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JPSC: झारखंड लोक सेवा आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष बनीं झामुमो नेता की पत्नी, सीएम सोरेन ने दी मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 21 Jul 2022 09:26 AM IST
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सार
सीएम हेमंत सोरेन ने पार्टी के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी डॉ. अजिता भट्टाचार्य को अध्यक्ष का प्रभार सौंपने का फैसला किया है। वे कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगी। फिलहाल वे आयोग की सदस्य हैं।

जेपीएससी : झारखंड लोक सेवा आयोग
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता की पत्नी को राज्य लोक सेवा आयोग (JPSC) का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही झारखंड लोकसेवा आयोग में फिलहाल स्थाई अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, यह स्पष्ट हो गया है।

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सीएम हेमंत सोरेन ने पार्टी के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी डॉ. अजिता भट्टाचार्य को अध्यक्ष का प्रभार सौंपने का फैसला किया है। वे कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगी। फिलहाल वे आयोग की सदस्य हैं। कार्यकारी अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव कार्मिक विभाग अब राज्यपाल को भेजेगा और उनकी मंजूरी मिलने पर अधिसूचना जारी होगी।
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बता दें, इसी माह पांच तारीख को जेपीएससी के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद से अध्यक्ष का पद खाली है। इस अहम आयोग का अध्यक्ष नहीं होने से प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन, इंटरव्यू और परीक्षा संबंधी निर्णय नहीं हो पा रहे थे। हालांकि, जेपीएससी में सदस्य के तीन पदों पर डॉ अजिता भट्टाचार्य, प्रो. अनिमा हंसदा और डॉ जमाल अहमद कार्यरत हैं, लेकिन सारे अहम निर्णय अध्यक्ष ही लेते हैं, इसलिए आयोग का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
कार्मिक विभाग ने सीएम को भेजे थे नाम
झारखंड के कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री सोरेन को नए अध्यक्ष के चयन का प्रस्ताव दिया था। इसमें अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, शिशिर कुमार सिन्हा, दिलीप टोप्पो, चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप, डॉ माधव शरण सिंह आदि के नाम थे। खंडेलवाल और दिलीप टोप्पो 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सीएम ने डॉ. अजिता भट्टाचार्य के नाम को हरी झंडी दी।
पहले भी बनते रहे हैं कार्यकारी अध्यक्ष
आमतौर पर जेपीएससी के अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर वरिष्ठ सदस्य को प्रभारी या कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाता रहा है। जेपीएससी घोटाले में जब दिलीप प्रसाद जेल गए थे तब राज्य सरकार ने आलोक सेनगुप्ता को अध्यक्ष का प्रभार दिया था। इसके बाद जब आलोक सेनगुप्ता का कार्यकाल पूरा हुआ तो परवेज हसन को कार्यकारी अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था। पूर्व में सुधीर त्रिपाठी का कार्यकाल पूरा होने पर कुछ दिन एके चट्टोराज आयोग के प्रभारी बनाए गए थे।