ICAI CA: सपने पूरे करने का फॉर्मूला...मेहनत, भरोसा और अनुशासन, जम्मू-कश्मीर के होनहारों ने सीए में रचा इतिहास
जम्मू-कश्मीर के होनहार छात्रों ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के बल पर सीए फाइनल परीक्षा में सफलता हासिल की। टॉपर्स ने बताया कि मोबाइल से दूरी, निरंतर पढ़ाई और बार-बार रिवीजन ही उनकी कामयाबी की असली कुंजी रही।

विस्तार
सीए फाइनल परीक्षा में कामयाबी हासिल करने वाले जम्मू-कश्मीर के होनहारों ने अमर उजाला से बातचीत में अपनी सफलता के पीछे की कहानी साझा की। टॉपर्स ने बताया कि इस परीक्षा में सफलता आसान नहीं थी, लेकिन लगातार पढ़ाई, आत्मविश्वास और अनुशासन ने उन्हें मंजिल तक पहुंचाया।

प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाले उधमपुर शहर निवासी आयुष जांडियाल ने बताया कि सीए जैसी कठिन परीक्षा के लिए सबसे जरूरी है लगातार पढ़ते रहना और खुद पर भरोसा बनाए रखना। उन्होंने बताया कि मैं रोज 12 घंटे से ज्यादा पढ़ाई करता था। सीए की तैयारी में समय तो लगता है, लेकिन अगर आप लगातार लगे रहें तो सफलता मिलती ही है। आयुष की बारहवीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से हुई है। उनके पिता जुगल किशोर व्यापारी हैं।
निरंतरता के साथ अनुशासन और धैर्य भी जरूरी
दूसरे स्थान पर रहे मोहित गुजराल नौशेरा के रहने वाले हैं। उनके पिता एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल हैं। मोहित ने बताया कि उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई नौशेरा और बारहवीं की पढ़ाई जम्मू से की। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में निरंतरता के साथ अनुशासन और धैर्य बनाए रखना भी बहुत जरूरी है. मई महीने में परीक्षा थी, तो मैंने सितंबर से ही घर से बाहर निकलना और मोबाइल चलाना पूरी तरह बंद कर दिया था।
प्रदेश में पांचवी रैंक हासिल करने वाली मानसी चौधरी जम्मू जिले के खौड़ के मट्टू गांव की रहने वाली हैं। उनकी पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल रखमुठी से हुई है। मानसी के पिता यशपाल सेना में कार्यरत हैं। मानसी ने बताया कि उन्होंने हर विषय का बार-बार रिवीजन किया। सीए जैसी पढ़ाई को बीच में छोड़ना नहीं चाहिए और खुद पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। यही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।