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Jharkhand: रिम्स-2 का नाम होगा ‘शिबू सोरेन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल’, 28 को विधानसभा में होगी चर्चा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: शबाहत हुसैन Updated Wed, 27 Aug 2025 06:48 PM IST
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सार

Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि झारखंड के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य क्रांति की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

Jharkhand: RIMS-2 will be named 'Shibu Soren Institute of Medical',
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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राजधानी रांची के नगड़ी मौजा में प्रस्तावित अत्याधुनिक रिम्स-2 ट्रॉमा सेंटर का नाम शिबू सोरेन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रखा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन 28 अगस्त को इस प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी और मंजूरी दी जाएगी।

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डॉ. अंसारी ने दावा किया कि यह संस्थान एशिया का सबसे बड़ा और आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा। उन्होंने कहा कि इसे केवल एक मेडिकल संस्थान के रूप में नहीं, बल्कि झारखंड की अस्मिता और पहचान से जुड़ी ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जाएगा। शिबू सोरेन ने आदिवासी, दलित, गरीब और किसान वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है। उनके योगदान को अमर बनाने के लिए इस संस्थान को उनके नाम पर समर्पित किया जा रहा है।

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अत्याधुनिक सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाएं
SSIMS को स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाने वाला प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। यहां सुपर स्पेशियलिटी वार्ड, रिसर्च सेंटर और मेडिकल एजुकेशन की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गरीब और जरूरतमंद मरीजों को निःशुल्क या रियायती इलाज की व्यवस्था होगी। साथ ही हजारों युवाओं को मेडिकल क्षेत्र में रोजगार और प्रशिक्षण भी मिलेगा।


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सरकार की प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि झारखंड के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य क्रांति की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

जमीन और विवाद
नगड़ी क्षेत्र में लगभग 200 एकड़ जमीन पर इस संस्थान के निर्माण की योजना है। जमीन अधिग्रहण और घेराबंदी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि स्थानीय स्तर पर कुछ विवाद भी सामने आए हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह परियोजना झारखंड और पूरे पूर्वी भारत के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगी।

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