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Jammu Kashmir: देश में सबसे ज्यादा बिजली का नुकसान झेल रहा जम्मू-कश्मीर, लाइन लॉस 48% से ऊपर

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Mon, 08 Dec 2025 01:09 PM IST
सार

जम्मू-कश्मीर में बिजली वितरण और ट्रांसमिशन के दौरान 48% से अधिक हानि हो रही है, जो देश में सबसे अधिक है, जबकि हिमाचल प्रदेश और पंजाब में यह आंकड़ा 15.63% और 14.03% है। केंद्र सरकार ने बिजली चोरी, कमजोर ढांचा और पुरानी लाइनों को इसका मुख्य कारण बताया है, जबकि देश का औसत लाइन लॉस 17.63% दर्ज किया गया है।

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Jammu and Kashmir is suffering the highest electricity losses in the country.
सांकेतिक तस्वीर
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विस्तार
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बिजली वितरण में होने वाली हानि यानी लाइन लॉस के मामले में जम्मू-कश्मीर देश में पहले स्थान पर है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बिजली का बड़ा हिस्सा ट्रांसमिशन और वितरण के दौरान ही गुम हो जाता है।

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हिमाचल और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में जहां लाइन लॉस काफी कम है वहीं जम्मू-कश्मीर में यह आंकड़ा 48 फीसदी से भी अधिक दर्ज किया गया है।

केंद्र सरकार ने माना है कि बिजली चोरी, कमजोर ढांचा और पुरानी लाइनें इसकी प्रमुख वजह हैं। लोकसभा में दिए गए एक जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री वीरेंद्र सिंह ने बताया कि देश में ट्रांसमिशन लाइन से होने वाला नुकसान आमतौर
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पर तीन से चार फीसदी के बीच रहता है।

वर्ष 2023-24 में उत्तर क्षेत्र में ट्रांसमिशन लॉस 3.15 फीसदी, पश्चिम में 3.12, दक्षिण में 3.46, पूर्व में 4.24 और उत्तर-पूर्व में 3.89 फीसदी रहा। जब वितरण स्तर को शामिल किया गया तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कुल लाइन लॉस 48.08 फीसदी दर्ज हुआ जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इसके मुकाबले हिमाचल प्रदेश में यह 15.63 और पंजाब में 14.03 फीसदी रहा। देश का औसत लाइन लॉस 17.63 फीसदी रहा।

चोरी और पुराना ढांचा बड़ी वजह
विद्युत विकास विभाग के उप सचिव समिंदर सिंह के अनुसार प्रदेश में अधिक लाइन लॉस की सबसे बड़ी वजह कमजोर तार, पुरानी लाइनें और कई इलाकों में जारी बिजली चोरी है। विभाग का कहना है कि खराब तारों को बदला जा रहा है, टूटे खंभों की मरम्मत हो रही है और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।

कई फीडरों को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि तकनीकी नुकसान कम हो सके। घाटे वाले क्षेत्रों की पहचान कर विशेष टीमें बनाई गई हैं जो तकनीकी और वाणिज्यिक दोनों तरह के नुकसान पर नजर रख रही हैं। चोरी रोकने और सही खपत का डेटा प्राप्त करने के लिए कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। हाई वोल्टेज सिस्टम का विस्तार भी किया जा रहा है, जिससे लंबी दूरी में होने वाला नुकसान कम किया जा सके।

केंद्र रख रहा राज्यों की स्थिति पर नजर
केंद्र सरकार भी वोल्टेज प्रबंधन सुधारने के लिए स्काडा और ऊर्जा प्रबंधन तकनीक का उपयोग बढ़ा रहा है। राज्यों को अपने ढांचे को मजबूत करने के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता भी दी जा रही है ताकि लाइन लॉस पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। देश के कई अन्य राज्यों में भी लाइन लॉस की स्थिति देखी गई है, लेकिन जम्मू कश्मीर की तुलना में यह काफी कम है। दिल्ली में लाइन लॉस 15.13 फीसदी, हरियाणा में 17.96, राजस्थान में 22.85, उत्तर प्रदेश में 19.02, बिहार में 21.54, झारखंड में 19.27 और त्रिपुरा में 28.70 फीसदी दर्ज किया गया है।

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