Indore: एक ही मामले में लगाई बार-बार याचिका, कोर्ट ने लगाया जयस पर एक लाख का जुर्माना
खरगोन में रिजर्व इंस्पेक्टर सौरभ सिंह कुशवाह व आरक्षक राहुल चौहान के बीच विवाद हो गया था। जयस ने इसेे लेकर धरना प्रदर्शन किए। इंस्पेक्टर व उनकी पत्नी पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग भी की गई। बाद में कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई।
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खरगोन में एक आरक्षक और इंस्पेक्टर के बीच हुए विवाद को लेकर बार-बार लगाई गई याचिका जयस को लगाना भारी पड़ी। कोर्ट ने इस केस में न केवल नाराजगी जताई, बल्कि जय आदिवासी संगठन (जयस) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि एक ही मामले में बार-बार याचिका लगाई जा रही है। कोर्ट को क्या तमाशा समझ रखा है। दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जयस ने जनहित याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे निजी उद्देश्य से प्रेरित माना।
खरगोन के जयस के जिला अध्यक्ष सचिन सिसोदिया की तरफ लगाई गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। शासन की तरफ से इस याचिका पर एडिशनल एडवोकेट जनरल अरनंद सोनी ने तर्क प्रस्तुत किए थे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले भी याचिकाएं लगी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जनहित याचिका तभी स्वीकार की जा सकती है,जब उसमें वास्तविक सार्वजनिक हित व जनप्रभाव हो। जनहित याचिका का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह था मामला
खरगोन में रिजर्व इंस्पेक्टर सौरभ सिंह कुशवाह व आरक्षक राहुल चौहान के बीच 23 अगस्त को विवाद हो गया था। इस मामले को जयस ने उठाया और धरना प्रदर्शन भी किए। इंस्पेक्टर व उनकी पत्नी पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग भी की गई। बाद में कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई। कोर्ट ने कहा कि पीडि़त भी सरकारी कर्मचारी है और शिक्षित भी। वह खुद अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए सक्षम है। इसके बाद याचिका वापस ले ली गई। बाद में सचिन चौहान ने याचिका लगाई, लेकिन बाद में कोर्ट में मौजूद होकर कहा कि वह याचिका वापस लेना चाहता है। बाद में जयस के जिलाध्यक्ष ने याचिका लगाई थी।

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