{"_id":"693b202c015c7e6b980d834d","slug":"jammu-lg-handed-over-appointment-letters-to-41-family-members-of-terror-victims-2025-12-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jammu: आतंक पीड़ितों के 41 परिजनों को एलजी ने सौंपे नियुक्ति पत्र, कहा- बख्शे नहीं जाएंगे दहशतगर्द और सरपरस्त","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jammu: आतंक पीड़ितों के 41 परिजनों को एलजी ने सौंपे नियुक्ति पत्र, कहा- बख्शे नहीं जाएंगे दहशतगर्द और सरपरस्त
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 12 Dec 2025 01:19 AM IST
सार
जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकी ईकोसिस्टम में ही ऐसे लोग छिपे बैठे हैं जो देश के खिलाफ गलत धारणा फैला रहे हैं।
विज्ञापन
एलजी मनोज सिन्हा कन्वेंशन सेंटर में आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात करते हुए।
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को 41 आतंक पीड़ितों के परिजन समेत 82 लोगों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। इस मौके पर उन्होंने आतंकियों, अलगाववादियों व उनके समर्थकों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वो दिन गए जब इन्हें सरकारी नौकरी मिलती थी। फूल-माला से स्वागत होता था। अब आतंकी और उनके एजेंट चाहे सीमा पार हों या इस पार उन्हें नहीं बख्शा जाएगा। ऐसे लोगों को अब नौकरी नहीं गोली मिल रही है और मिलती रहेगी।
Trending Videos
जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकी ईकोसिस्टम में ही ऐसे लोग छिपे बैठे हैं जो देश के खिलाफ गलत धारणा फैला रहे हैं। नकारात्मकता लोगों के दिमाग में भरने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति खरीदी नहीं जाती उसे बहाल करना पड़ता है। कहा- जिन्हें प्रशासनिक उदासीनता ने न्याय से वंचित रखा, उनका अंधकार दूर हुआ
विज्ञापन
विज्ञापन
एलजी ने कहा कि जो लोग प्रशासनिक उदासीनता के कारण न्याय से वंचित थे, उनके जीवन का अंधकार 2025 में खत्म हुआ। वीरवार को कन्वेंशन सेंटर जम्मू में एसआरओ-43 और रिहैबिलिटेशन असिस्टेंस स्कीम (आरएसएस) के तहत नियुक्ति पत्र बांटे गए। इसमें जम्मू संभाग के सभी दस जिलों के कुल 82 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जिसमें आतंकवाद पीड़ितों के 41 परिजन शामिल थे। वहीं आयु छूट के 22 मामलों और पुलिस शहीदों के 19 आश्रितों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
दुख, डर और असुरक्षा में जी रहे लोगों के लिए नई सुबह
उपराज्यपाल ने 28 जून 2005 की दिल दहला देने वाली घटना के बारे में बताया, जब नसीब सिंह के पिता धरम सिंह और राजोरी के कोटरंका के चार अन्य लोगों को आतंकवादियों ने बेरहमी से मार डाला था। दो दशकों तक, नसीब सिंह और उनके परिवार को दुख, लगातार डर और असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा अब उनके जीवन के बुरे दिन खत्म हो गए हैं। यह परिवार के लिए उम्मीदों और सपनों की एक नई सुबह है।
रियासी के अख्तर हुसैन को 13 जुलाई, 2005 को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी पत्नी और बच्चों को दो दशकों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 15 नवंबर, 2004 को एसपीओ संजीत कुमार की उनके दोस्त के साथ किश्तवाड़ के बालन टुंडवा में दो आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी, जब वे एक पड़ोसी की शादी की तैयारी कर रहे थे। ऐसे हजारों मामले है जिनमें पीड़ितों को न्याय नहीं मिला था लेकिन उन्हें न्याय, सम्मान और नौकरी सभी मिल रहा है। कार्यक्रम में डीजीपी नलिन प्रभात, प्रधान सचिव गृह चंद्रकर भारती, आयुक्त सचिव, जीएडी एम राजू, वरिष्ठ अधिकारी और आतंकवाद पीड़ितों के परिवार के सदस्य मौजूद थे।
कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रहा प्रदेश का विकास
उपराज्यपाल ने कहा, जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास हो यह देखकर कुछ लोगों को दर्द होने लगता है। उन्होंने कहा जिम्मेदार लोगों के बयानों से मैं आश्चर्यचकित हो जाता हूं। उपराज्यपाल ने कहा कि देश और जम्मू-कश्मीर अब बदल चुका है। यहां आतंकियों और उनके समर्थकों को फूल-माला पहनाने के लिए कोई जगह नहीं है। अब प्रशासन यह पुख्ता कर रहा है कि ऐसे लोगों को कठोर से कठोर सजा मिले।
आतंकवाद का खात्मा सुरक्षाबल करेंगे, हमें आपका सहयोग चाहिए
उपराज्यपाल ने कहा, आतंकवाद का खात्मा सेना, पुलिस और सुरक्षाबल करेंगे लेकिन इसमें समाज का सहयोग सबसे ज्यादा होना चाहिए। अब लोग सुरक्षाबलों को आक्रमणकारी नहीं अपना संरक्षक मानते हैं। उन्होंने कहा कि पहले आतंकवाद के पीड़ितों को डराया जाता था। अब वे खुलकर आगे आ रहे हैं। एलजी ने वादा करते हुए कहा कि मैं उन परिवारों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा वापस दिलाऊंगा जिन्होंने सबसे बड़ी कीमत चुकाई है। आतंकवाद के असली पीड़ितों और सच्चे शहीदों को नौकरी देना इस बात का सबूत है कि देश उनके साथ खड़ा है। एलजी ने कह, जो लोग अलगाववाद फैला रहे हैं। राष्ट्रीय एकता को खतरा पहुंचा रहे हैं, उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।