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MP News: 30 दिनों में मतदाताओं तक पहुंचना असंभव, चुनाव आयोग पहुंचे कांग्रेसी, बोले-SIR प्रक्रिया में अव्यवस्था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Mon, 24 Nov 2025 06:12 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में चल रही SRI प्रक्रिया भारी विवादों के आरोपों के बीच घिर गई है। कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन देकर पूरी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए, जबकि विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया कि प्रदेश में दहशत का माहौल है और बीएलओ की मौतें तक हो रही हैं।
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चुनाव आयोग पहुंचे कांग्रेसी नेता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
एसआईआर (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के दौरान हो रही गंभीर अव्यवस्थाओं को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा को विस्तृत ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एसआईआर फॉर्म वितरण और संग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह अव्यवस्थित है, जिससे जनता और बीएलओ दोनों बेहद परेशान हैं। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, विधायक आरिफ मसूद, चुनाव आयोग प्रभारी जेपी धनोपिया, प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमित शर्मा और पूर्व युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा मौजूद रहे।
30 दिनों में 1400 मतदाताओं तक पहुंचना असंभव
कांग्रेस ने बताया कि कई मतदान केंद्रों की मतदाता सूची में 1400 से अधिक नाम दर्ज हैं। अभियान की समय-सीमा 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक केवल 30 दिन तय की गई है। इस अवधि में प्रत्येक मतदाता तक पहुँचकर फॉर्म देना और वापस लेना लगभग असंभव है। इस वजह से कई बीएलओ फॉर्म वितरित न कर पाने पर मतदाताओं को गलत तरीके से स्थानांतरण सूची में डाल रहे हैं। कई बीएलओ फॉर्म जमा करने के बाद भी उन्हें बीएलओ ऐप पर अपलोड नहीं कर पा रहे। नेटवर्क समस्याएँ और बार-बार सिस्टम फेल होने के कारण हजारों फॉर्म लंबित पड़े हुए हैं।
शहरी गरीब और मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान
कांग्रेस ने कहा कि शहरों में रहने वाले मजदूर, किरायेदार और पलायन करने वाले लोगों के लिए 2003 की सूची में अपना या रिश्तेदार का नाम ढूंढना बेहद कठिन हो रहा है। रिकॉर्ड खोजने में तकनीकी दिक्कतें इतनी बढ़ गई हैं कि मदद करना भी मुश्किल हो गया है।
निर्देशों के अनुसार 2003 की लिस्ट में नाम न मिलने पर मतदाता को अपने माता-पिता या रिश्तेदार के नाम का रिकॉर्ड दिखाना होता है। गरीब और अनपढ़ जनता इस प्रक्रिया को समझ ही नहीं पा रही।
यह भी पढ़ें-एमबीबीएस व एमडी डॉक्टरों को हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर बनाने की मांग, डिप्टी सीएम को लिखा पत्र
आरिफ मसूद का बड़ा आरोप-अब तक 50% फॉर्म भी नहीं बंटे
मध्य विधानसभा के विधायक आरिफ मसूद ने स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि अब तक 50% फॉर्म भी नहीं बंटे हैं। बीएलओ और जनता दोनों को पूरी जानकारी नहीं है। गलत फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। लोगों में डर है कि कहीं उनका नाम न कट जाए। कई बीएलओ अत्यधिक दबाव के कारण अपनी जान तक गंवा चुके हैं। अधिकारी सिर्फ कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं, उन्हें ज़मीन पर उतरकर हालात देखने चाहिए। विधायक मसूद ने कहा कि कलेक्टर को कैमरे पर साफ कहना चाहिए कि किसी का नाम नहीं कटेगा और सभी फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे। जनता घबराए नहीं और इस प्रक्रिया में शामिल होकर फॉर्म जरूर भरे। यही जनता की लड़ाई है और हम इसे मजबूती से लड़ेंगे।
यह भी पढ़ें-भोपाल बना प्रदेश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, कई शहर वेरी पुअर श्रेणी में पहुंचे
ज्ञापन सौंपने पहुंचे कांग्रेस नेताओं की मांग
- एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई जाए।
- बीएलओ को तकनीकी सहायता दी जाए।
- 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध कराने में आ रही दिक्कतें दूर की जाएँ।
- जनता को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि नाम नहीं काटे जाएंगे।
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30 दिनों में 1400 मतदाताओं तक पहुंचना असंभव
कांग्रेस ने बताया कि कई मतदान केंद्रों की मतदाता सूची में 1400 से अधिक नाम दर्ज हैं। अभियान की समय-सीमा 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक केवल 30 दिन तय की गई है। इस अवधि में प्रत्येक मतदाता तक पहुँचकर फॉर्म देना और वापस लेना लगभग असंभव है। इस वजह से कई बीएलओ फॉर्म वितरित न कर पाने पर मतदाताओं को गलत तरीके से स्थानांतरण सूची में डाल रहे हैं। कई बीएलओ फॉर्म जमा करने के बाद भी उन्हें बीएलओ ऐप पर अपलोड नहीं कर पा रहे। नेटवर्क समस्याएँ और बार-बार सिस्टम फेल होने के कारण हजारों फॉर्म लंबित पड़े हुए हैं।
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शहरी गरीब और मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान
कांग्रेस ने कहा कि शहरों में रहने वाले मजदूर, किरायेदार और पलायन करने वाले लोगों के लिए 2003 की सूची में अपना या रिश्तेदार का नाम ढूंढना बेहद कठिन हो रहा है। रिकॉर्ड खोजने में तकनीकी दिक्कतें इतनी बढ़ गई हैं कि मदद करना भी मुश्किल हो गया है।
निर्देशों के अनुसार 2003 की लिस्ट में नाम न मिलने पर मतदाता को अपने माता-पिता या रिश्तेदार के नाम का रिकॉर्ड दिखाना होता है। गरीब और अनपढ़ जनता इस प्रक्रिया को समझ ही नहीं पा रही।
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आरिफ मसूद का बड़ा आरोप-अब तक 50% फॉर्म भी नहीं बंटे
मध्य विधानसभा के विधायक आरिफ मसूद ने स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि अब तक 50% फॉर्म भी नहीं बंटे हैं। बीएलओ और जनता दोनों को पूरी जानकारी नहीं है। गलत फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। लोगों में डर है कि कहीं उनका नाम न कट जाए। कई बीएलओ अत्यधिक दबाव के कारण अपनी जान तक गंवा चुके हैं। अधिकारी सिर्फ कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं, उन्हें ज़मीन पर उतरकर हालात देखने चाहिए। विधायक मसूद ने कहा कि कलेक्टर को कैमरे पर साफ कहना चाहिए कि किसी का नाम नहीं कटेगा और सभी फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे। जनता घबराए नहीं और इस प्रक्रिया में शामिल होकर फॉर्म जरूर भरे। यही जनता की लड़ाई है और हम इसे मजबूती से लड़ेंगे।
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ज्ञापन सौंपने पहुंचे कांग्रेस नेताओं की मांग
- एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई जाए।
- बीएलओ को तकनीकी सहायता दी जाए।
- 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध कराने में आ रही दिक्कतें दूर की जाएँ।
- जनता को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि नाम नहीं काटे जाएंगे।
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