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भोपाल के पूर्वी बायपास पर धंसी सड़क की जांच कर समिति सात दिन में रिपोर्ट देगी, 10 दिन में मरम्मत होगी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 14 Oct 2025 11:06 PM IST
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सार
भोपाल के पूर्वी बायपास पर सूखी सेवनिया आरओबी के पास सड़क धंसने की घटना के बाद प्रशासन ने जांच समिति गठित की है, जो सात दिन में रिपोर्ट देगी। इस बीच, सड़क की मरम्मत का कार्य 10 दिनों में पूरा किया जाएगा।

भोपाल में धंसी सड़क
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल के पूर्वी बायपास पर सूखी सेवनिया रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के पास सड़क धंसने की घटना के बाद जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) तुरंत हरकत में आ गए हैं। जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो सात दिन में रिपोर्ट देगी। इस बीच निर्माणकर्ता कंपनी सड़क की 10 दिन में मरम्मत करेगी। सड़क धंसने की घटना 13 अक्टूबर को हुई, जब आर.ई. वॉल अचानक क्षतिग्रस्त हो गई और लगभग 75 मीटर लंबा सड़क का हिस्सा धंस गया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घटना की जानकारी मिलते ही एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया और यातायात को दूसरी लेन से डायवर्ट कर सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। निगम ने सड़क की मरम्मत कार्य तत्काल शुरू करा दिया है, जिसे 10 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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निर्माण में तकनीकी मानकों का नहीं रखा ध्यान
प्रथम दृष्टया जांच में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आर.ई. वॉल का निर्माण निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था। निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी और इम्बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं हुआ था। वर्षा के दौरान पानी के रिसाव से मिट्टी कमजोर हो गई। साथ ही, किसानों द्वारा दीवार के समीप खुदाई किए जाने से जल निकासी बाधित हुई, जिसके परिणामस्वरूप पानी भरने से सड़क धंस गई।
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समिति सात दिन में देगी जांच रिपोर्ट
बता दें, भोपाल पूर्वी बायपास का निर्माण बीओटी (टोल) योजना के तहत हैदराबाद की कंपनी मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। यह परियोजना वर्ष 2012-13 में पूर्ण हुई थी, किंतु अनुबंध की शर्तों का पालन न करने पर 2020 में कंपनी का अनुबंध निरस्त कर उसे तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। निगम ने तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की जांच समिति गठित की है, जो सात दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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मिट्टी के नमूने जांच के लिए भेजे गए
साथ ही, सड़क निर्माण में उपयोग की गई मिट्टी के नमूने परीक्षण के लिए लोक निर्माण विभाग की केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। एमपीआरडीसी के अनुसार, बायपास मार्ग का नियमित निरीक्षण किया जाता रहा है। वर्ष 2023 में रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सभी बड़े पुलों का सर्वेक्षण भी कराया गया था। निगम ने कहा कि मार्ग की सतत निगरानी जारी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक तकनीकी सुधार सुनिश्चित किए जाएंगे।

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निर्माण में तकनीकी मानकों का नहीं रखा ध्यान
प्रथम दृष्टया जांच में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आर.ई. वॉल का निर्माण निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था। निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी और इम्बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं हुआ था। वर्षा के दौरान पानी के रिसाव से मिट्टी कमजोर हो गई। साथ ही, किसानों द्वारा दीवार के समीप खुदाई किए जाने से जल निकासी बाधित हुई, जिसके परिणामस्वरूप पानी भरने से सड़क धंस गई।
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समिति सात दिन में देगी जांच रिपोर्ट
बता दें, भोपाल पूर्वी बायपास का निर्माण बीओटी (टोल) योजना के तहत हैदराबाद की कंपनी मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। यह परियोजना वर्ष 2012-13 में पूर्ण हुई थी, किंतु अनुबंध की शर्तों का पालन न करने पर 2020 में कंपनी का अनुबंध निरस्त कर उसे तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। निगम ने तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की जांच समिति गठित की है, जो सात दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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मिट्टी के नमूने जांच के लिए भेजे गए
साथ ही, सड़क निर्माण में उपयोग की गई मिट्टी के नमूने परीक्षण के लिए लोक निर्माण विभाग की केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। एमपीआरडीसी के अनुसार, बायपास मार्ग का नियमित निरीक्षण किया जाता रहा है। वर्ष 2023 में रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सभी बड़े पुलों का सर्वेक्षण भी कराया गया था। निगम ने कहा कि मार्ग की सतत निगरानी जारी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक तकनीकी सुधार सुनिश्चित किए जाएंगे।