कटनी में फर्जी एनआईए अधिकारी ने किया डॉक्टर दंपती को डिजिटल अरेस्ट, बेटे की सूझबूझ से ठगी से बचे
कटनी जिले में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया, जिसमें जालसाजों ने खुद को NIA और दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर डॉक्टर दंपती को डेढ़ से दो घंटे तक मानसिक रूप से बंधक बनाया।
विस्तार
मध्य प्रदेश के कटनी जिले से साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जालसाजों ने खुद को एनआईए और दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर एक डॉक्टर दंपती को लगभग डेढ़ से दो घंटे तक मानसिक रूप से बंधक बनाए रखा। फर्जी केस और धमकियों के जरिए लाखों रुपये हड़पने की कोशिश की गई, लेकिन समय पर परिजनों की सूझबूझ से बड़ी ठगी टल गई।
जानकारी के अनुसार आज़ाद चौक निवासी और गहोई समाज के सरपंच डॉ. हजारी लाल गुप्ता को सबसे पहले उनके मोबाइल नंबर पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को इंस्पेक्टर कुशल सिंह, ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (दिल्ली) बताया। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में लाल किले पर हुए विस्फोट में पकड़े गए आरोपी के पास मिली 140 लोगों की सूची में डॉ. गुप्ता का नाम शामिल है और उनकी सिम का इस्तेमाल आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में हुआ। मामले को जम्मू-कश्मीर टेररिज्म केस 017/2025 से जोड़कर धमकाया गया।
ठगों ने दंपती को घर में रहने, किसी से बात न करने और दरवाजा बंद रखने के निर्देश दिए। इस तरह वे मानसिक रूप से "डिजिटल अरेस्ट" की स्थिति में फंस गए। कुछ समय बाद दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आया, जिसमें आधार कार्ड, बैंक खातों का विवरण और सुरक्षा प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे गए। डर के कारण डॉक्टर ने अपने खाते में 10 लाख रुपये होने की जानकारी भी दे दी। ठग लगातार यह कहते रहे कि घर के बाहर और इलाके में 123 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और हर गतिविधि रिकॉर्ड हो रही है।
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इसी बीच डॉ. गुप्ता के बेटे ने माता-पिता की घबराई आवाजें सुनीं और खतरा भांपकर अपने मित्र अभय त्रिसोलिया और अन्य साथियों को घर भेजा। मौके पर पहुंचकर उन्होंने काफी समझाने के बाद दरवाजा खुलवाया। अभय ने डॉ. गुप्ता का मोबाइल लेकर कॉल काट दी और फोन बंद कर दिया। इसके बाद पूरा मामला परिजनों को समझ में आया।

घटना की शिकायत तुरंत साइबर सेल और 1930 हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई। कोतवाली टीआई राखी पांडे ने बताया कि यह एक सुनियोजित साइबर ठगी का प्रयास था। डॉ. हजारी गुप्ता ने शिकायत में कहा कि ठग खुद को NIA दिल्ली क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर उन्हें संदिग्ध साबित करने की धमकी दे रहे थे और महत्वपूर्ण कागजात तथा बैंक जानकारी ले चुके थे। ठगों ने ओटीपी भेजी, लेकिन समय रहते बेटे के मित्र ने आकर उन्हें बचा लिया।
पुलिस ने एहतियातन सभी बैंक खाते लॉक करा दिए हैं। कटनी साइबर टीम संबंधित मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस कर रही है और उसे बंद कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल, वीडियो कॉल या धमकी पर विश्वास न करें और तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें। जागरूकता ही ऐसे अपराधों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
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