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Khargone News: इंजेक्शन लगाने के बाद चार साल के बच्चे की मौत, परिजनों का डॉक्टर-लैब संचालक पर लापरवाही का आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Fri, 10 Oct 2025 09:04 AM IST
सार
खरगोन में इंजेक्शन लगाने से चार वर्षीय मासूम की मौत हो गई। बड़वानी के ठीकरी निवासी बच्चे को बुखार होने पर पिता डॉक्टर के पास ले गए थे। जांच के बाद इंजेक्शन लगते ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
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चार वर्षीय दियान की इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई।
- फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
प्रदेश में एक के बाद एक लापरवाही से मासूमों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में खांसी की सिरप से हुई मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब खरगोन में इंजेक्शन लगाने से चार साल के मासूम की जान चली गई। बड़वानी जिले के ठीकरी निवासी कालू पंचोले के चार वर्षीय बेटे की इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई। गुरुवार को हुई इस घटना के बाद परिजनों ने निजी क्लिनिक संचालित करने वाले डॉक्टर और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मृतक के पिता कालू पंचोले ने बताया कि बच्चे को बुखार आने पर वह खरगोन जिला अस्पताल के पास स्थित डॉ. राजेश सयदे के पास ले गए थे। डॉक्टर ने जांच करने के बाद एक पर्ची दी और पास ही स्थित लेब में इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा। पिता के अनुसार जैसे ही लैब संचालक ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, बच्चे को पूरे शरीर में खुजली होने लगी और उसके मुंह से झाग आने लगा। घबराए परिजन बच्चे को लेकर फिर से डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां से बच्चे को निजी अस्पताल भेज दिया गया। जहां बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया। परंतु कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया। इस हादसे से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ये भी पढ़ें- मासूम दीक्षा की मौत ने खोली लापरवाही की पोल, सील अस्पताल फिर अवैध रूप से चल रहा था, डॉक्टर पर FIR
बच्चे में थे निमोनिया के लक्षण
इस मामले में डॉ. सयदे ने कहा कि बच्चे की तबियत ठीक नहीं थी। निमोनिया के लक्षण थे। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखकर बचाने की कोशिश की। 40 मिनट के बाद बच्चे की मृत्यु हो गई।
पीएम रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई
जैतापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी सुदर्शन कालोसिया ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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मृतक के पिता कालू पंचोले ने बताया कि बच्चे को बुखार आने पर वह खरगोन जिला अस्पताल के पास स्थित डॉ. राजेश सयदे के पास ले गए थे। डॉक्टर ने जांच करने के बाद एक पर्ची दी और पास ही स्थित लेब में इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा। पिता के अनुसार जैसे ही लैब संचालक ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, बच्चे को पूरे शरीर में खुजली होने लगी और उसके मुंह से झाग आने लगा। घबराए परिजन बच्चे को लेकर फिर से डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां से बच्चे को निजी अस्पताल भेज दिया गया। जहां बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया। परंतु कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया। इस हादसे से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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बच्चे में थे निमोनिया के लक्षण
इस मामले में डॉ. सयदे ने कहा कि बच्चे की तबियत ठीक नहीं थी। निमोनिया के लक्षण थे। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखकर बचाने की कोशिश की। 40 मिनट के बाद बच्चे की मृत्यु हो गई।
पीएम रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई
जैतापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी सुदर्शन कालोसिया ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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