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MP News: उज्जैन में लैंड पुलिंग एक्ट की वापसी पर सियासी घमासान तेज, कांग्रेस ने उठाए कैबिनेट के फैसले पर सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Tue, 18 Nov 2025 05:26 PM IST
सार
उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र के लिए लैंड पुलिंग एक्ट वापस लेने के सरकार के ऐलान के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। किसान संघ ने इसे बड़ी जीत बताया है, जबकि कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या यह फैसला सिर्फ उज्जैन तक सीमित है या पूरे प्रदेश में एक्ट खत्म किया गया है।
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पीसीसी में प्रेसवार्ता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीन के स्थायी अधिग्रहण को लेकर सरकार द्वारा लाया गया लैंड पुलिंग एक्ट वापस लेने के ऐलान के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। जहां भारतीय किसान संघ ने इसे किसानों की बड़ी जीत बताया, वहीं कांग्रेस ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या यह निर्णय सिर्फ उज्जैन के लिए है या पूरे प्रदेश के लिए। भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी और तराना विधायक महेश परमार ने सवाल उठाया कि यदि एक्ट वापस हो चुका है, तो क्या आज की कैबिनेट में इसका औपचारिक निर्णय लिया गया? सरकार बताए कि यह निर्णय प्रदेश भर के लिए लागू होगा या केवल सिंहस्थ क्षेत्र तक सीमित है।
किसानों को जमीन से बेदखल करने की थी कोशिश
तराना विधायक महेश परमार ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह किसानों की जीत है। उन्होंने कहा सरकार ने किसानों को जमीन से बेदखल करने की कोशिश की थी। संघर्ष किसानों ने किया, हम केवल उनके साथ खड़े रहे। अगर यह एक्ट केवल उज्जैन से हटाया गया और बाकी जिलों में लागू रहा, तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के बाकी किसानों के साथ सरकार विश्वासघात कर रही है। यदि फैसला पूरे प्रदेश पर लागू नहीं होता, तो बीजेपी को इसका जवाब देना होगा।
यह भी पढ़ें-भोपाल में एसआईआर की रफ्तार धीमी, कलेक्टर हुए नाराज, बीएलओ को रोज 10% काम पूरा करने के दिए निर्देश
विजयवर्गीय एक्ट को किसानों के हित में बताते थे, फिर वापसी क्यों?’
कांग्रेस नेताओं ने याद दिलाया कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने लैंड पुलिंग एक्ट को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था। अब सरकार ने एक्ट वापस ले लिया, तो वह बयान किस आधार पर था? महेश परमार ने कहा पूरे प्रदेश से एक्ट हटना चाहिए और किसानों को 4 गुना मुआवजा मिलना चाहिए। अगर सरकार नहीं मानी तो किसानों की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगी।”
यह भी पढ़ें-अनाथ बच्चों चार-चार हजार रुपए,12 जिलों में खुलेंगे आयुष अस्पताल,कैबिनेट में जानें और क्या हुए निर्णय
महाकाल क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं को रोके जाने पर भी उठे सवाल
उज्जैन कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी ने आरोप लगाया कि जब हम किसान प्रतिनिधियों के साथ महाकाल दर्शन के लिए जा रहे थे, तो पूरा क्षेत्र छावनी बना दिया गया।दर्शनार्थियों को उनके पहनावे के आधार पर रोकना दादागिरी थी। किसानों की पीड़ा सुनने के बजाय सरकार ने हमारे रास्ते बंद कर दिए।
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किसानों को जमीन से बेदखल करने की थी कोशिश
तराना विधायक महेश परमार ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह किसानों की जीत है। उन्होंने कहा सरकार ने किसानों को जमीन से बेदखल करने की कोशिश की थी। संघर्ष किसानों ने किया, हम केवल उनके साथ खड़े रहे। अगर यह एक्ट केवल उज्जैन से हटाया गया और बाकी जिलों में लागू रहा, तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के बाकी किसानों के साथ सरकार विश्वासघात कर रही है। यदि फैसला पूरे प्रदेश पर लागू नहीं होता, तो बीजेपी को इसका जवाब देना होगा।
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कांग्रेस नेताओं ने याद दिलाया कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने लैंड पुलिंग एक्ट को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था। अब सरकार ने एक्ट वापस ले लिया, तो वह बयान किस आधार पर था? महेश परमार ने कहा पूरे प्रदेश से एक्ट हटना चाहिए और किसानों को 4 गुना मुआवजा मिलना चाहिए। अगर सरकार नहीं मानी तो किसानों की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगी।”
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उज्जैन कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी ने आरोप लगाया कि जब हम किसान प्रतिनिधियों के साथ महाकाल दर्शन के लिए जा रहे थे, तो पूरा क्षेत्र छावनी बना दिया गया।दर्शनार्थियों को उनके पहनावे के आधार पर रोकना दादागिरी थी। किसानों की पीड़ा सुनने के बजाय सरकार ने हमारे रास्ते बंद कर दिए।
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