'गिरफ्तारी के समय कपड़े पहनने नहीं दिए': सोनम वांगचुक की पत्नी का राष्ट्रपति को पत्र, साजिश का किया जिक्र
सोनम वांगचुक की पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। पत्नी ने पति की गैर-कानूनी हिरासत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय कपड़े पहनने नहीं दिए गए और दवाओं की व्यवस्था का पता नहीं है। उन्होंने चार साल से चली साजिश का जिक्र किया।

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पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने बुधवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उन्हें (वांगचुक) गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिए जाने का आरोप जड़ा। कहा, अब तक न किसी अधिकारी ने फोन किया है। न पति से बात कराई है।

गीतांजलि ने कहा, हिरासत में लेते वक्त वांगचुक को ठीक से कपड़े भी नहीं पहनने दिए गए। पता नहीं उन्हें नए कपड़े और दवाएं दी गई हैं या नहीं। कहा, उपवास से वांगचुक कमजोर हो गए थे। 26 सितंबर को लेह एसएचओ इंस्पेक्टर रिगजिन गुरमेत ने फोन कर कहा कि गुरमेत ने सोनम को हिरासत में लिए जाने की सूचना दी।
आरोप लगाया कि गुरमेत ने कहा था कि सोनम गिरफ्तार नहीं है, क्योंकि कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। उन्होंने जोधपुर पहुंचने के बाद मेरी मेरे पति से बात कराने का भरोसा दिलाया, लेकिन मुझे फ्यांग गांव में सीआरपीएफ की निगरानी में रखा गया। वहां स्थित हमारे संस्थान के दो सदस्यों को भी पुलिस हिरासत में रखा गया। मीडिया को भी हमसे बात करने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि सच्चाई दुनिया तक न पहुंच सके।
हिलाल से जुड़ी सारी जानकारी मांगी
गीतांजलि ने पत्र में कहा, 30 सितंबर को उनके सुरक्षा गार्ड के जरिए उन्हें एक पत्र की प्रति मिली। इसमें एफआईआर संख्या का जिक्र करते हुए उनसे उनके संस्थान में रहने वाले, शिक्षकों, प्रशिक्षुओं और उनके माता-पिता, निवास स्थान, नामांकन संख्या, दूरभाष नंबर एवं नवीनतम तस्वीरें उपलब्ध कराने को कहा गया है। लद्दाख और पर्वतीय क्षेत्र के छात्रों की फेलोशिप, आवासीय सुविधाओं से जुड़ी जानकारी मांगी गई है।
चार साल से रची जा रही साजिश
वांगचुक की पत्नी ने पिछले चार साल से और खास तौर पर बीते एक माह से उनके पति के खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप जड़ा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या जलवायु परिवर्तन, पिघलते ग्लेशियरों, शैक्षिक सुधारों और जमीनी स्तर पर इनोवेशन के बारे में बोलना अपराध है? पिछले चार साल से गांधीवादी तरीके से पारिस्थितिक रूप से नाजुक, पिछड़े आदिवासी क्षेत्र के उत्थान के लिए आवाज उठाना क्या अपराध है? कम से कम ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं ही है।
वह किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में अपने पति को रिहा करने की अपील की है। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह जोधपुर जेल में बंद हैं। अंगमो ने आरोप लगाया कि जलवायु कार्यकर्ता के मनोबल को गिराने के लिए पिछले महीने से ही बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र के लिए तो बिल्कुल नहीं।
अंगमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को यह पत्र भेजा है। इस पत्र को उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृह मंत्री शाह से किए गए अनुरोधों का उल्लेख करते हुए अंगमो ने सवाल किया, जहां भी उन्हें रखा गया है, क्या मुझे अपने पति से फोन पर और व्यक्तिगत रूप से मिलने व बात करने का अधिकार नहीं है। क्या मैं अपने पति की स्थिति जानने की हकदार नहीं हूं, जो 26 सितंबर से हिरासत में हैं और जिनका मुझसे या हमारे किसी करीबी से कोई संपर्क नहीं है?- जलवायु कार्यकर्ता की पत्नी ने पूछा, क्या मुझे अपने पति से मिलने का हक नहीं।
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