Jammu Kashmir: जम्मू में बनेगा पहला पांच सितारा होटल, उमर सरकार ने पर्यटन को दी रफ्तार
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पांच सितारा होटल बनाने और पर्यटन परियोजनाओं को गति देने की घोषणा की, साथ ही दरबार मूव की वापसी का वादा किया।

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शहर जम्मू का पहला पांच सितारा होटल पटनीटाप में प्रदेश सरकार बनवाएगी। इसके अलावा प्रदेश खासकर जम्मू की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार पर्यटन व स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देगी व सांस्कृतिक धरोहरों पर ध्यान केेन्द्रित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लंबित पर्यटन परियोजनाओं को गति देने का निर्देश दिया है।

वे जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) की ओर से संगठन के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर जेसीसीआई ने मुख्यमंत्री चुने जाने पर उमर अब्दुल्ला को सम्मानित भी किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर्यटकों को रोकने के लिए आकर्षक परियोजनाएं लाई जानी चाहिए। जम्मू संभाग के पर्यटन स्थलों पर वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ाकर अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। करीब ढाई घंटे की मैराथन बैठक कर पर्यटन, उद्योग और उनके मुद्दों को सुना और उन्हें प्राथमिकता पर हल करने का आश्वासन दिया।
तवी रिवर फ्रंट से मुबारक मंडी तक की परियोजनाओं में तेजी लाने को कहामुख्यमंत्री ने तवी रिवर फ्रंट, कृत्रिम झील और ऐतिहासिक मुबारक मंडी हेरिटेज कांप्लेक्स परियोजना में तेजी लाने पर जोर दिया। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जम्मू संभाग के प्रतिष्ठित धार्मिक और पर्यटन स्थलों का प्रचार बढ़ाने को कहा। उद्यमियों ने पीरपंजाल पर्वत श्रृंखला, पुंछ, राजोरी, सुरिंसर, मानसर, सनासर, बनी, बसोहली, भद्रवाह में पर्यटन का विस्तार करने और नई संभावनाओं पर काम करने पर जोर दिया।
स्थानीय उद्योगों को उनकी दिक्कतों से उबारेगी सरकारसीएम ने अपनी सरकार के इस संकल्प की फिर से पुष्टि की कि वह स्थानीय उद्योगों को उनके वर्तमान संघर्षों से उबारने में मदद करेगी। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र द्वारा सामना किए जा रहे लगातार संघर्षों को स्वीकार किया। सीएम ने कहा कि समस्याओं की कोई कमी नहीं है।
अगर मैं कहूं कि ये समस्याएं केवल पिछले दशक में उभरी हैं, तो यह गुमराह करना होगा। ये समस्याएं नई नहीं हैं, और यह केवल जम्मू और कश्मीर के संघ राज्य क्षेत्र बनने का परिणाम नहीं हैं। हालांकि, संघ राज्य क्षेत्र बनने से निश्चित रूप से इन समस्याओं में इजाफा हुआ है। क्षेत्रीय भौगोलिक समस्याओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी स्थिति के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जम्मू और कश्मीर देश के एक कोने में स्थित है। हमारा बाजार बहुत छोटा है, और हमारे कच्चे माल का आधार भी सीमित है। जो उद्योग कच्चे माल के आयात और तैयार उत्पादों के निर्यात पर निर्भर हैं, वे बिना सरकारी सहायता के खुद को बनाए नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की सहायता करना हमारी जिम्मेदारी है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन को आने वाले तीर्थयात्रियों को स्थानीय पर्यटन की ओर मोडेंमुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के काफी अफसर हैं। हर साल एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू आते हैं। अगर हम इन तीर्थयात्रियों में से केवल 15% को स्थानीय पर्यटन स्थलों पर मोड़ सकें, तो हमें तुरंत 15 लाख पर्यटक मिल जाएंगे। हमने कश्मीर के पर्यटन को केवल 15 लाख पर्यटकों के साथ ही संचालित किया है। उन्होंने जम्मू की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डोगरा संस्कृति अनमोल खजानामुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डोगरा संस्कृति जम्मू का अनमोल खजाना है। हमारी परंपराएं भोजन और विशेषताएं अतुलनीय हैं और इन्हें पर्यटन के प्रमुख आकर्षण के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। दरबार मूव के पुनरुद्धार पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू शहर की जीवन्तता पर इसके सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया।
शहर की पहचान दरबार मूव से, इसे जल्द शुरू करेंगेसीएम ने कहा कि जम्मू शहर की पहचान दो वार्षिक दरबार मूव से थी। छह महीने के लिए, श्रीनगर से लोग यहाँ काम करने आते थे, जिससे शहर में एक जीवंत वातावरण बनता था। यह दोनों तरफ के लोगों के बीच इंटरएक्शन को बढ़ावा देता था, चाहे वह वेव मॉल हो, रेजीडेंसी रोड हो, या गोल मार्केट हो। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम भविष्य में दरबार मूव को फिर से शुरू करेंगे। दुर्भाग्यवश, समय की कमी के कारण हम इसे इस बार शुरू नहीं कर पाए।
औद्योगिक पैकेज पर निर्भरता को लेकर बोले-जमीन से जुड़े उद्योग ही टिके रहते हैंऔद्योगिक पैकेजों के प्रभाव पर सीएम ने कहा कि यह अस्थिर प्रकृति है। जो उद्योग केवल पैकेजों के द्वारा आकर्षित होते हैं, वे तब तक रहते हैं जब तक इनाम मिलते हैं। एक बार लाभ खत्म होने पर वे छोड़कर चले जाते हैं। वे उद्योग जो इस भूमि से जुड़े होते हैं, वही टिकते हैं।
मुख्यमंत्री ने संस्थानों और व्यवसायों के लिए पट्टा समझौतों से जुड़ी समस्याओं को भी उजागर किया। कहा कि आज, पट्टे पर दी गई ज़मीन पर स्कूलों से 10 साल का पट्टा मांगा जा रहा है, अन्यथा उनका पंजीकरण नवीनीकरण नहीं होगा। इसी तरह, पट्टे पर दी गई ज़मीन पर स्थित होटलों को मामूली मरम्मत भी करने की अनुमति नहीं है क्योंकि उनके पास वैध पट्टे नहीं हैं। इन समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उमर अब्दुल्ला ने अपने समापन में यह आश्वासन दिया कि उनकी सरकार औद्योगिक समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आप जो भी मुद्दे चाहते हैं कि हम वित्त मंत्री के साथ उठाएं, कृपया मुझे एक विस्तृत नोट दें। हम इन्हें भारत सरकार के पास लेकर जाएंगे और ठोस समाधान की दिशा में काम करेंगे।
उद्यमियों ने इन मुद्दों को सामने रखा-फ्री होल्ड अधिकारों के मामले में जेडीए के साथ हाउसिंह बोर्ड निर्माण आदि के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं हो,
वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए आवासीय क्षेत्रों में भूमि उपयोग में परिवर्तन करने पर ध्यान केंद्रित करने, लीज होल्ड औद्योगिक भूमि का मालिकाना हक देने की योजना बने।- तीन दशक से लंबित जेडीए/हाउसिंग बोर्ड द्वारा नई वाणिज्यिक क्षेत्र व आवासीय कालोनियों का निर्माण करना, व्यापारियों को उचित प्रीमियम लेने के बाद मालिकाना हक मिले। गोदाम के लिए जमीन उपलब्ध करवाया जाए।
जम्मू में मास्टर प्लान के प्रगतिशील सुधार पर ध्यान देने, शिवा मार्केट रेलवे स्टेशन के आवंटियों को अधिकार देने, सब्जी व फल मंडी कुछ आवंटियों की लीज नवीनीकृत करना, बाहु प्लाजा की व्यावसायिक दुकानों के कुछ आवंतियों को प्रोसेशन व लीज डीड देना, गांधीनगर हाउसिंग कालोनी का विस्तार करके नए निर्माणों के लिए अनुमति के मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।