{"_id":"68a2eb99218519991604c581","slug":"what-kind-of-mini-smart-city-is-this-where-people-are-not-even-getting-water-to-drink-nal-jal-yojana-in-amarkantak-is-incomplete-since-7-years-anuppur-news-c-1-1-noi1222-3297993-2025-08-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"Anuppur News: 7 साल बाद भी अधूरी नल-जल योजना, टैंकरों पर टिकी आस, गर्मियों में बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Anuppur News: 7 साल बाद भी अधूरी नल-जल योजना, टैंकरों पर टिकी आस, गर्मियों में बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,अमरकंटक
Published by: अनूपपुर ब्यूरो
Updated Mon, 18 Aug 2025 03:41 PM IST
विज्ञापन
सार
अमरकंटक में 2018 में 24 करोड़ की लागत से शुरू हुई मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना 7 वर्षों बाद भी अधूरी पड़ी है। अब तक केवल दो ओवरहेड टैंक अधूरे बने हैं और पाइपलाइन का काम शुरू तक नहीं हुआ।

7 साल बाद भी अधूरी नल-जल योजना
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त पवित्र नगरी अमरकंटक में पेयजल संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 7 वर्षों से नल-जल योजना का कार्य अधूरा पड़ा है। नगर पालिका क्षेत्र के 15 वार्डों में अब तक टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि कुछ वार्डों में पुरानी योजना से नल जल उपलब्ध है। कई वार्डों में आज भी लोग हैंडपंप पर निर्भर हैं।
24 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुई थी योजना
वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना के तहत 24 करोड़ की लागत से अमरकंटक में पाइपलाइन विस्तार, कपिलधारा में स्टाफ डैम, वॉटर ट्रीटमेंट फिल्टर प्लांट, इंटेक्स वेल और तीन ओवरहेड टैंक बनाने की स्वीकृति मिली थी। लेकिन 7 साल बाद भी सिर्फ जमुना दादर और टिकरी टोला में दो ओवरहेड टैंक अधूरे बने हैं। पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू तक नहीं हो पाया है।
वन विभाग की अनापत्ति बनी रोड़ा
योजना के तहत कपिलधारा मार्ग पर बैराज निर्माण होना था, जिससे पूरे नगर में नल से जल आपूर्ति हो सके। लेकिन यह क्षेत्र वन भूमि में आने से वन विभाग की अनापत्ति (NOC) नहीं मिल पाई है। सर्वे का काम एक साल पहले पूरा हो चुका है, पर राज्य स्तर से अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
ये भी पढ़ें : मध्य प्रदेश के 14 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, अगले तीन दिन जारी रहेगा तेज बारिश का दौर
नगरवासी परेशान, बीमारियों का खतरा बढ़ा
स्थानीय निवासी वीरू तंबोली ने बताया कि गर्मियों में बूंद-बूंद पानी के लिए लोग परेशान रहते हैं। जलेश्वर टोला, गुम्मा घाटी और फर्री सेमर जैसे वार्डों में जल आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं है। यहां तक कि अमरकंटक मुख्य नगर में भी पानी की भारी किल्लत रहती है। हाल ही में कुएं का गंदा पानी पीने से कई लोग पीलिया की चपेट में आ गए।
ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग
निवासी खिलेश्वर दुबे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार की लापरवाही से काम अधूरा पड़ा है। नगर पालिका और प्रशासन इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार का ठेका निरस्त कर किसी नई एजेंसी को यह कार्य दिया जाए। मुख्य नगर पालिका अधिकारी चैन सिंह परस्ते ने कहा, “मुझे हाल ही में अमरकंटक का कार्यभार मिला है। जल्द ही ठेकेदार को पत्राचार किया जाएगा। वन विभाग से अनापत्ति नहीं मिलने के कारण भी काम अटका हुआ है।”

Trending Videos
24 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुई थी योजना
वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना के तहत 24 करोड़ की लागत से अमरकंटक में पाइपलाइन विस्तार, कपिलधारा में स्टाफ डैम, वॉटर ट्रीटमेंट फिल्टर प्लांट, इंटेक्स वेल और तीन ओवरहेड टैंक बनाने की स्वीकृति मिली थी। लेकिन 7 साल बाद भी सिर्फ जमुना दादर और टिकरी टोला में दो ओवरहेड टैंक अधूरे बने हैं। पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू तक नहीं हो पाया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
वन विभाग की अनापत्ति बनी रोड़ा
योजना के तहत कपिलधारा मार्ग पर बैराज निर्माण होना था, जिससे पूरे नगर में नल से जल आपूर्ति हो सके। लेकिन यह क्षेत्र वन भूमि में आने से वन विभाग की अनापत्ति (NOC) नहीं मिल पाई है। सर्वे का काम एक साल पहले पूरा हो चुका है, पर राज्य स्तर से अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
ये भी पढ़ें : मध्य प्रदेश के 14 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, अगले तीन दिन जारी रहेगा तेज बारिश का दौर
नगरवासी परेशान, बीमारियों का खतरा बढ़ा
स्थानीय निवासी वीरू तंबोली ने बताया कि गर्मियों में बूंद-बूंद पानी के लिए लोग परेशान रहते हैं। जलेश्वर टोला, गुम्मा घाटी और फर्री सेमर जैसे वार्डों में जल आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं है। यहां तक कि अमरकंटक मुख्य नगर में भी पानी की भारी किल्लत रहती है। हाल ही में कुएं का गंदा पानी पीने से कई लोग पीलिया की चपेट में आ गए।
ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग
निवासी खिलेश्वर दुबे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार की लापरवाही से काम अधूरा पड़ा है। नगर पालिका और प्रशासन इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार का ठेका निरस्त कर किसी नई एजेंसी को यह कार्य दिया जाए। मुख्य नगर पालिका अधिकारी चैन सिंह परस्ते ने कहा, “मुझे हाल ही में अमरकंटक का कार्यभार मिला है। जल्द ही ठेकेदार को पत्राचार किया जाएगा। वन विभाग से अनापत्ति नहीं मिलने के कारण भी काम अटका हुआ है।”