, परिसीमन जनसंख्या और क्षेत्र के आकलन पर हो
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधानसभा न होने से जम्मू-कश्मीर पिछले चार साल में हर क्षेत्र में पिछड़ा है। राज्य को आगे ले जाने के लिए गवर्नर रूल या उपराज्यपाल शासन असली हल नहीं है। सदन में जासूसी कांड पर कोई नहीं बात नहीं हुई है। पत्थरबाजों का पहले भी सत्यापन होता था, नई बात नहीं है। देशविरोधी भी पहले से ही जेलों में बंद हैं।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में दरबार मूव को बंद करने से जम्मू को अधिक नुकसान होगा। जम्मू के कारोबारी, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, छोटे दुकानदार, होटल व्यवसाय आदि छह माह तक दरबार मूव के साथ आने वाले लोगों पर निर्भर होते हैं। लेकिन दरबार मूव बंद होने से ये सारे क्षेत्र सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। सरकार को ऐतिहासिक मुबारक मंडी में होटल खोलने से पहले उसका पूर्ण जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।

सोमवार को पत्रकारों से रूबरू होते हुए आजाद ने कहा कि एलजी मनोज सिन्हा केंद्र सरकार से 200-400 करोड़ रुपये लें और मुबारक मंडी को पुरानी शक्ल में वापस लाएं। उनकी सरकार में मुबारक मंडी के जीर्णोद्धार के लिए प्रारंभिक स्तर पर 40 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। लेकिन सही में 1947 के बाद ही मुबारक मंडी के जीर्णोद्धार को उचित प्रयास नहीं किए गए। जम्मू में मंदिरों के बाद पर्यटकों को दिखाने के लिए मुबारक मंडी ही ऐेतिहासिक स्थल है और इसके विस्तार से स्थानीय पर्यटन और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले 3-4 साल से लोकतंत्र में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं। ब्यूरोक्रेसी का काम इंडोर है और जनप्रतिनिधियों का आउटडोर।
साढ़े तीन साल से विधानसभा भंग है। परिसीमन प्रक्रिया जल्द पूरी करें, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दें और फिर चुनाव करवाएं। इसके साथ जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की जमीन और नौकरी की सुरक्षा का प्रावधान हो और कश्मीर पंडितों का स्थायी पुनर्वास किया जाए। सदन में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने का आश्वासन दिया था और इस आश्वसान पर शार्ट टर्म में काम होना चाहिए, जो लोगों के हित में है। राज्य का दर्जा वापस मिलने पर चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।
2024 के लक्ष्य पर सभी दल अपनी कमजोरियां दूर करें, असम-मिजोरम पुलिस के बीच भिड़ंत देश हित में नहीं
2024 के चुनाव मिशन में मोदी सरकार को हराने के सवाल पर आजाद ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी दलों को अपनी कमजोरियों को ठीक करने पर काम करना चाहिए। हालांकि, 2024 अभी दूर है। ममता बनर्जी का अलग फ्रंट बनाना मुझे ठीक नहीं लगता है। आजाद ने कहा कि असम और मिजोरम पुलिस के बीच हुई भिड़ंत देश हित में नहीं है। ये शायद देश में पहली बार हुआ है कि जब दो राज्यों के जवान आपस में टकराए हैं। इसके लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
37 विधानसभा क्षेत्रों से 110 शिष्टमंडल मिले
आजाद ने कहा कि वह जम्मू संभाग के दस जिलों का दौरा करने के इच्छुक थे, लेकिन कोविड और बरसात के कारण ऐसा नहीं हो सका। जम्मू में उनसे 37 विधानसभा क्षेत्रों से 110 शिष्टमंडल मिले हैं। जिसमें जम्मू संभाग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
पहले भी करता था आगे भी प्रचार करता रहूंगा
आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार पर आजाद ने कहा कि वह पार्टी के लिए पहले भी प्रचार करते थे और आगे भी इसे जारी रखेंगे। आजाद ने कहा कि महंगाई और किसानों के मुद्दे पर भाजपा सरकार संवेदनशील नहीं है। सरकार के विकास के प्रस्ताव जमीनी स्तर के बजाय कागजों में अधिक हैं। सर्वदलीय बैठक के बाद करीब डेढ़ साल बाद जम्मू-कश्मीर में परिमीसन आयोग पहुंचा है। लेह में हुए नए बदलाव पर आजाद ने कहा कि वर्तमान में कारगिल और लेह वाले भी राज्य की मांग कर रहे हैं। आजाद तीन दिन के दौरे के बाद मंगलवार को दिल्ली लौटेंगे।