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Indore: कोर्ट की फटकार के बाद दो दिन में हट गए चार किलोमीटर तक बीआरटीएस के रैलिंग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Fri, 05 Dec 2025 08:56 AM IST
सार

इंदौर में अभी तक बीआरटीएस नहीं हट पाया है। इसका मामला कोर्ट में भी है और अफसरों को कोर्ट की नाराजगी का शिकार भी होना पड़ रहा है। दिखावे के लिए कटर से बस रैलिंग काट दिए गए, लेकिन चौड़ी सड़क अभी भी नहीं बनी। 

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Indore: Four kilometres of BRTS railings removed in two days after court reprimand
हटाए बीआरटीएस के बस रैलिंग। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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इंदौर में बीआरटीएस तोड़ने का फैसला 9 माह पहले लिया था, लेकिन अभी तक बीआरटीएस के बस रैलिंग पूरी तरह नहीं हट पाए। इसे लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान नगम अफसरों पर नाराजगी जताई थी और यह टिप्पणी भी की थी कि मकान बिल्डिंग तो नगर निगम कुछ घंटे में तोड़ देता है। बीआरटीएस क्यों नहीं हट पा रहा है।

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कोर्ट की नाराजगी को अफसरों ने गंभीरता से लिया है और दो दिन में चार मीटर से ज्यादा के हिस्से में रैलिंग निकाल दी गई। निगमायुक्त ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा है कि एक माह में रैलिंग हट जाएंगे।

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9 माह में 300 मीटर हिस्सा ही टूटा था

बीआरटीस हटाने के लिए कोई एजेंसी राजी नहीं हो रही थी। एक ठेकेदार राजी हुआ, लेकिन काम इतना सुस्त चाल से होता रहा कि 300 मीटर हिस्से की रैलिंग हट पाई थी। ठेकेदार ने एक कबाड़ी की मदद लेकर बीआरटीएस की बस लेन हटाने की काम शुरू किया। अगली सुनवाई पर कोर्ट नाराज न हो, इसलिए डिवाइडर हटाने के बजाए कटर से रैलिंग काट दिए। अभी भंवरकुआं क्षेत्र में एक तरफ के डिवाइडर हट पाए है।

 

बस स्टाॅप टूटने में पांच दिन का समय

बीआरटीएस के बस स्टाॅप तोड़ने में चार से पांच दिन का समय लग रहा है और उसका मलबा भी वाहन चालकों को परेशान कर रहा है। बस स्टाॅप हटाने का काम दिन में चल रहा है, जबकि रैलिंग रात के समय हटाए जा रहे है, ताकि कोई हादसा न हो। आपको बता दे कि पंद्रह साल पहले 11 किलोमीटर लंबाई में बीआरटीएस 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, लेकिन दस माह पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीआरटीएस तोड़ने का फैसला लिया था।

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