बैतूल मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नव नियुक्त अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर केवल पदों और जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनका जीवन कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहने और जमीन से जुड़े संघर्षों की मिसाल है। छात्र राजनीति से शुरुआत कर उन्होंने युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाई और फिर पार्टी संगठन में धीरे-धीरे शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचे। उनके पास तब की तस्वीर भी है, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी उनके घर पहुंचे थे।
Hemant Khandelwal: हेमंत का अटलजी से भी कनेक्शन, कार्यकर्ताओं के लिए अपनी शर्ट तक उतार देते थे, जानें किस्सा
MP BJP President: हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद तक पहुंचा। संघर्षशील, समर्पित और जमीनी नेता के रूप में वे कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहे। अटल बिहारी वाजपेयी से 1980 में हुई मुलाकात उनके जीवन की प्रेरणा बनी। उनका नेतृत्व व्यवहार और सेवा का प्रतीक है।
कॉलेज जीवन से ही संगठनात्मक कौशल
हेमंत चंद ने बताया कि हेमंत खंडेलवाल का छात्र जीवन भी संगठनात्मक क्षमताओं का परिचायक रहा। 1985 से 1989 के बीच वे कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पैनल के मैनेजमेंट की भूमिका निभाते रहे। वहीं से उन्होंने राजनीतिक रणनीति, कार्यकर्ता प्रबंधन और जमीनी काम की बारीकियां सीखी। विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा ही वे दो मुख्य संस्थाएं रहीं, जिन्होंने उनके राजनीतिक जीवन की नींव रखी।
कार्यकर्ताओं के लिए समर्पण: स्कूटर और शर्ट तक दे दी
हेमंत खंडेलवाल का कार्यकर्ताओं के प्रति समर्पण किस्सों में नहीं, व्यवहार में नजर आता था। ये किस्सा कुछ यूं है कि हेमंत खंडेलवाल के पास एक नीले रंग का काइनेटिक स्कूटर था, जिसे वे कार्यकर्ताओं को पार्टी के काम के लिए सुबह से दे देते थे और खुद कई बार पैदल घर लौटते थे। इतना ही नहीं, अगर कोई कार्यकर्ता उनकी पहनी हुई शर्ट पसंद कर लेता, तो वे घर जाकर कपड़े बदलते और वह शर्ट कार्यकर्ता को सौंप देते थे। यह व्यवहार उनके सहज, सरल और त्यागी व्यक्तित्व को दर्शाता है।
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राजनीति में खंडेलवाल की गहराई को समझने के लिए 1980 की घटना का उल्लेख जरूरी है। उस वर्ष भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी अटल निधि संग्रह अभियान के तहत बैतूल पहुंचे थे। कार्यक्रम लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित हुआ था। उसी दौरान हेमंत खंडेलवाल, जो उस समय मात्र 16 वर्ष के थे, पहली बार अटल जी से मिले। भाजपा नेता राजीव खंडेलवाल (जो रिश्ते में हेमंत के चाचा हैं) बताते हैं कि कार्यक्रम के बाद अटल जी, स्व. विजय खंडेलवाल (हेमंत के पिता) के निवास पर भोजन करने पहुंचे थे। उस ऐतिहासिक मुलाकात की तस्वीर आज भी परिवार के पास मौजूद है, जिसमें युवा हेमंत अटल जी के साथ खड़े दिखाई देते हैं।
हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक जीवन संघर्ष, समर्पण और संगठन के प्रति निष्ठा की मिसाल है। उनके पुराने साथी आज भी उनके सरल स्वभाव, अनुशासन और समर्पण को याद करते हैं। छात्र राजनीति से लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद तक पहुंचने की यह यात्रा यह दिखाती है कि नेतृत्व पदों से नहीं, बल्कि व्यवहार और समर्पण से आकार लेता है।