{"_id":"68c597cc1b004d0ab50ed728","slug":"bhopal-cm-said-hindi-has-become-india-s-identity-on-the-global-stage-14th-turyanaad-2025-festival-inaugurat-2025-09-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bhopal: CM बोले- वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन चुकी हिंदी, मैनिट में 14वें तुर्यनाद-2025 महोत्सव का शुभारंभ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bhopal: CM बोले- वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन चुकी हिंदी, मैनिट में 14वें तुर्यनाद-2025 महोत्सव का शुभारंभ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sat, 13 Sep 2025 09:43 PM IST
विज्ञापन
सार
मैनिट में आयोजित तूर्यनाद-25 महोत्सव के शुभारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हिंदी वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर ब्रिक्स, जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी हिन्दी के माध्यम से भारत के स्वाभिमान और संस्कृति से दुनिया को परिचित कराते हैं।

सीएम डॉ. मोहन यादव
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदी वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर ब्रिक्स, जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी हिन्दी के माध्यम से भारत के स्वाभिमान और संस्कृति से दुनिया को परिचित कराते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार शाम भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित तूर्यनाद-25 महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती पूजन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभागार में उपस्थित दिव्यांग विद्यार्थी राजा पटेल के साथ सेल्फी लेकर उत्साहवर्धन किया।
विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक
सीएम ने कहा कि हिन्दी विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत की आजादी के आंदोलन में हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, विनोबा भावे जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले महापुरूषों ने भी एक स्वर में हिंदी को सभी भाषाओं से ऊपर रखा। हिंदी भाषा में आत्मीयता का भाव प्रकट होता है। यह सभी राज्यों की भाषाओं में मातृभाषा का स्थान रखती है, जो सभी भाषाओं के साथ सम्पर्क का माध्यम है। हिंदी हमारी भाषा नहीं बल्कि हमारी पहचान भी है। वर्तमान समय हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने का है।
कम समय में ही अपनी विशिष्ट पहचान बनाई
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तूर्यनाद महोत्सव ने कम समय में ही अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने तूर्यनाद कला प्रदर्शन को वार्षिक उल्लास पर्व बताते हुए कहा कि यह आयोजन हिन्दी भाषा एवं भारतीय संस्कृति के नवजागरण का उद्घोष है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तूर्यनाद महोत्सव के आयोजन एवं प्रबंधन में मदद करने और तूर्यनाद आयोजन समिति को राष्ट्रभाषा के संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित किया।
यह भी पढ़ें-MP में पहली बार वन विहार में शुरू हुआ विदेशी प्रजाति की छिपकली इगुआना का दीदार, जाने क्यों बनी आकर्षण
प्रदेश में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज शुरू
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश में शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। प्रदेश के प्रत्येक विश्वविद्यालयों में सभी विषयों के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। पहले मध्यप्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या कम थी और विद्यार्थियों को मेडिकल की शिक्षा के लिए विदेश जाना पड़ता था। लेकिन अब प्रदेश में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की स्थापना की जा रही है। इसका लाभ छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों और नागरिकों को मिल रहा है। साथ ही मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी भी कराई जा रही है। हमारी भाषा ही
यह भी पढ़ें-भोपाल में बुलडोजर कार्रवाई, लव जिहाद केस के आरोपियों के अवैध मकान ढहाए गए
विश्व के 100 देशों में हिंदी बोली जाती है
आरएनटीयू के कुलगुरू एवं मेनिट के विद्यार्थी रहे डॉ. संतोष चौबे ने कहा कि 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस है। आज विश्व के 100 देशों में हिंदी बोली जाती है और 150 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। लगभग 60 करोड़ लोग विश्व में हिंदी बोलते हैं। देश में तकनीकी और चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में कराई जा रही है। हिंदी की स्वीकार्यता हर क्षेत्र में बढ़ रही है। तूर्यनाद आयोजन समिति की संयोजिका सविता दीक्षित ने कहा कि तूर्यनाद महोत्सव से विद्यार्थियों में सांस्कृतिक मूल्य, नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्वों का विकास हो रहा है। साथ ही वे अपनी प्राचीन समृद्ध विरासत से भी परिचित हो रहे हैं। इस अवसर पर छात्र परिषद के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित थे।

Trending Videos
विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक
सीएम ने कहा कि हिन्दी विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत की आजादी के आंदोलन में हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, विनोबा भावे जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले महापुरूषों ने भी एक स्वर में हिंदी को सभी भाषाओं से ऊपर रखा। हिंदी भाषा में आत्मीयता का भाव प्रकट होता है। यह सभी राज्यों की भाषाओं में मातृभाषा का स्थान रखती है, जो सभी भाषाओं के साथ सम्पर्क का माध्यम है। हिंदी हमारी भाषा नहीं बल्कि हमारी पहचान भी है। वर्तमान समय हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने का है।
विज्ञापन
विज्ञापन
कम समय में ही अपनी विशिष्ट पहचान बनाई
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तूर्यनाद महोत्सव ने कम समय में ही अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने तूर्यनाद कला प्रदर्शन को वार्षिक उल्लास पर्व बताते हुए कहा कि यह आयोजन हिन्दी भाषा एवं भारतीय संस्कृति के नवजागरण का उद्घोष है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तूर्यनाद महोत्सव के आयोजन एवं प्रबंधन में मदद करने और तूर्यनाद आयोजन समिति को राष्ट्रभाषा के संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित किया।
यह भी पढ़ें-MP में पहली बार वन विहार में शुरू हुआ विदेशी प्रजाति की छिपकली इगुआना का दीदार, जाने क्यों बनी आकर्षण
प्रदेश में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज शुरू
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश में शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। प्रदेश के प्रत्येक विश्वविद्यालयों में सभी विषयों के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। पहले मध्यप्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या कम थी और विद्यार्थियों को मेडिकल की शिक्षा के लिए विदेश जाना पड़ता था। लेकिन अब प्रदेश में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की स्थापना की जा रही है। इसका लाभ छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों और नागरिकों को मिल रहा है। साथ ही मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी भी कराई जा रही है। हमारी भाषा ही
यह भी पढ़ें-भोपाल में बुलडोजर कार्रवाई, लव जिहाद केस के आरोपियों के अवैध मकान ढहाए गए
विश्व के 100 देशों में हिंदी बोली जाती है
आरएनटीयू के कुलगुरू एवं मेनिट के विद्यार्थी रहे डॉ. संतोष चौबे ने कहा कि 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस है। आज विश्व के 100 देशों में हिंदी बोली जाती है और 150 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। लगभग 60 करोड़ लोग विश्व में हिंदी बोलते हैं। देश में तकनीकी और चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में कराई जा रही है। हिंदी की स्वीकार्यता हर क्षेत्र में बढ़ रही है। तूर्यनाद आयोजन समिति की संयोजिका सविता दीक्षित ने कहा कि तूर्यनाद महोत्सव से विद्यार्थियों में सांस्कृतिक मूल्य, नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्वों का विकास हो रहा है। साथ ही वे अपनी प्राचीन समृद्ध विरासत से भी परिचित हो रहे हैं। इस अवसर पर छात्र परिषद के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित थे।