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राहत: बारामुला से उड़ी तक न्यू रेल लाइन का सर्वे...एलओसी पर सैन्य पहुंच होगी आसान; क्यों जरूरी है ये प्रोजेक्ट
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 22 Oct 2025 02:15 PM IST
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सार
बारामुला से उड़ी तक न्यू रेल लाइन का सर्वे शुरू हो गया है। इस रेल लाइन के बनने के बाद एलओसी पर सैन्य पहुंच आसान होगी। करीब 40 किमी लंबी लाइन के लिए काम शुरू हो गया है। इसका टेंडर जल्द निकलेगा।
सांकेतिक तस्वीर
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विस्तार
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बारामुला से उड़ी तक 40 किमी से अधिक लंबी न्यू रेल लाइन परियोजना के काम में तेजी आ गई है। मंजूरी मिलते ही टेंडर और उसके तुरंत बाद सर्वे का काम शुरू हो गया है।
6600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, सर्व जल्द से जल्द पूरा कर इस पर काम शुरू किया जाएगा। दूसरी तरफ घाटी में रेल नेटवर्क के विस्तार के साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाए जाने की मांग भी उठने लगी है।
बारामुला-उड़ी न्यू लाइन जम्मू और कश्मीर के लिए एक नई रेलवे लाइन परियोजना है, जिसे रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी है। यह 40.2 किलोमीटर लंबी ब्रॉड गेज लाइन होगी, जो बारामूला को सीमावर्ती शहर उड़ी से जोड़ेगी। यह नियंत्रण रेखा के पास कनेक्टिविटी लाएगी, और यह सर्दियों में सड़क अवरोधों के कारण होने वाली परेशानी को भी दूर करेगी।
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6600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, सर्व जल्द से जल्द पूरा कर इस पर काम शुरू किया जाएगा। दूसरी तरफ घाटी में रेल नेटवर्क के विस्तार के साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाए जाने की मांग भी उठने लगी है।
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बारामुला-उड़ी न्यू लाइन जम्मू और कश्मीर के लिए एक नई रेलवे लाइन परियोजना है, जिसे रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी है। यह 40.2 किलोमीटर लंबी ब्रॉड गेज लाइन होगी, जो बारामूला को सीमावर्ती शहर उड़ी से जोड़ेगी। यह नियंत्रण रेखा के पास कनेक्टिविटी लाएगी, और यह सर्दियों में सड़क अवरोधों के कारण होने वाली परेशानी को भी दूर करेगी।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, बीते माह सितंबर में सड़क, परिवहन और राजमार्गों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 99वीं बैठक हुई थी। इसी बैठक में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने को लेकर मंथन हुआ था।
प्राप्त निर्देशों के बाद एक माह के भीतर सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। अफसरों का कहना है कि दिसंबर के अंत तक या जनवरी की शुरुआत में सर्वे रिपोर्ट आ जाएगी, उसी के आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।
6,600 करोड़ की लागत से होना है विस्तार
जम्मू-कटड़ा के बीच 77.96 किमी लाइन के दोहरीकरण ने भी पकड़ी रफ्तार
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू-कटड़ा के बीच 77.96 किमी लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए एफएलएस यानी अंतिम स्थान सर्वेक्षण का काम भी तेज हो गया है। इसमें आठ से दस महीने का समय लगेगा। सर्वे रिपोर्ट पाजीटिव आने के बाद स्वीकृत होने में छह से आठ माह लगते हैं।
जम्मू-कटड़ा के बीच 77.96 किमी लाइन के दोहरीकरण ने भी पकड़ी रफ्तार
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू-कटड़ा के बीच 77.96 किमी लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए एफएलएस यानी अंतिम स्थान सर्वेक्षण का काम भी तेज हो गया है। इसमें आठ से दस महीने का समय लगेगा। सर्वे रिपोर्ट पाजीटिव आने के बाद स्वीकृत होने में छह से आठ माह लगते हैं।
2026 इस दोहरीकरण के लिहाज से भी अहम होगा। इस नई लाइन का मुख्य उद्देश्य मां वैष्णो देवी की यात्रा को सुगम बनाना, कनेक्टिविटी बढ़ाना और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। वहीं रेलवे जम्मू से वंदेभारत को चलाने पर तेजी से विचार कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, लगातार इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
रेल नेटवर्क विस्तार की घाटी में तेज हो रही मांग
बीते दिनों रेलवे ने घाटी के लिए मालगाड़ी की सुविधा शुरू की है। वंदे भारत के प्रति लोगों में क्रेज बढ़ा है। अब घाटी के लोग व्यापार और आवागमन के लिए घाटी में ज्यादा से ज्यादा ट्रेने चलाने की मांग करने लगे हैं। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी के अध्यक्ष फयाज अहमद कहते हैं कि सेब से लेकर नमक तक की दुलाई आसान हो गई है।
बीते दिनों रेलवे ने घाटी के लिए मालगाड़ी की सुविधा शुरू की है। वंदे भारत के प्रति लोगों में क्रेज बढ़ा है। अब घाटी के लोग व्यापार और आवागमन के लिए घाटी में ज्यादा से ज्यादा ट्रेने चलाने की मांग करने लगे हैं। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी के अध्यक्ष फयाज अहमद कहते हैं कि सेब से लेकर नमक तक की दुलाई आसान हो गई है।
सरकार को लंबी दूरी की ट्रेनों का विस्तार करना चाहिए। वहीं कारपेट कारोबारी आसिफ हुसैन कहते हैं कि कारोबार के लिहाज से भी और स्थानीय लोगों की पहुंच देश के दूसरे हिस्से तक आसान हो, इसके लिए घाटी तक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
क्यों जरूरी है ये प्रोजेक्ट... क्या होगा फायदा
बारामुला और उड़ी के बीच 40.2 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन के निर्माण से पांच स्टेशन आपस में कनेक्ट होंगे।
बारामुला और उड़ी के बीच 40.2 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन के निर्माण से पांच स्टेशन आपस में कनेक्ट होंगे।
यह परियोजना सभी मौसमों में विश्वसनीय रेल संपर्क प्रदान करेगी। खराब मौसम के दौरान सड़क यात्रा में प्रायः होने वाली बाधाओं को दूर करेगी। खासकर हाल में बाढ़-बारिश-भूस्खलन दौरान इसकी जरूरत को और ज्यादा महसूस किया जा रहा है।
कमान पोस्ट पर नियंत्रण रेखा के पास स्थित उड़ी पहले से ही एक सीमावर्ती पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। नई रेलवे लाइन के साथ, इस क्षेत्र में पर्यटन को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
यह परियोजना रणनीतिक महत्व की है। बारामुला और उड़ी तहसील में भारतीय सेना के प्रमुख प्रतिष्ठान हैं और ये सीमा के करीब स्थित हैं।