Jabalpur Bank Robbery: पहले जेल में बने दोस्त, फिर बना बैंक डकैती का प्लान, अब मास्टरमाइंड ने उगले सारे राज
जबलपुर के पास बैंक में डकैती करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड राजेश को पुलिस गिरफ्तार किया है। इस डकैती का प्लान छत्तीसगढ़ की रायगढ़ जेल में बना। फिर रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया गया। मास्टरमाइंड एक दर्जन से अधिक बैंकों में डकैती डाल चुका है था।

विस्तार
जबलपुर के पास खितौला थाना क्षेत्र स्थित एक स्मॉल फाइनेंस बैंक में हुई डकैती के मास्टरमाइंड राजेश दास और सोना छिपाने में मदद करने वाले इंद्रजीत दास को बिहार पुलिस ने गयाजी जिले से गिरफ्तार किया है। इसके बाद इन दोनों को जबलपुर लाया गया। मास्टरमाइंड राजेश एक दर्जन से अधिक बैंक डकैतियों को अंजाम दे चुका है। पुलिस ने आरोपी के पास से तीन किलो सोना बरामद किया है। बैंक डकैती में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

गौरतलब है कि खितौला क्षेत्र स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखा में हेलमेट पहनकर पहुंचे तीन युवकों ने डकैती डाली थी। इसमें करीब 15 किलो सोना और 5 लाख रुपये की डकैती हुई थी। तीन आरोपी युवक बैंक के अंदर थे जबकि उनके दो साथी मोटरसाइकिल लेकर बाहर खड़े हुए थे। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मोटर साइकिल में बैठकर फरार हो गये थे। घटना के समय बैंक में सिर्फ चार कर्मचारी ही मौजूद थे और आरोपी युवकों ने 20 मिनट में वारदात को अंजाम दिया गया था।
रायगढ जेल में बना प्लान
पुलिस के अनुसार स्थानीय स्तर पर चार युवकों ने बिहार से आए इन आरोपियों की मदद की थी। मदद करने वालों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपी सोनू वर्मन ने पाटन निवासी रईस सिंह लोधी के कहने पर डकैती करने वाले पांच आरोपियों को इंद्राना में किराये पर घर दिलाया था। रईस सिंह लोधी ने आरोपियों को बैंक के आसपास की रेकी कराई थी। जब रईस सिंह लोधी मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में छत्तीसगढ के रायगढ जेल में बंद था। तब उसकी दोस्ती जेल में बंद राजेश दास से हुई। जेल में ही रईस, राजेश और गैंग के सदस्यों ने बैंक में डकैती की योजना तैयार की थी।
डकैती के बाद किराए के मकान पर आए आरोपी
पुलिस के अनुसार डकैती के लिए रईस ने अपने साथी हेमराज के नाम पर नई मोटरसाइकिल फाइनेंस करवाई थी। इसी का उपयोग डकैती बाद बैंक से इंद्राना स्थित किराए के मकान तक आने के लिए किया गया। इसके बाद सोने के बराबर बंटवारे की बात सभी के बीच हुई। रईस और उसके दोस्त हेमराज ने राजेश को सुरक्षित दमोह तक पहुंचाया था। दमोह में रईस के एक और साथी विकास चक्रवर्ती ने खाने की व्यवस्था एक ढाबे पर करवाई थी। इसके अलावा कोलकाता एक्सप्रेस से झारखंड जाने के लिए ट्रेन टिकट भी दी थी। रईस आरोपियों को पुलिस से बचाते हुए स्टेशन तक छोड़ने भी गया था।
तीन किलो सोना बरामद

पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने बताया कि गैंग राजेश और इंद्रजीत दास से बिहार पुलिस ने पूछताछ की है। वो गया का रहने वाला है। पुलिस को दबिश के बाद आरोपियों के पास से तीन किलों सोना मिला है। बाकी का सोना अन्य सदस्यों में बंट गया था जिसकी तलाश की जा रही है।
राजेश है सरगना
पुलिस के अनुसार, राजेश के ऊपर कई बैंकों में डकैती डालने के आरोप है। वो मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। उसने पिछले 14 साल में सासाराम,जमुई,पुरुलिया,रायगढ सहित अन्य स्थानों में एक दर्जन से अधिक बैंकों में डकैती डाली है। वो कई बार जेल जा चुका है। रायगढ़ जेल से वो 18 जून को बाहर निकला इसके बाद उसने खितौला की जेल को अपना निशाना बनाया। राजेश ही दास गैंग चलाता है।
चार राज्यों की पुलिस ने सुलझाया केस
मध्य प्रदेश पुलिस को जब राजेश के इस गैंग में शामिल होने की जानकारी लगी, तो उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की पुलिस को राजेश के बारे में बताया गया। जबलपुर पुलिस ने इसके ऊपर 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। एमपी पुलिस से जानकारी मिलने के बाद बिहार और झारखंड पुलिस सक्रिय हुई। झारखंड पुलिस ने डकैती से मिले सोने को ठिकाने लगाने वाले गैंग के सदस्य इंद्रजीत दास पर शिकंजा कसा। उसे गुरुवा थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जब इंद्रजीत से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने राजेश रवि दास का नाम उगल दिया। पुलिस को राजेश के गयाजी जिले में डोभी थाना इलाके में होने की सूचना मिली। जहां से उसे गिरफ्तार किया गया।
ये भी पढ़ें- IMD: अगस्त में बारिश से कई राज्यों में बाढ़, सितंबर में क्या होगा हाल; जानें मौसम विभाग की भविष्यवाणी
सोने का हुआ बटवारा
पुलिस के अनुसार, बैंक से डकैती के बाद सोना लेकर आरोपी अपने राज्य में पहुंच गए। फिर तय योजना शर्तों पर उसका बटवारा हुआ। 15 किलो सोने में से राजेश ने अपने पास तीन किलो सोना और पचास हजार रुपये रखें। बाकी का सोना अन्य सदस्यों के बीच बांट गया।
ये भी पढ़ें- घाटी में तबाही के बाद शाह का दूसरा दौरा: बाढ़ पीड़ितों से मिले गृहमंत्री, मंगुचक्क गांव का भी करेंगे निरीक्षण