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MP News: आदिवासी लड़की से लव मैरिज की तो काटे जाएं हाथ-पैर, बैतूल में मांझी सरकार की मांग
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, बैतूल
Published by: अरविंद कुमार
Updated Wed, 12 Feb 2025 05:21 PM IST
सार
बैतूल में मांझी सरकार ने प्रेम विवाह के खिलाफ खतरनाक फरमान जारी किया है। उन्होंने पुलिस के आगे मांग की है कि अगर कोई गैर आदिवासी लड़का आदिवासी लड़की के साथ लव मैरिज करता है तो उसके हाथ और पैर काटे जाने चाहिए।
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मांझी सरकार का एलान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासी संगठन मांझी सरकार ने अंतरजातीय विवाह को लेकर एक कठोर मांग उठाई है। संगठन ने पुलिस प्रशासन से कहा है कि यदि कोई गैर-आदिवासी युवक किसी आदिवासी युवती से शादी करता है, तो उसके हाथ-पैर काट दिए जाएं और युवती का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाए। यह बयान मांझी सरकार ने एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए दिया।
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मांझी सरकार के समर्थकों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगें रखते हुए ज्ञापन सौंपा। उनकी मांग है कि आदिवासी समाज की लड़कियों को बहलाकर शादी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया जाए।
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दरअसल, हाल ही में एक आदिवासी युवती गैर-आदिवासी युवक के साथ चली गई थी। जब युवती को वापस लाने के लिए उसके माता-पिता और मांझी सरकार के सैनिक विष्णुपुर गांव पहुंचे तो दोनों पक्षों में विवाद हुआ और मामला मारपीट तक पहुंच गया। इस घटना के बाद युवक के परिवार ने चोपना थाने में मांझी सैनिकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मांझी सरकार के सैनिक इस शिकायत से नाराज हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है और इस मामले को खत्म किया जाना चाहिए।
मांझी सरकार ने अंतरजातीय विवाह को लेकर कठोर रुख अपनाया है। संगठन का कहना है कि गैर-आदिवासी युवक आदिवासी लड़कियों से शादी करके आरक्षण और जमीन के अधिकार का लाभ उठाते हैं। नियमों के अनुसार, आदिवासी जमीन गैर-आदिवासी नहीं खरीद सकता, लेकिन शादी के माध्यम से इस नियम का उल्लंघन किया जाता है। दिल्ली प्रतिनिधि वस्तु सिंह सलाम का कहना है कि यदि कोई गैर-आदिवासी युवक आदिवासी लड़की को बहलाकर शादी करता है, तो उसके हाथ-पैर काट दिए जाएं। मांझी सैनिकों को आतंकवादी बताना गलत है।
मांझी सरकार जिला अध्यक्ष नौरंग सिंह आहके का कहना है कि गैर-आदिवासी लड़कों से शादी करने वाली आदिवासी लड़कियों का जाति प्रमाण पत्र रद्द होना चाहिए। अंतरजातीय विवाह बंद किया जाना चाहिए। एडिशनल एसपी कमला जोशी का कहना है कि मांझी सरकार ने निष्पक्ष जांच और अखबारों में उनके खिलाफ गलत शब्दों के प्रयोग पर कार्रवाई की मांग की है।