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Jammu News: जर्जर इमारतों में कारोबार, जोखिम में जान
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फोटो सहित...
- जेडीए ने कई भवनों के बाहर लगा रखे हैं बोर्ड, अंदर चल रहीं दुकानें, रोज पहुंच रहे सैकड़ों ग्राहक
- उखड़ चुका प्लास्टर, स्तंभ कमजोर और दीवारों में दरारें
संवाद न्यूज एजेंसी
जम्मू। शहर के सबसे व्यस्त पुराने बस अड्डा और नेहरू मार्केट में असुरक्षित घोषित इमारतों में कारोबारी जान जोखिम में डालकर व्यापार कर रहे हैं। जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने पुराने और जर्जर हो चुके भवनों के बाहर इनके असुरक्षित होने के बोर्ड लगाए हैं। बावजूद इसके इन भवनों को गिराने या कारोबार समेटने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पुराने बस स्टैंड की इमारत का प्लास्टर उखड़ चुका है। स्तंभ कमजोर हो चुके हैं और दीवारों में गहरी दरारें हैं। 150 से अधिक दुकानें हैं। इसी इमारत में सरकारी रोडवेज बस का कार्यालय भी चल रहा है। बावजूद इसके विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। शहर के वेयर हाउस और नेहरू मार्केट में कई दुकानें भी इन्हीं हालात में चल रही हैं। बारिश के दौरान इनमें मलबा गिरने और शॉर्ट सर्किट की घटनाओं की शिकायतें मिलती रही हैं। कारोबारी रोज इन्हीं भवनों में दुकान खोल रहे हैं। जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि फाइलें प्रोसेस में हैं और कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया जारी है।
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खुद मरम्मत कराने की भी नहीं दी अनुमति
वेयर हाउस ट्रेडर्स फेडरेशन एसोसिएशन के प्रधान दीपक गुप्ता ने बताया कि बीते दो साल से असुरक्षित नोटिस बोर्ड लगा हुआ है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसे लेकर विभाग से मालिकाना हक की मांग की थी ताकि वे खुद मरम्मत करा लें लेकिन स्वीकृति नहीं मिली।
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बोर्ड लगाकर पूरी की जा रही औपचारिकता
पुराने बस अड्डा बाजार एसोसिएशन के प्रधान राजन गुप्ता ने बताया कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। न ही मरम्मत के निर्देश का पालन किया जा रहा है। अगर इस इमारत का केवल मरम्मत कार्य करा दिया जाए तो यह सही हो जाएगी। विभाग नोटिस लगाकर औपचारिकता पूरी कर चुका है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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पुराने शहर की जर्जर इमारतें हादसे का डर
पुराने शहर के मोती बाजार, पक्का डंगा, पंजतीर्थी व कच्ची छावनी सहित अन्य स्थानों पर भी दर्जनों जर्जर इमारतें खतरे का संकेत दे रही हैं। कई भवनों की दीवारें झुक गई हैं। छतों में दरारें साफ दिख रही हैं। लोहे के पुराने गार्डर जंग खाकर कमजोर हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। दुकानदारों का कहना है कि पूरे इलाके में सैकड़ों लोग रोज आवाजाही करते हैं। ऐसे में छोटी सी चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है। लोगों की मांग है कि जर्जर इमारतों का तुरंत सर्वे कराया जाए। खतरनाक संरचनाओं को खाली करवाया जाए और जरूरत पड़ने पर इमारतों को ध्वस्त कर सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
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- जेडीए ने कई भवनों के बाहर लगा रखे हैं बोर्ड, अंदर चल रहीं दुकानें, रोज पहुंच रहे सैकड़ों ग्राहक
- उखड़ चुका प्लास्टर, स्तंभ कमजोर और दीवारों में दरारें
संवाद न्यूज एजेंसी
जम्मू। शहर के सबसे व्यस्त पुराने बस अड्डा और नेहरू मार्केट में असुरक्षित घोषित इमारतों में कारोबारी जान जोखिम में डालकर व्यापार कर रहे हैं। जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने पुराने और जर्जर हो चुके भवनों के बाहर इनके असुरक्षित होने के बोर्ड लगाए हैं। बावजूद इसके इन भवनों को गिराने या कारोबार समेटने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पुराने बस स्टैंड की इमारत का प्लास्टर उखड़ चुका है। स्तंभ कमजोर हो चुके हैं और दीवारों में गहरी दरारें हैं। 150 से अधिक दुकानें हैं। इसी इमारत में सरकारी रोडवेज बस का कार्यालय भी चल रहा है। बावजूद इसके विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। शहर के वेयर हाउस और नेहरू मार्केट में कई दुकानें भी इन्हीं हालात में चल रही हैं। बारिश के दौरान इनमें मलबा गिरने और शॉर्ट सर्किट की घटनाओं की शिकायतें मिलती रही हैं। कारोबारी रोज इन्हीं भवनों में दुकान खोल रहे हैं। जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि फाइलें प्रोसेस में हैं और कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया जारी है।
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खुद मरम्मत कराने की भी नहीं दी अनुमति
वेयर हाउस ट्रेडर्स फेडरेशन एसोसिएशन के प्रधान दीपक गुप्ता ने बताया कि बीते दो साल से असुरक्षित नोटिस बोर्ड लगा हुआ है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसे लेकर विभाग से मालिकाना हक की मांग की थी ताकि वे खुद मरम्मत करा लें लेकिन स्वीकृति नहीं मिली।
बोर्ड लगाकर पूरी की जा रही औपचारिकता
पुराने बस अड्डा बाजार एसोसिएशन के प्रधान राजन गुप्ता ने बताया कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। न ही मरम्मत के निर्देश का पालन किया जा रहा है। अगर इस इमारत का केवल मरम्मत कार्य करा दिया जाए तो यह सही हो जाएगी। विभाग नोटिस लगाकर औपचारिकता पूरी कर चुका है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता।
पुराने शहर की जर्जर इमारतें हादसे का डर
पुराने शहर के मोती बाजार, पक्का डंगा, पंजतीर्थी व कच्ची छावनी सहित अन्य स्थानों पर भी दर्जनों जर्जर इमारतें खतरे का संकेत दे रही हैं। कई भवनों की दीवारें झुक गई हैं। छतों में दरारें साफ दिख रही हैं। लोहे के पुराने गार्डर जंग खाकर कमजोर हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। दुकानदारों का कहना है कि पूरे इलाके में सैकड़ों लोग रोज आवाजाही करते हैं। ऐसे में छोटी सी चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है। लोगों की मांग है कि जर्जर इमारतों का तुरंत सर्वे कराया जाए। खतरनाक संरचनाओं को खाली करवाया जाए और जरूरत पड़ने पर इमारतों को ध्वस्त कर सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।