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Indore News: जहरीली हो रही इंदौर की हवा, अस्पतालों में लगी मरीजों की कतार, बढ़ रहा AQI

अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Thu, 27 Nov 2025 03:25 PM IST
सार

Indore News: इंदौर में चल रहे भारी निर्माण कार्यों और खुदी सड़कों से उड़ती धूल ने शहर की हवा को अत्यधिक प्रदूषित कर दिया है। अस्पतालों में सांस और एलर्जी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञ इसे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बता रहे हैं।

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Indore News Rising Air Pollution High AQI Levels Health Concerns
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के वैज्ञानिक संजय जैन ने दी जरूरी जानकारियां। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
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विस्तार
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इंदौर समेत देशभर में इन दिनों एक्यूआई यानी (एयर क्वालिटी इंडेक्स) अधिक चल रहा है। पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के वैज्ञानिकों का कहना है कि नवंबर से जनवरी तक तीन महीने यह समस्या आती है क्योंकि हवा का प्रवाह बहुत कम होता है। कोहरा बना रहता है और कई बार बादल भी रहते हैं। इन सभी वजहों से जहरीली गैसें, धूल के कण वायुमंडल में निचले स्तर तक बने रहते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को इन दिनों मास्क लगाकर रखन चाहिए और यदि किसी प्रकार की एलर्जी है तो फिर अधिक ध्यान रखना चाहिए। 
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इंदौर में प्रदूषण के प्रमुख कारण
1. इंदौर में विकास कार्यों के चलते खुदी सड़कें और जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्यों ने शहर की हवा को जहरीला बना दिया है। उड़ती धूल की वजह से पूरा शहर परेशान है। डस्ट कंट्रोल के इंतजाम न होने से धूल के कण हवा में मिल रहे हैं।
2. ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसके कारण प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। 
3. गाड़ियों की जांच नहीं हो रही है और शहर में निगम की गाड़ियों से लेकर बड़े वाहन तक काला धुआं छोड़ते देखे जा सकते हैं। कई बार बातें होने के बावजूद भी इन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता। 



दो महीने में बेहतर हो जाएगी स्थिति
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के वैज्ञानिक संजय जैन ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि इंदौर की स्थिति देश के अन्य शहरों के मुकाबले में बहुत बेहतर है। हमारे यहां पर सालभर एक्यूआई ठीक रहता है। इन दिनों जरूर प्रदूषण कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य और मौसम के चलते प्रदूषण बढ़ रहा है लेकिन एक से दो महीने में यह स्थिति सुधर जाएगी। संजय जैन ने कहा कि अभी भी इंदौर का एक्यूआई खतरनाक स्तर पर नहीं है। 

खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
पिछले 10 दिनों से शहर का  (एक्यूआई) लगातार 100 के पार बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है। शहर में प्रदूषण की स्थिति यह है कि हवा में पीएम 2.5 का स्तर 200 और पीएम-10 का स्तर 300 के पार चला गया है। हवा में धूल, धुएं, कार्बन और अन्य जहरीली गैसों का मिश्रण होने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। हैरानी की बात यह है कि शहर या आसपास न तो पराली जलाई जा रही है और न ही कचरा, फिर भी प्रदूषण का स्तर दिवाली पर चलने वाले पटाखों जितना बना हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक्यूआई 100 से कम, पीएम 2.5 का स्तर 25 और पीएम-10 का स्तर 60 तक होना चाहिए, लेकिन वर्तमान आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हैं। रीगल तिराहे पर एक्यूआई 261 तक दर्ज किया गया है, जो पीक आवर्स में और बढ़ जाता है।

अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़
प्रदूषित हवा का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। एलर्जी विशेषज्ञ डॉ. संजय लोंढ़े के अनुसार अस्पतालों में एलर्जी, सर्दी-खांसी, निमोनिया और दमे के मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आया है। ठंड के मौसम में हवा भारी होती है, जिससे धूल और धुएं के कण नीचे ही रह जाते हैं। यह सघनता सांस के मरीजों के लिए घातक साबित हो रही है। लोगों को लगातार खांसी, सांस फूलने और कफ की शिकायतें हो रही हैं। यदि यह स्थिति बनी रही तो स्वस्थ लोगों के फेफड़ों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।
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