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Bhopal: डेढ़ साल के बच्चे की आंख में घुस गई चार्जर की पिन, हमीदिया के चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी कर बचाई रोशनी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sun, 21 Sep 2025 04:48 PM IST
सार
हरदा के एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे की आंख में मोबाइल चार्जर की पिन घुस गई। बच्चे के माता-पिता उसे लेकर भोपाल पहुंचे। हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की आंख की सफल सर्जरी कर रोशनी बचाई है।
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बच्चे के आंख की सर्जरी करते हमीदिया के डॉक्टर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां हरदा के एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे की आंख में मोबाइल चार्जर की पिन घुस गई। बच्चे के माता-पिता उसे लेकर भोपाल पहुंचे, लेकिन शहर के तीन बड़े निजी अस्पतालों ने इमरजेंसी में सर्जरी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद वे हमीदिया अस्पताल पहुंचे, जहां कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. भारती आहूजा ने अपनी टीम के साथ मिलकर बच्चे की आंख की सर्जरी की।
तुरंत ठीक करना जरूरी था
डॉ. भारती आहूजा ने बताया कि बच्चे की आंख में कॉर्नियल टियर की समस्या थी, जिसे तुरंत ठीक करना जरूरी था। सर्जरी में करीब 20 मिनट का समय लगा। बच्चे की आंख में फिलहाल पट्टी बंधी हुई है, जिसे दो दिन बाद खोला जाएगा। इसके बाद आंखों की अंतिम जांच की जाएगी और रिपोर्ट सही आने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
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भोपाल में दिनभर भटकते रहे
मरीज के पिता ने बताया कि शनिवार को हम बच्चे के इलाज के लिए भोपाल में दिनभर भटकते रहे, लेकिन कहीं भी हमें सही इलाज नहीं मिला। जब आखिरकार हम हमीदिया अस्पताल पहुंचे, तो मात्र 6 घंटे के अंदर ही हमारे बच्चे की जांच से लेकर सर्जरी तक हो गई। उन्होने कहा कि अगर हम पहले ही हमीदिया अस्पताल आते, तो हमारे बच्चे को इतनी तकलीफ नहीं झेलनी पड़ती।
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तुरंत ठीक करना जरूरी था
डॉ. भारती आहूजा ने बताया कि बच्चे की आंख में कॉर्नियल टियर की समस्या थी, जिसे तुरंत ठीक करना जरूरी था। सर्जरी में करीब 20 मिनट का समय लगा। बच्चे की आंख में फिलहाल पट्टी बंधी हुई है, जिसे दो दिन बाद खोला जाएगा। इसके बाद आंखों की अंतिम जांच की जाएगी और रिपोर्ट सही आने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
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भोपाल में दिनभर भटकते रहे
मरीज के पिता ने बताया कि शनिवार को हम बच्चे के इलाज के लिए भोपाल में दिनभर भटकते रहे, लेकिन कहीं भी हमें सही इलाज नहीं मिला। जब आखिरकार हम हमीदिया अस्पताल पहुंचे, तो मात्र 6 घंटे के अंदर ही हमारे बच्चे की जांच से लेकर सर्जरी तक हो गई। उन्होने कहा कि अगर हम पहले ही हमीदिया अस्पताल आते, तो हमारे बच्चे को इतनी तकलीफ नहीं झेलनी पड़ती।
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