Indore: इंदौर के उम्रदराज शास्त्री ब्रिज के फुटपाथ खोदकर अफसर देख रहे चूहों के बिल
नगर निगम ने इंदौर के शास्त्री ब्रिज को चूहों से मुक्त करने का फैसला लिया है। इस कारण ब्रिज के फुटपाथ उड़ाख कर देखे जा रहे है। नए पेवर ब्लाॅक लगाने से पहले पेस्ट कंट्रोल भी किया जाएगा।
विस्तार
72 साल पुराने इंदौर के शास्त्री ब्रिज के कई हिस्सों को चूहों ने कमजोर कर दिया है। ब्रिज के कुछ हिस्सों में फुटपाथ और सड़क के बीच गेप आ गया है। अफसरों ने आशंका जताई है कि चूहों के बिल के कारण कुछ हिस्सा खोखला हो गया है। इसके चलते अब अफसर फुटपाथ के पुराने पेवर ब्लाॅक निकलवा रहे है। फुटपाथ पर नए ब्लाॅक लगाए जाएंगे, लेकिन उससे पहले फुटपाथों की मिट्टी हटाकर चूहों के बिल भी खोजे जा रहे है।
ब्रिज के एक हिस्से में पिछले दिनों गड्ढा हो गया थाा। इस कारण उसके आसपास ट्रैफिक रोक दिया गया था। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने जीएसआईटीएस काॅलेज के विशेषज्ञों के साथ पूरे ब्रिज का दौरा किया था तो पाया कि ब्रिज के आसपास सैकड़ों की संख्या में चूहों के बिल है। जिस जगह गड्ढा हुआ था।
वहां भी बिल मिले थे और एक दुकान भी अतिक्रमण कर बनाई गई थी। दीवार बनाकर गड्ढा भर दिया गया। इसके बाद विशेषज्ञों ने ब्रिज के फुटपाथ के ब्लाॅक बदलने और पेस्ट कंट्रोल करने की सलाह दी थी। समिति प्रभारी राठौर ने कहा कि ब्रिज के एक तरफ के हिस्से के फुटपाथ निकाले गए है।
पहले कच्ची जगह पर पेस्ट कंट्रोल किया जाएगा। इसके बाद कांच के टुकड़े डाले जाएंगे, ताकि चूहे फिर बिल न बना सके। ब्रिज के समीप गांधी प्रतिमा सर्कल पर भी काफी चूहों के बिल है,क्योकि यहां लोग पंछियों को दाना डालते है। चूहों को भोजन आसानी से मिल जाता है। सर्कल से भी निगम चूहों के बिल हटाएगा।
इंदौर का पहला ब्रिज
शास्त्री ब्रिज इंदौर का पहला ब्रिज है। इसका लोकार्पण देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री ने वर्ष 1953 में किया था। यह ब्रिज दो लेन बनाया गया था। तब शहर का ट्रैफिक कम रहता था। अब ट्रैफिक के हिसाब से इसके विस्तार की जरुरत है।

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