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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डोडा में तीन हफ्तों बाद खुले शिक्षण संस्थान, इंटरनेट सेवाएं भी बहाल

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Tue, 16 Sep 2025 11:51 AM IST
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सार

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आप विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते तीन हफ्तों से बंद शिक्षण संस्थान और इंटरनेट सेवाएं अब बहाल कर दी गई हैं। कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में अब भी एहतियाती प्रतिबंध जारी हैं और सोशल मीडिया पर निगरानी तेज की गई है।

Jammu Kashmir: Educational institutions opened in Doda, Jammu and Kashmir after three weeks, internet services
जम्मू-कश्मीर पुलिस - फोटो : निकिता गुप्ता
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विस्तार
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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में लगभग तीन हफ्तों के बाद सोमवार को सभी शिक्षण संस्थान फिर से खुल गए। अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला 8 सितंबर को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेराज मलिक की जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण लिया गया था।

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अधिकारियों ने बताया कि स्थिति में सुधार के बाद ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगे प्रतिबंधों को भी जिले के अधिकांश हिस्सों से हटा लिया गया है। हिरासत में लिए गए 81 लोगों में से 70 को भी रिहा कर दिया गया है। 
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कुछ इलाकों में अब भी है प्रतिबंधडोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप मेहता ने बताया जिले में कहीं भी कोई प्रतिबंध नहीं है, सिवाय उन क्षेत्रों के जो पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शनों (मलिक की हिरासत के खिलाफ) का केंद्र बने थे। हमें जानकारी मिली है कि कुछ तत्व शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं, इसलिए एहतियात के तौर पर (कहारा और चिल्ली-पिंगल क्षेत्रों में) प्रतिबंध जारी हैं।

सोशल मीडिया पर सख्ती
मेहता ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी कि भड़काऊ वीडियो अपलोड करने या शांति भंग करने के इरादे से फर्जी खबरें साझा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा आप ने मलिक की पीएसए हिरासत को चुनौती देने के लिए अपनी कानूनी टीम बनाई है, इसलिए कानून को अपना काम करने दें। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं, विशेषकर युवाओं को किसी भी साजिश से दूर रहने या शरारती तत्वों द्वारा गुमराह न होने की सलाह दी जाती है। 

गलत जानकारी साझा करना अपराधअधिकारी ने कहा कि भ्रामक या भड़काऊ पोस्ट मिलने पर जनता को उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट करने या आधिकारिक हेल्पलाइन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बिना पुष्टि वाली या भड़काऊ सामग्री फैलाना एक गंभीर अपराध है, जिसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

बच्ची की मौत की जांच जारी
9 सितंबर को एक दो साल की बच्ची की अस्पताल ले जाते समय ट्रैफिक जाम में फंसने से हुई मौत के बारे में पूछे जाने पर, एसएसपी ने बताया कि एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति मामले की जांच कर रही है। 

विरोध प्रदर्शनों के बाद बंद हुए थे संस्थानआप की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मलिक को जिले में सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उनकी हिरासत के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं सहित कई प्रतिबंध लगाए गए थे। जबकि 26 अगस्त से 6 सितंबर के बीच रिकॉर्ड बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग दो सप्ताह तक बंद रहने के बाद जम्मू क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में स्कूल 8 सितंबर को खुले थे, लेकिन विरोध प्रदर्शनों के कारण डोडा में शिक्षण संस्थान नहीं खुल पाए थे।

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