{"_id":"692f3661eccf88a9480c6767","slug":"rubia-abduction-case-cbi-suffers-major-setback-from-tada-court-shafat-released-2025-12-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"रूबिया अपहरण कांड: सीबीआई को टाडा कोर्ट से बड़ा झटका... शफात रिहा, अदालत को संतुष्ट नहीं कर पाई चार्जशीट","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
रूबिया अपहरण कांड: सीबीआई को टाडा कोर्ट से बड़ा झटका... शफात रिहा, अदालत को संतुष्ट नहीं कर पाई चार्जशीट
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:27 AM IST
सार
चार्जशीट दाखिल करने के बाद सीबीआई ने कस्टडी के लिए जो तर्ज रखे थे उससे अदालत संतुष्ट नहीं हुई।
विज्ञापन
demo
- फोटो : Adobe Stock
विज्ञापन
विस्तार
पूर्व मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के करीब 36 साल पुराने मामले में सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। मामले में गिरफ्तार किए गए शफात अहमद शांगलू को जम्मू की स्पेशल टाडा कोर्ट ने मंगलवार को एजेंसी की कस्टडी में देने से इन्कार करते हुए रिहा कर दिया।
Trending Videos
शफात को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के मुखिया यासीन मलिक का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। गत सोमवार को सीबीआई ने श्रीनगर के निशात स्थित आवास से उसे गिरफ्तार किया था। उस पर रूबिया सईद अपहरण मामले में 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। मंगलवार को सीबीआई ने उसे स्पेशल टाडा कोर्ट में पेश किया। अपहरणकांड को लेकर पूछताछ करने के सिलसिले में सीबीआई ने शफात की कस्टडी मांगी थी लेकिन कोर्ट ने उसके खिलाफ जांच एजेंसी की चार्जशीट में कुछ भी नहीं मिलने का हवाला देते हुए आवेदन को नामंजूर कर दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
हालांकि, सीबीआई के वकील एसके भट ने कहा-हमने शफात की कस्टडी के लिए उसे स्पेशल टाडा कोर्ट में पेश किया था। हमें कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार है। उधर, यासीन मलिक टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है। उसको गृह मंत्रालय के एक आदेश के कारण कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा है। इस आदेश में उसकी आवाजाही पर रोक लगाई गई है। 56 साल के मलिक को पिछले साल मई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने सजा सुनाई थी। उसे वर्ष 2019 की शुरुआत में एनआईए की ओर से रजिस्टर किए गए 2017 के टेरर-फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
यह था मामला
वर्ष 1989 में आठ दिसंबर को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का श्रीनगर के ललदेद हॉस्पिटल के पास से अपहरण कर लिया गया था। पांच दिन बाद तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने रूबिया को मुक्त कराया था। इसके बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।