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MP News: एम्स भोपाल में फिर विवाद, महिला डॉक्टर ने एचओडी पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, ICC के पास पहुंची शिकायत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Tue, 04 Nov 2025 09:32 PM IST
सार

एम्स भोपाल में उत्पीड़न का मामला सामने आया है। ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति दुबे ने अपने विभागाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद यूनुस पर धमकाने, डराने और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला अब संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति के पास पहुंच गया है।
 

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MP News: Controversy erupts at AIIMS Bhopal, female doctor accuses HOD of harassment, complaint reaches ICC
एम्स भोपाल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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एम्स भोपाल में उत्पीड़न का मामला सामने आया है। ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति दुबे ने अपने ही विभागाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद यूनुस पर धमकाने, डराने और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। एम्स प्रशासन ने शिकायत की पुष्टि की है और मामला अब आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के पास जांच के लिए भेजा गया है।
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कमरे में अकेले बुलाकर दी धमकी
डॉ. श्रुति दुबे ने अपनी दो पेज की लिखित शिकायत में कहा कि 7 अगस्त 2025 की सुबह विभागाध्यक्ष डॉ. यूनुस बिना पूर्व सूचना के आईसीयू काउंसलिंग रूम में आए और उन्हें ट्रॉमा विभाग में ज्वाइन करने का मौखिक आदेश दिया। जब उन्होंने बताया कि एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के आदेश के अनुसार उनकी तैनाती आईसीयू में है, तो डॉ. यूनुस ने यह कहते हुए आदेश को खारिज कर दिया कि ऐसे ऑर्डर्स की कोई अहमियत नहीं है। डॉ. दुबे का आरोप है कि इसके बाद उन्हें अकेले कमरे में बैठाकर बार-बार धमकाया गया और ऑर्डर न मानने पर अप्रूवल पीरियड पर असर डालने की चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा कि उस समय वे अकेली थीं और असहज महसूस कर रही थीं।
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मीटिंग में अपमानित करने का भी आरोप
डॉ. दुबे ने आगे बताया कि इसी दिन सुबह 11 बजे हुई विभागीय बैठक में भी उनके साथ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक व्यवहार किया गया। उनके अनुसार, डॉ. यूनुस ने मीटिंग में फैकल्टी और रेजिडेंट्स के सामने कहा कि डॉ. दुबे ने ट्रॉमा विभाग में काम करने की सहमति दे दी है, जबकि ऐसा नहीं था। जब उन्होंने आपत्ति जताई तो विभागाध्यक्ष ने सबके सामने चिल्लाते हुए कहा तुम्हारी यहां जरूरत नहीं है। शिकायत में डॉ. दुबे ने लिखा कि वे लगातार मानसिक दबाव और डर के माहौल में काम कर रही हैं। मैं अपने करियर की शुरुआत में हूं, लेकिन इस तरह का व्यवहार मेरे मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर जीवन दोनों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण नहीं मिला तो वे नौकरी छोड़ने पर मजबूर होंगी।

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 प्रशासन ने जांच शुरू की
एम्स भोपाल प्रशासन ने शिकायत की पुष्टि की है, हालांकि अभी तक किसी औपचारिक कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक आईसीसी समिति ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं और रिपोर्ट तैयार की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यस्थल पर किसी भी कर्मचारी की सुरक्षा और गरिमा से समझौता न हो। 


 
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