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MP News: अब एमपी में महिलाएं रात में भी कर सकेंगी काम, शर्तों के साथ सरकार की मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 04 Jul 2025 08:04 AM IST
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सार
मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और औद्योगिक गतिविधियों को गति देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब प्रदेश में महिलाएं रात के समय भी शॉपिंग मॉल, बाजार, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में काम कर सकेंगी।

वल्लभ भवन, भोपाल
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए महिलाओं को शॉपिंग मॉल, बाजार, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में रात में काम करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति सशर्त होगी, जिसके तहत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संबंधित नियोक्ता की होगी। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने का अवसर मिलेगा और कारोबारियों को भी अपनी गतिविधियों का विस्तार करने में सुविधा होगी।
रात में काम के लिए सुरक्षा प्रबंध जरूरी
श्रम विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक शॉप्स और शोरूम्स में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए। वहीं, कारखानों के लिए यह समय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित किया गया है। कारखानों और यूनिट्स में यदि महिलाएं रात्रिकालीन शिफ्ट में कार्यरत होंगी, तो प्रत्येक शिफ्ट में एक-तिहाई महिला सुपरवाइजर, शिफ्ट इंचार्ज या फोरमैन की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
नियोक्ता को सुनिश्चित करनी होंगी ये व्यवस्थाएं:
- महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी होगी।
- कम से कम 5 महिलाएं ड्यूटी पर रहें।
- घर से लाने और छोड़ने की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था।
- कार्यस्थल पर स्वच्छ टॉयलेट, पेयजल, विश्राम कक्ष और भोजन की व्यवस्था।
- प्रवेश और निकास बिंदुओं पर महिला सुरक्षा गार्ड और CCTV कैमरे।
- यदि ठहरने की सुविधा है, तो महिला वार्डन की निगरानी।
- कार्यस्थल पर 'लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम' का पालन अनिवार्य।

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रात में काम के लिए सुरक्षा प्रबंध जरूरी
श्रम विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक शॉप्स और शोरूम्स में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए। वहीं, कारखानों के लिए यह समय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित किया गया है। कारखानों और यूनिट्स में यदि महिलाएं रात्रिकालीन शिफ्ट में कार्यरत होंगी, तो प्रत्येक शिफ्ट में एक-तिहाई महिला सुपरवाइजर, शिफ्ट इंचार्ज या फोरमैन की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
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नियोक्ता को सुनिश्चित करनी होंगी ये व्यवस्थाएं:
- महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी होगी।
- कम से कम 5 महिलाएं ड्यूटी पर रहें।
- घर से लाने और छोड़ने की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था।
- कार्यस्थल पर स्वच्छ टॉयलेट, पेयजल, विश्राम कक्ष और भोजन की व्यवस्था।
- प्रवेश और निकास बिंदुओं पर महिला सुरक्षा गार्ड और CCTV कैमरे।
- यदि ठहरने की सुविधा है, तो महिला वार्डन की निगरानी।
- कार्यस्थल पर 'लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम' का पालन अनिवार्य।