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MP News: गीता जयंती पर CM डॉ. यादव बोले-गीता अद्भुत और पवित्र ग्रंथ,जीवन की हर जिज्ञासा का समाधान इसमें निहित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 01 Dec 2025 05:37 PM IST
सार
रविंद्र भवन में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि गीता अद्भुत और पवित्र ग्रंथ है, जो जीवन की हर जिज्ञासा का समाधान देती है। हजारों भक्तों के सस्वर गीता पाठ से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को रविंद्र भवन परिसर में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार, दीप प्रज्ज्वलन और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता एक अद्भुत, अनुपम और पवित्र ग्रंथ है, जिसके अध्ययन से मनुष्य के जीवन की सभी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का समाधान मिल जाता है। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान ही संपूर्ण सृष्टि की चेतना और ज्ञान का मूल आधार है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि योगीराज भगवान श्रीकृष्ण ने कर्मयोग, निष्काम कर्म और धर्म पालन को मनुष्य के जीवन का सर्वोच्च मार्ग बताया है। उन्होंने कहा कि अर्जुन को सिखाए गए उपदेश आज भी मानव जीवन की दिशा तय करते हैं- कर्तव्य का पालन करें, लेकिन फल की इच्छा न रखें। यही मार्ग मोक्ष और परम शांति की ओर ले जाता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गीता जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि गीता हमें सिखाती है कि आत्मा रूपी पिंड अंततः परमात्मा में ही विलीन होता है।
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कार्यक्रम में 11 हजार कृष्णभक्तों, विद्यार्थियों और कृष्णमार्गियों ने एकस्वर में श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ किया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। मुख्यमंत्री ने सभी गीतापाठियों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाया। डॉ. यादव ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के 55 जिलों, 10 संभागों और 313 विकासखंडों में करीब 3 लाख से अधिक लोग गीता पाठ कर नया रिकॉर्ड बनाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन संघर्ष, ज्ञान और कर्मवाद का प्रतीक है। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में कृष्ण-सुदामा की शिक्षा और मित्रता की स्मृतियाँ आज भी प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित कर रही है। ‘श्रीकृष्ण पाथेय’ के माध्यम से उन सभी स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है जहाँ भगवान कृष्ण के चरण पड़े। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर के राजवाड़ा में पहला गीता भवन बनकर तैयार हो चुका है, जिसका लोकार्पण भी सोमवार को किया गया।
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अपर मुख्य सचिव गृह, संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार एआई आधारित संगीत नाट्य ‘कृष्णायन’ का मंचन हो रहा है, जो दर्शकों को श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन की जीवंत अनुभूति कराएगा। इसके अलावा दिव्यांग कलाकारों की विशेष प्रस्तुति ‘गीता ऑन व्हील्स’, नृत्य-नाटिकाएं और आकर्षक चित्र प्रदर्शनी भी महोत्सव के मुख्य आकर्षण हैं।
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कार्यक्रम में 11 हजार कृष्णभक्तों, विद्यार्थियों और कृष्णमार्गियों ने एकस्वर में श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ किया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। मुख्यमंत्री ने सभी गीतापाठियों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाया। डॉ. यादव ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के 55 जिलों, 10 संभागों और 313 विकासखंडों में करीब 3 लाख से अधिक लोग गीता पाठ कर नया रिकॉर्ड बनाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन संघर्ष, ज्ञान और कर्मवाद का प्रतीक है। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में कृष्ण-सुदामा की शिक्षा और मित्रता की स्मृतियाँ आज भी प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित कर रही है। ‘श्रीकृष्ण पाथेय’ के माध्यम से उन सभी स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है जहाँ भगवान कृष्ण के चरण पड़े। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर के राजवाड़ा में पहला गीता भवन बनकर तैयार हो चुका है, जिसका लोकार्पण भी सोमवार को किया गया।
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अपर मुख्य सचिव गृह, संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार एआई आधारित संगीत नाट्य ‘कृष्णायन’ का मंचन हो रहा है, जो दर्शकों को श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन की जीवंत अनुभूति कराएगा। इसके अलावा दिव्यांग कलाकारों की विशेष प्रस्तुति ‘गीता ऑन व्हील्स’, नृत्य-नाटिकाएं और आकर्षक चित्र प्रदर्शनी भी महोत्सव के मुख्य आकर्षण हैं।