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Omkareshwar News: बड़वाह नावघाखेड़ी घाट पर नर्मदा में समा गया मासूम आर्यन, परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Fri, 04 Jul 2025 04:35 PM IST
सार
बड़वाह नावघाखेड़ी घाट पर नर्मदा नदी में 14 वर्षीय आर्यन राठौड़ की डूबने से मौत हो गई। वह दोस्तों संग स्नान करने गया था। गोताखोरों ने शव निकाला। घटना का वीडियो सीसीटीवी में कैद हुआ। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घाट पर सुरक्षा की कमी उजागर हुई।
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डूबने से मासूम बच्चे की मौत।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
श्रावण मास के आगमन से पूर्व नर्मदा के पवित्र तट पर गुरुवार की शाम एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। ओंकारेश्वर से 15 किलोमीटर दूर बड़वाह नावघाखेड़ी के कछुआ घाट पर स्नान करने गए 14 वर्षीय आर्यन राठौड़ की नर्मदा में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई।
आर्यन बड़वाह की केशरिया बिहार कॉलोनी का निवासी था। मासूम आर्यन ने घर से मात्र यह कहकर निकल लिया था कि कापी लेने जा रहा हूं, पर लौट कर नहीं आया। गोताखोर प्रदीप केवट ने बताया कि आर्यन अपने तीन दोस्तों के साथ नर्मदा स्नान के लिए नावघाखेड़ी घाट पहुंचा था। जब वह गहरे पानी में उतरा, तो अचानक डूब गया। मौके पर मौजूद स्थानीय गोताखोर बाबूलाल मंगले, प्रदीप केवट, श्याम, गणेश और अरुण ने तत्काल खोज शुरू की और करीब 15–20 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद बालक को बाहर निकाला गया।
ये भी पढ़ें- श्रावण मास 2025: ओंकारेश्वर में छह सोमवारों के लिए प्रशासन अलर्ट, दर्शन से लेकर सुरक्षा तक बनी कार्य योजना
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बालक को तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शाम करीब साढ़े छह बजे मृतक का शव अस्पताल के मर्चुरी कक्ष में रखवाया गया है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
गोताखोर प्रदीप केवट कहते हैं कि अगर घाट पर सुरक्षा के इंतजाम होते, यदि चेतावनी बोर्ड लगे होते या यदि समय रहते बचाव दल पहुंच पाता, तो शायद एक मासूम की जान बच सकती थी। इधर घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बिलखती मां बार-बार यही पूछ रही थी — “मेरा बच्चा तो बस कॉपी लेने गया था, फिर वह नर्मदा में क्यों समा गया?”
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आर्यन बड़वाह की केशरिया बिहार कॉलोनी का निवासी था। मासूम आर्यन ने घर से मात्र यह कहकर निकल लिया था कि कापी लेने जा रहा हूं, पर लौट कर नहीं आया। गोताखोर प्रदीप केवट ने बताया कि आर्यन अपने तीन दोस्तों के साथ नर्मदा स्नान के लिए नावघाखेड़ी घाट पहुंचा था। जब वह गहरे पानी में उतरा, तो अचानक डूब गया। मौके पर मौजूद स्थानीय गोताखोर बाबूलाल मंगले, प्रदीप केवट, श्याम, गणेश और अरुण ने तत्काल खोज शुरू की और करीब 15–20 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद बालक को बाहर निकाला गया।
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घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बालक को तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शाम करीब साढ़े छह बजे मृतक का शव अस्पताल के मर्चुरी कक्ष में रखवाया गया है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
गोताखोर प्रदीप केवट कहते हैं कि अगर घाट पर सुरक्षा के इंतजाम होते, यदि चेतावनी बोर्ड लगे होते या यदि समय रहते बचाव दल पहुंच पाता, तो शायद एक मासूम की जान बच सकती थी। इधर घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बिलखती मां बार-बार यही पूछ रही थी — “मेरा बच्चा तो बस कॉपी लेने गया था, फिर वह नर्मदा में क्यों समा गया?”

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