Exclusive: री नीट को रोकने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे इंदौर के स्टूडेंट्स, फिर से परीक्षा नहीं देंगे
नीट 2024 Neet परीक्षा का दूसरा पक्ष बताने के लिए स्टूडेंट्स ने शुरू किया संघर्ष

विस्तार
री नीट की मांग के बीच इंदौर के स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन छात्रों की मांग है की नीट Neet की परीक्षा फिर से नहीं कराई जाए। इनका कहना है की जो स्टूडेंट्स अपनी मेहनत से परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हुए हैं जरूरी नहीं की वो फिर से परीक्षा होने पर अच्छे नंबर ले आएं। हर दिन एक जैसा नहीं होता और हर बार परीक्षा में एक जैसी मानसिक स्तिथि नहीं होती।

यह बच्चे पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
आठ बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। पांच इंदौर के हैं तीन अन्य शहरों के हैं। अश्विन मेहता, यश मेहता, शुभी जैन, गौरी अग्रवाल, कनिष्कराज सिंह देवड़ा, कृतिका जैन, अर्णव पांडे, धैर्य लाड़
अश्विन मेहता के पिता रजनीश मेहता ने बताया की यह मेहनती, ईमानदार व प्रतिभाशाली छात्र जो स्वयं की मेहनत एवं त्याग के बल पर ना केवल अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए अपितु संपूर्ण देश में शहर व प्रदेश को गौरवान्वित कर इस सफलता पर सम्मान के हकदार हैं। यह सोचने की बात है की सम्मान मिलना तो दूर यह छात्र अपनी खुशियां भी नहीं मना पाए।
व्यथित छात्रों ने भी अपना पक्ष रखने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है व दिनाँक 2/07/2024 को अपनी याचिका प्रस्तुत की है। इसकी सुनवाई इस माह की आठ तारीख को इस प्रकरण से जुड़े अन्य मामलों के साथ ही होगी। परीक्षा पुनः ना कराने की मांग के पक्ष में न केवल इंदौर से अपितु पूरे देश से कुल 10 याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत हुई हैं। आशा है इन मेहनती एवं निर्दोष छात्रों को उचित न्याय मिलेगा व किसी और के अपराध का दंड इन्हें नहीं भुगतना पड़ेगा।
क्या है मामला
बिहार में एक जगह नीट का पर्चा आउट होने की घटना के बाद से नीट को दोबारा करवाने की मांग की जा रही है। इस मुद्दे पर देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।