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जहरीला कोल्ड्रिफ कफ सिरप: अब होलसेलर-रिटेलर बनाए गए सह-आरोपी; छिपाई थी ये अहम जानकारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो Updated Tue, 14 Oct 2025 10:05 AM IST
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सार

Toxic Cough Syrup Scandal: जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ से हुई 25 बच्चों की मौत के मामले में जांच का दायरा बढ़ गया है। पुलिस ने अब होलसेलर राजेश सोनी और मेडिकल स्टोर संचालक सौरभ जैन को भी सहआरोपी बनाया है। 

Coldriff syrup case: Wholeseller, retailer co-accused, hid information from drug team
कफ सिरप कांड में नया खुलासा, दो और पर बढ़ी जांच की आंच। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश में घटित दूषित कफ सिरप मामले ने देशभर में हडकंप मच हुआ है। जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ से हुई 25 बच्चों की मौत के मामले में अब जांच का दायरा और बढ़ गया है। पुलिस ने इस प्रकरण में होलसेलर न्यू अपना फार्मा के संचालक राजेश सोनी और परासिया स्थित अपना मेडिकल के केमिस्ट सौरभ जैन को भी सह-आरोपी बनाया है। ड्रग विभाग की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों ने न केवल सिरप की बिक्री का रिकॉर्ड छिपाया, बल्कि बची हुई बोतलें भी जांच टीम को नहीं सौंपीं। पुलिस का कहना है कि इस तरह दोनों ने प्रकरण के अहम साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया।


ड्रग टीम की रिपोर्ट के आधार पर बढ़ी कार्रवाई
एसपी अजय पांडे ने बताया कि ड्रग विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट उल्लेख है कि पुराना पावर हाउस स्थित न्यू अपना फार्मा के संचालक राजेश सोनी ने जांच के दौरान कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री का लेखा-जोखा नहीं रखा और शेष सिरप जब्त नहीं कराया। यही नहीं, डॉ. प्रवीण सोनी के क्लीनिक से सटे अपना मेडिकल स्टोर के फार्मासिस्ट सौरभ जैन ने भी यही गलती दोहराई।
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जांच में यह साबित हुआ कि दोनों ने जानबूझकर प्रतिबंधित सिरप टीम को नहीं सौंपा ताकि जांच को गुमराह किया जा सके। इसी आधार पर दोनों को 21 बच्चों की मौत के मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि राजेश सोनी इस मामले के मुख्य आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी का भतीजा है। पुलिस ने दोनों को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

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ईडी की रेड बनी एसआईटी की जांच में बाधा
वहीं, दूसरी ओर सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे एसआईटी टीम मुख्य आरोपी रंगनाथन को लेकर तमिलनाडु पहुंची थी। लेकिन इससे पहले ही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने श्रीसन फार्मा और रंगनाथन के करीबी लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर दी। इस वजह से एसआईटी टीम श्रीसन फार्मा में अपनी जांच शुरू नहीं कर सकी। ईडी की रेड पूरी होने के बाद ही एसआईटी को जरूरी दस्तावेज और अन्य साक्ष्य एकत्र करने की अनुमति मिलेगी।

सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के कारण जांच प्रक्रिया कुछ समय के लिए बाधित हो गई है। हालांकि, एसआईटी का कहना है कि जल्द ही फार्मा कंपनी से जुड़ी पूरी जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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