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Indore News: 5 दिसंबर से हो जाएं सावधान, कड़ाके की ठंड और बर्फीली हवाएं करेंगी अटैक
अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
Published by: अर्जुन रिछारिया
Updated Tue, 02 Dec 2025 09:08 PM IST
सार
Indore News: आज दिन का पारा 25.6 और रात का पारा 8.6 रहा। मौसम विभाग के मुताबिक अब मध्य प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने वाला है।
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इंदौर
- फोटो : अमर उजाला, इंदौर, डिजिटल डेस्क
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विस्तार
मध्य प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 5 या 6 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का नया दौर शुरू होगा। इसके साथ ही कई इलाकों में शीतलहर यानी कोल्ड वेव चलने की भी संभावना है। 5 दिसंबर से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा। इसके चलते पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, जिसका सीधा असर मध्य प्रदेश में बर्फीली हवाओं के रूप में दिखाई देगा। मंगलवार रात से ही तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आने का अनुमान है।
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नवंबर में टूटे सर्दी के रिकॉर्ड
दिसंबर, जनवरी और फरवरी तक तेज सर्दी का असर बना रहने की उम्मीद है। इससे पहले नवंबर माह में सर्दी ने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। रविवार-सोमवार की रात भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के 6 जिलों में पारा 10 डिग्री से नीचे लुढ़क गया। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं आज दिन का पारा 25.6 और सोमवार मंगलवार रात का पारा 8.6 रहा।
इतिहास में दर्ज हुई नवंबर की ठंड
आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा समय है। 17 नवंबर की रात पारा 5.2 डिग्री तक गिर गया था, जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले 1941 में यह 6.1 डिग्री था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री तक पहुंचा, जो पिछले 25 साल में पहली बार हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत में समय से पहले बर्फबारी होने के कारण इस बार नवंबर में ही कड़ाके की ठंड महसूस की गई।
दिसंबर और जनवरी में मावठा गिरने के आसार
मौसम विभाग ने बताया कि जैसे मानसून में जुलाई-अगस्त अहम होते हैं, वैसे ही सर्दी में दिसंबर और जनवरी सबसे महत्वपूर्ण महीने होते हैं। इन महीनों में उत्तर भारत से सीधी ठंडी हवाएं आती हैं और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने से मावठा (बारिश) गिरने की संभावना भी बनती है। पिछले 10 साल का ट्रेंड बताता है कि दिसंबर में मौसम में भारी बदलाव आता है और दिन व रात दोनों के तापमान में तेजी से गिरावट होती है।
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दिसंबर और जनवरी में मावठा गिरने के आसार
मौसम विभाग ने बताया कि जैसे मानसून में जुलाई-अगस्त अहम होते हैं, वैसे ही सर्दी में दिसंबर और जनवरी सबसे महत्वपूर्ण महीने होते हैं। इन महीनों में उत्तर भारत से सीधी ठंडी हवाएं आती हैं और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने से मावठा (बारिश) गिरने की संभावना भी बनती है। पिछले 10 साल का ट्रेंड बताता है कि दिसंबर में मौसम में भारी बदलाव आता है और दिन व रात दोनों के तापमान में तेजी से गिरावट होती है।