Leadership: कठिन हालात में होती है सच्चे लीडर की पहचान, जो अराजकता में भी अपनी टीम को दिलाता है भरोसा
True Leader: जब हालात हमारे बस से बाहर हों और सब कुछ मुश्किल लगे, तभी असली लीडर सामने आता है। वह अपनी टीम को हिम्मत, भरोसा और संतुलन देने में मदद करता है।
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Leadership: तेजी से बदलती दुनिया में कार्यस्थल का माहौल भी बदल रहा है। ऐसे में अनुभवी लीडर भी कभी-कभी उलझन महसूस करते हैं और उन्हें यह चिंता सताती है कि कहीं एआई उनकी भूमिका को कमजोर न कर दे। इसलिए लीडर्स को अपनी रणनीति और रोडमैप बार-बार अपडेट करना पड़ता है। लेकिन कई बार निर्णय लेना कठिन हो जाता है और दिशा धुंधली लगने लगती है। लगातार तनाव में दिमाग खतरे पर अधिक ध्यान देता है, जिससे लीडर नए प्रयोग करने से बचते हैं और कई फैसले टालते जाते हैं।
इसका परिणाम माइक्रोमैनेजमेंट के रूप में निकलता है और टीम अपने बड़े लक्ष्य से भटकने लगती है। जब विजन अस्पष्ट हो जाता है, तो टीमें वही काम चुनती हैं जो उन्हें सुरक्षित लगता है। डर सिर्फ भावनाओं को नहीं, सोच को भी सीमित कर देता है। ठीक ऐसे समय में असली नेतृत्व दिखाई देता है, जब लीडर डर को आगे बढ़ने की ऊर्जा में बदलकर टीम को भरोसा देता है।
छोटे-छोटे फैसले लेने से शुरुआत करें
अनिश्चित में बड़े-बड़े योजनाओं को एक बार में लागू करने की बजाय उन्हें छोटे-छोटे चरणों में बांटना सबसे बेहतर रणनीति होती है। हर चरण में ‘पहले सीखो, फिर प्रयोग करो’ का तरीका अपनाना चाहिए, यानी पहले कदम के नतीजे को समझे बिना अगले कदम में अधिक समय या संसाधन खर्च न करें। इसके साथ ही हर स्टेप पर यह विचार करना जरूरी है कि आगे बढ़ना वर्तमान स्थिति में फायदेमंद है या कुछ समय रुककर परिस्थितियों का अवलोकन करना बेहतर रहेगा। इस तरह, योजना लचीली और परिणामोन्मुखी बनती है।
एआई को साथी समझें
एआई को अपनाना अब हर लीडर की जरूरत बन गया है। सबसे पहले उन क्षेत्रों को पहचानें जहां एआई इन्सानों की तुलना में तेज और बेहतर काम कर सकता है। कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताएं कि एआई से क्या बदलाव आएंगे, किन भूमिकाओं पर असर पड़ेगा और उन्हें किस तरह का समर्थन मिलेगा। कंपनी एक एआई चैंपियन भी नियुक्त कर सकती है, जो सुरक्षित प्रयोगों पर काम करे और सभी टीमों में आवश्यक मानक बनाए रखे। इसके अलावा, कार्यस्थल पर डाटा सुरक्षा, मॉडल चयन, टेस्टिंग प्रक्रिया और कब मानवीय निगरानी जरूरी होगी, इन सभी नियमों को पहले से स्पष्ट रूप से तय करना आवश्यक है, ताकि एआई का उपयोग सुरक्षित और प्रभावी तरीके से हो सके।
आगे की दिशा पर काम करें
कठिन दिनों में रणनीति पर ध्यान देना सबसे मुश्किल लगता है, लेकिन नेतृत्व का असली काम यही है। रोजमर्रा की दौड़ से ऊपर उठकर भविष्य के बारे में सोचने का समय निकालना। इसके लिए अपने कैलेंडर में तय ‘विजन टाइम’ रखें, जिसमें सिर्फ लंबे फैसलों, नए विकल्पों और आगे की दिशा पर काम करें। छोटी समस्याओं पर ज्यादा ध्यान न दें। थका दिमाग बड़ा विजन नहीं बना पाता, इसलिए पढ़ने, सीखने और शांत सोच के लिए समय निकालना एक जरूरी जिम्मेदारी है।