MP News: मुरैना में महिलाओं पर लाठियों से हमला, पुलिस बोली- क्या आप पीड़ित के वकील हैं, किस-किस का ध्यान रखें
मुरैना के भोंडेरी गांव में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में लाठी-डंडे चले, जिसमें महिलाओं समेत छह से अधिक लोग घायल हुए। न्यायालय के आदेश के बावजूद कब्जे की कोशिश के आरोप लगे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
विस्तार
मुरैना जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के भोंडेरी शिवलाल का पुरा गांव में मंगलवार को जमीन के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। डेढ़ बीघा भूमि को लेकर शुरू हुआ मामूली झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष पर लाठियों और डंडों से बेरहमी से हमला कर दिया। हमले में महिलाओं समेत आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल मुरैना में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को किसी तरह नियंत्रित किया।
‘न्यायालय के आदेश के बावजूद कब्जे की कोशिश’
अस्पताल में भर्ती कमल प्रजापति ने बताया कि विवादित जमीन पर पहले से ही न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश (स्टे ऑर्डर) दिया गया है। इसके बावजूद गांव के ही धर्मेंद्र गुर्जर, किशन गुर्जर और उनके साथी ट्रैक्टर लेकर खेत जोतने पहुंचे। कमल ने कहा कि जब उन्होंने और उनके परिवार ने विरोध किया तो आरोपियों ने परिवार के पुरुषों और महिलाओं पर लाठियों से हमला कर दिया। हमले के दौरान नाबालिग बच्ची ने घटना का वीडियो बनाया, लेकिन वह भी भयभीत होकर खेतों में भाग गई।
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‘पुलिस को दी थी शिकायत, लेकिन नहीं हुई सुनवाई’
घायल मीना प्रजापति ने बताया कि यह जमीन विवाद दो साल से न्यायालय में लंबित है। उन्होंने बताया कि परिवार ने इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस को कई बार शिकायतें दीं, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। मीना ने कहा कि दो दिन पहले भी शिकायत दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। आज जब धर्मेंद्र गुर्जर और उसके साथी ट्रैक्टर लेकर आए, तो उन्होंने महिलाओं समेत पूरे परिवार को पीट दिया। मीना ने कहा कि अगर पुलिस ने हमारी बात समय पर सुनी होती, तो यह घटना नहीं होती।
पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
जब मीडिया ने एसआई प्रीति जादौन से फोन पर घटना और पूर्व शिकायत पर कार्रवाई के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि क्या आप पीड़ित पक्ष के वकील हैं? दिनभर में बहुत आवेदन आते हैं, किस-किस का ध्यान रखूं। मेरा काम आवेदन लेना है, कार्रवाई करना थाना प्रभारी का काम है। पुलिस की इस प्रतिक्रिया ने ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के गुस्से को और बढ़ा दिया है। फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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