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जम्मू-कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स: स्कूलों को खोलने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम करें स्थापित, दरबार मूव की प्रक्रिया हो बहाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: करिश्मा चिब
Updated Wed, 18 Aug 2021 03:21 PM IST
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सार
कारोबारियों ने कहा कि दरबार मूव प्रक्रिया के रुकने से जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच पारंपरिक सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे पर असर पड़ेगा।

दरबार मूव व्यवस्था
- फोटो : अमर उजाला, फाइल
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विस्तार
जम्मू में दरबार मूव की प्रक्रिया को जारी रखा जाए। यह मांग चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने सरकार से उठाई है। कहा कि दरबार मूव के बंद होने से स्थानीय कारोबारियों को नुकसान होगा। इसके अलावा होटल, ट्रांसपोर्ट आदि क्षेत्र भी प्रभावित होंगे।

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इस प्रक्रिया के रुकने से जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच पारंपरिक सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे पर असर पड़ेगा। मंगलवार को चैंबर के शिष्टमंडल ने प्रधान अरुण गुप्ता के नेतृत्व में उप राज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर से मुलाकात कर कारोबारियों के मुद्दों को उठाया। इसके साथ सिंगल विंडो सिस्टम की स्थापना के साथ प्रदेश में स्कूलों को खोलने की मांग की गई।
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गुप्ता ने कहा कि दरबार मूव की प्रक्रिया से छह माह तक जम्मू के खासतौर पर छोटे कारोबारियों को कश्मीर से आने वाले कर्मियों और उनके परिवारवालों का इंतजार रहता है। इससे छह माह तक जम्मू के कारोबार को गति मिलती है। इसके साथ दोनों हिस्सों के लोगों में आपसी प्यार और भाईचारा बढ़ता है। लेकिन दरबार मूव की प्रक्रिया बंद होने से दोनों हिस्सों में दूरियां बढ़ने की अधिक आशंका है।
इसके अलावा सलाहकार के समक्ष प्रदेश में विशेष रूप से व्यापारियों के लिए कोविड टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की मांग की गई। प्रतिष्ठानों पर दैनिक आधार पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिससे कारोबारियों के संक्रमित होने की आशंका रहती है।
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औद्योगिक और दूसरे क्षेत्रों की जर्जर हालत के लिए आरएंडबी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो
चैंबर ने वेयर हाउस, ट्रांसपोर्ट नगर आदि औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों की जर्जर हालत पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण की निगरानी और रखरखाव के लिए आरएंडबी विभाग के इंजीनियरों और अन्य अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
उन्होंने महाजन और खत्री समुदायों के सदस्यों को प्रदेश में कृषि भूमि खरीदने से रोक के मामले को उठाया। खड्डों पर लोगों की पंजीकृत और कानूनी संपत्ति होने के मामले देखने की जरूरत है, क्योंकि राजस्व अधिकारियों द्वारा बनाई गई अराजकता के कारण वे अपनी संपत्ति को बेचने और खरीदने में सक्षम नहीं हैं।