सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jammu and Kashmir ›   Jammu News ›   Kashmiri Pandit said – It feels like we are back in the 1990s again

कश्मीरी पंडितों का दर्द: 'हम फिर से 90 के दशक में लौट गए, दुकानें ही सहारा थीं, अब कोई कमाई का जरिया नहीं'

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 23 Nov 2024 12:17 PM IST
विज्ञापन
सार

कश्मीरी पंडितों ने मुट्ठी में दुकानों के विध्वंस के बाद पुनर्वास की मांग की, आरोप लगाया कि सरकारी राहत राशि अपर्याप्त है और कोई अधिकारी मदद को नहीं आया।

Kashmiri Pandit said – It feels like we are back in the 1990s again
कश्मीरी पंडित - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) की ओर से मुट्ठी चरण-2 में दुकानों ध्वस्त होने के बाद कश्मीरी पंडितों ने राहत एवं पुनर्वास आयुक्त से पुनर्वास का आग्रह किया है। कार्रवाई में 12 दुकानें तोड़ी गई हैं, जिनमें से 8 दुकानें पंडितों की हैं।कश्मीरी प्रवासी दुकान मालिकों ने कहा कि सरकारी राहत राशि परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। वे दुकानों से होने वाली कमाई पर निर्भर हैं। फेज-2 मुट्ठी कैंप के प्रवासी क्वार्टरों में रहने वाले कश्मीरी प्रवासी तीस वर्षों से अधिक समय से क्वार्टरों के सामने दुकानें खोलकर गुजारा कर रहे हैं। दुकानें बिना किसी नोटिस के गिरा दी गई। अब उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। केवल सरकारी प्रवासी राहत पर ही निर्भर हैं। 

Trending Videos


आधे घंटे की कार्रवाई के बाद सब पंडित सड़क परएक दुकान मालिक अशोक रैना ने बताया कि 90 के दशक में आया था। मेरी दुकान 35 वर्षों से यहां थी। हमने दुकानों में काम किया। आजीविका के लिए छोटी दुकानें शुरू कीं। बीते दिनों जेडीए को कुछ निर्देश मिले, जिसके बाद बिना नोटिस के दुकानें खाली करने को कहा। करीब आधे घंटे में कार्रवाई के बाद सब पंडित सड़क पर थे। ऐसा महसूस हो रहा था जैसे हम फिर से 90 के दशक में आ गए हैं। आयुक्त ने सामान रखने के लिए जगह आवंटित की। हमें बताया गया है कि पुनर्वास किया जाएगा। लेकिन, कोई भी सरकारी अधिकारी सुध लेने नहीं आया।
विज्ञापन
विज्ञापन


एक अन्य दुकान मालिक ने कहा कि ये जमीन राजस्व प्राधिकरण की हैं। हमने अस्थायी घर बनाए हैं। किसी ने भी इस कृत्य की निंदा नहीं की। कहां जाएंगे, तीन साल से इसके लिए लड़ रहे हैं। वहां स्टे था। जेडीए को नई दुकानें बनने तक तोड़फोड़ नहीं करने को कहा गया। पुराने क्वार्टर बरकरार हैं। इसके बाद मलबा नहीं हटाया गया है। यहां ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के निर्माण को मंजूरी मिल गई है, लेकिन काम 6 महीने बाद शुरू होगा। राहत आयोग ने वादा किया है कि नई दुकानें बनाई जाएंगी, लेकिन राज्य सरकार का कोई अधिकारी यहां नहीं आया। उन्होंने कहा कि जेडीए दो महीने तक इंतजार कर सकता था। 10 परिवार आजीविका चला रहे थे।

प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी दुकानें : आयुक्तराहत और पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) अरविंद करवानी ने कहा कि दुकानें जेडीए की जमीन पर बनाई गई थीं। जेडीए ने उन्हें ध्वस्त कर दिया है। हमारे पास अधिक विवरण नहीं है, क्योंकि जेडीए अलग एजेंसी है। पहले ही मुट्ठी चरण-2 प्रवासी शिविर के लिए निविदा की जा चुकी है।

स्थानीय लोगों की मांग थी कि अन्य कैंपों की तरह दुकानों का निर्माण कराया जाए। टेंडर हो चुका है और जल्द ही काम शुरू होगा। जिनकी दुकानें 1990 के दशक से हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। सभी पात्र लोगों को दुकानें मिलेंगी। जहां के बाद अवैध ढांचे गिराए गए हैं। यहां पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए क्वार्टर बनाए जाएंगे। इसके बाद अभी तक कोई तोड़फोड नहीं की है। इसके लिए नोटिस जारी किए गए थे।

अपनी पार्टी के नेताओं ने की पीड़ितों से मुलाकातजम्मू। अपनी पार्टी के नेताओं ने शुक्रवार को लोअर मुटठी में जेडीए की कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। महासचिव युवा विंग एवं प्रवक्ता अभय बकाया ने कहा कि कश्मीरी पंडित सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनके पास कमाई का दूसरा कोई जरिया नहीं है। ये लोग दुकानें चलाकर परिवार चला रहे थे। जेडीए को इनका पुनर्वास करना चाहिए।

जेडीए इस तरह की कार्रवाई पहले भी कर चुका है। ऐसी स्थिति में समुदायों के गरीबों और हाशिए पर रहने वाले परिवारों के लिए किफायती आवास योजनाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। जेडीए की मनमानी को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी और भविष्य में जम्मू में ऐसी कार्रवाई होने पर सभी वर्गों के लोग सड़कों पर उतरेंगे। इस मौके पर जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष वैभव मट्टू, अध्यक्ष टीआरटी नगरोटा चंद भट्ट, प्रभारी बुट्टा नगर और पुरखू कैंप जीएल पंडिता, भूषण लाल भट्ट आदि मौजूद रहे। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed