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Bhopal News: भोपाल में 300 पार AQI पर बोले MPPCB के अधिकारी, परली केवल 7 से 10% जिम्मेदार, धूल मुख्य कारण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Thu, 27 Nov 2025 06:58 PM IST
सार
भोपाल में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स कई बार 300 के पार दर्ज हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राजधानी की हवा बिगड़ने का मुख्य कारण शहर में उड़ती धूल है, जबकि पराली का प्रभाव केवल 7 से 10 प्रतिशत तक ही पाया गया है।
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प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई बार 300 के पार पहुंच चुका है, जो बेहद खराब श्रेणी माना जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने बताया कि भोपाल में तीन स्टेशनों के जरिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो रही है और बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
पराली नहीं, धूल सबसे बड़ा कारण
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने का सबसे बड़ा कारण शहर में उड़ने वाली धूल है। पराली जलाने का असर मात्र 7 से 10% ही देखा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क की धूल और निर्माण कार्यों से उठने वाला कण (PM10) ही प्रमुख रूप से AQI बढ़ा रहा है।
11 नवंबर के बाद स्थिति और बिगड़ी
शर्मा के अनुसार लगभग 11 नवंबर के आसपास प्रदूषण स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की गई।ठंड बढ़ने के साथ-साथ मौसम के पैरामीटर भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। सतह के पास हवा ठंडी होने से प्रदूषक ऊपर नहीं उठते।विंड वेलोसिटी मात्र 1.3 किमी/घंटा के आसपास, यानी हवा का बहाव बेहद कम है।कम ऊंचाई पर ही प्रदूषक फंस जाते हैं। इन सभी कारणों से प्रदूषण फैलकर ऊपर नहीं जा पाता और शहर में AQI लगातार खराब बना रहता है।
यह भी पढ़ें-IAS विवाद पर नया तूफान,हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष बोले-वर्मा अपनी पत्नी को ब्राह्मणों के यहां भेजें
नियंत्रण के प्रयास जारी
शर्मा ने बताया कि प्रदूषण रोकथाम के लिए नगर निगम लगातार जल छिड़काव कर रहा है।इसके लिए भोपाल नगर निगम द्वारा विशेष मशीनें और फॉगिंग सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि सड़क की धूल को बांधा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि शहर में सड़क धूल को नियंत्रित किया जाता है, तो प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।
यह भी पढ़ें-नवंबर के अंत में ठंड ने फिर पकड़ी रफ्तार, MP के 7 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे
स्वास्थ्य पर असर को लेकर चेतावनी
प्रदूषण बोर्ड ने चेताया कि लगातार खराब वायु गुणवत्ता नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इसी वजह से शहरभर में प्रदूषण स्तर की जानकारी सार्वजनिक की जा रही है, ताकि लोग एहतियात बरत सकें। इस समय लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
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पराली नहीं, धूल सबसे बड़ा कारण
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने का सबसे बड़ा कारण शहर में उड़ने वाली धूल है। पराली जलाने का असर मात्र 7 से 10% ही देखा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क की धूल और निर्माण कार्यों से उठने वाला कण (PM10) ही प्रमुख रूप से AQI बढ़ा रहा है।
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11 नवंबर के बाद स्थिति और बिगड़ी
शर्मा के अनुसार लगभग 11 नवंबर के आसपास प्रदूषण स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की गई।ठंड बढ़ने के साथ-साथ मौसम के पैरामीटर भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। सतह के पास हवा ठंडी होने से प्रदूषक ऊपर नहीं उठते।विंड वेलोसिटी मात्र 1.3 किमी/घंटा के आसपास, यानी हवा का बहाव बेहद कम है।कम ऊंचाई पर ही प्रदूषक फंस जाते हैं। इन सभी कारणों से प्रदूषण फैलकर ऊपर नहीं जा पाता और शहर में AQI लगातार खराब बना रहता है।
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नियंत्रण के प्रयास जारी
शर्मा ने बताया कि प्रदूषण रोकथाम के लिए नगर निगम लगातार जल छिड़काव कर रहा है।इसके लिए भोपाल नगर निगम द्वारा विशेष मशीनें और फॉगिंग सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि सड़क की धूल को बांधा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि शहर में सड़क धूल को नियंत्रित किया जाता है, तो प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।
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स्वास्थ्य पर असर को लेकर चेतावनी
प्रदूषण बोर्ड ने चेताया कि लगातार खराब वायु गुणवत्ता नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इसी वजह से शहरभर में प्रदूषण स्तर की जानकारी सार्वजनिक की जा रही है, ताकि लोग एहतियात बरत सकें। इस समय लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।