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Anuppur News: 14 करोड़ की सिंचाई योजना के बीच आई 33 हजार केवी हाईटेंशन लाइन, 9 वर्ष बीते, निर्माण आज भी अधूरा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अनूपपुर Published by: अनूपपुर ब्यूरो Updated Mon, 25 Aug 2025 12:37 PM IST
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सार

योजना के तहत जमगांव, अमलई, देवरी, कदमटोला और पयारी गांव की 750 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक केवल दो गांवों में आंशिक नहर निर्माण हो पाया है। बाकी तीन गांवों के किसान अब भी बारिश पर निर्भर हैं।

Anuppur News: Even after 9 years, the Gohari diversion scheme worth Rs 14 crore is incomplete
वह बांध जिसका काम 9 वर्ष बाद भी अधूरा है। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जिले के अनूपपुर जनपद अंतर्गत 5 ग्राम पंचायत में बंद बनाते हुए यहां एकत्रित वर्षा जल से 750 हैक्टेयर फसल को संचित किए जाने के लिए बनाई गई योजना 9 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक अधूरी है। इस वजह से आज तक किसानों की फसल बारिश पर ही आश्रित है। साथ ही अपनी भूमि पर वह सिर्फ एक फसली खेती ही कर पा रहे हैं। सिंचित भूमि का रकबा बढ़ाने के लिए तथा किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से 14 करोड़ रुपये की लागत से गोहरारी डायवर्सन योजना बनाते हुए वर्ष 2016 में भोपाल के पटेल एंड एसोसिएट्स फर्म को इसका ठेका दिया गया था, जिसके अंतर्गत 18 महीने में यह कार्य पूर्ण किया जाना था, लेकिन आज तक यह कार्य पूरा नहीं हो पाया। नहर का निर्माण आज तक अधूरा है। साथ ही जहां नहर बनाई भी गई है वहां किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है और कृषि कार्य के लिए किसान बारिश पर ही आश्रित हैं।

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यह है मामला
गोहरारी डायवर्सन योजना अंतर्गत जमगांव, अमलई, देवरी, कदमटोला और पयारी गांव में खरीफ सीजन में 150 हेक्टेयर और रबी सीजन में 600 हेक्टेयर भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। 14 करोड़ 39 लाख रुपये की लागत से इस योजना का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में प्रारंभ किया गया था। जिसके अंतर्गत बांध निर्माण के पश्चात 8400 मी नहर का निर्माण किया जाना था, जिसमें से सिर्फ जमगाव और देवरी में नहर का निर्माण किया गया है बाकी तीन गांव आज भी इस योजना से वंचित हैं।
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विभाग ने हाईटेंशन लाइन को बताया वजह
योजना के अंतर्गत नहर निर्माण कार्य में विभागीय लापरवाही देखने को मिली है, जहां तकनीकी स्वीकृति के दौरान ही इसके सभी बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण नहर निर्माण आज तक अधूरा है। विभाग ने बताया कि 11 हजार तथा 33 हजार केवी हाई टेंशन लाइन नहर निर्माण के बीच में आ जाने की वजह से इसे रोक दिया गया। तकनीकी स्वीकृति और योजना प्रारंभ किए जाने के दौरान इन बिंदुओं का ध्यान नहीं रखा गया था, जिसकी वजह से योजना अब तक अधूरी है।

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करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं मिला किसानों को पानी
गोहरारी डायवर्सन योजना में 14 करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद तीन गांव के किसान आज भी पानी से वंचित हैं। अमलाई निवासी किसान प्रेम केवट ने बताया कि बारिश न होने के कारण उनकी फसल सूख रही है। यदि इस योजना के अंतर्गत गांव तक नहर विस्तार हो जाता तो उन्हें इससे सुविधा मिलती। कदम टोला निवाशी अनिल चौधरी ने बताया कि लंबे समय से यहां के किसान दो फसली खेती के लिए नहर निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह योजना कई वर्षों बाद भी आज तक अधूरी है।

क्या बोले जिम्मेदार
जल संसाधन विभाग अनूपपुर के कार्यपालन यंत्री कामता प्रसाद का कहना कि यह योजना मेरे कार्यकाल से पहले की है। कार्य अधूरा रह गया है। इसके विखंडन का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।

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