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Ramdas Soren: ग्राम प्रधान से शिक्षा मंत्री तक का सफर, झारखंड ने खोया एक और कद्दावर नेता रामदास सोरेन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Sat, 16 Aug 2025 02:14 PM IST
सार
Ramdas Soren Passed Away: रामदास सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ग्राम प्रधान के रूप में की थी। 2005 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और करीब 35 हजार वोट प्राप्त किए, जो उस समय बड़ी उपलब्धि मानी गई। पढ़ें पूरी खबर...।
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शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन
- फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
झारखंड अभी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के सदमे से उबरा भी नहीं था कि राज्य को एक और बड़ा झटका लगा। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति और समाज के लिए गहरा आघात साबित हुआ है। अगस्त महीने में ही राज्य ने अपने दो कद्दावर नेताओं को खो दिया।
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विनम्र और मिलनसार व्यक्तित्व
रामदास सोरेन अपने दयालु स्वभाव और सबके साथ घुलने-मिलने की आदत के लिए जाने जाते थे। वे हमेशा गरीब और वंचित वर्ग के बीच खड़े दिखाई देते थे। लोगों का मानना था कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते थे।
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ग्राम प्रधान से शुरू हुआ सफर
रामदास सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ग्राम प्रधान के रूप में की थी। संघर्ष और मेहनत के बल पर उन्होंने ऊंचाइयां हासिल कीं। 2005 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और करीब 35 हजार वोट प्राप्त किए, जो उस समय बड़ी उपलब्धि मानी गई।
शिक्षा सुधार को बनाया प्राथमिकता
एक जनवरी 1963 को पूर्वी सिंहभूम जिले के घोराबांध गांव में जन्मे सोरेन ने जमशेदपुर के को-ऑपरेटिव कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी। वे हमेशा सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहे। यही वजह थी कि शिक्षा मंत्री बनने के बाद उनसे लोगों की बड़ी उम्मीदें जुड़ी थीं।
लगातार जीत और जनता से जुड़ाव
2009 में वे पहली बार घटशीला विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने जनता से नाता नहीं तोड़ा। हमेशा लोगों के सुख-दुख में शामिल होकर उन्होंने अपने लिए गहरी जगह बनाई। 2019 और 2024 में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की और 2024 में उन्हें कैबिनेट में शिक्षा मंत्री का जिम्मा सौंपा गया।
परिवार और निजी जीवन
रामदास सोरेन के तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। उनकी पुत्री दिल्ली में बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। दो पुत्र व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि एक पुत्र यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं।
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निधन से शोक की लहर
रामदास सोरेन के निधन ने न केवल उनकी विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे राज्य को गमगीन कर दिया है। उनके कैबिनेट मंत्री बनने पर जहां क्षेत्रवासियों ने मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया था, वहीं अब उनके निधन की खबर से मातम का माहौल है।
नेताओं ने जताया शोक
उनके निधन पर राज्यपाल संतोष गंगावार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन समेत कई नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की। सभी ने माना कि झारखंड ने एक जुझारू और संवेदनशील नेता खो दिया है।