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Panna News: क्यों नवरात्र में ही खुलते हैं जगदंबी देवी मंदिर के कपाट? जानें क्या है मान्यता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पन्ना Published by: पन्ना ब्यूरो Updated Sun, 30 Mar 2025 07:29 AM IST
सार

यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है और इसके गर्भगृह के द्वार साल में केवल दो बार, चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान ही खोले जाते हैं।नवरात्रि के दौरान देवी अपने स्वरूप बदलती हैं, जिससे भक्तों को अलग-अलग रूपों के दर्शन होते हैं।

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Panna News: The doors of the Chandel period Devi Jagdambi temple of Khajuraho will open today
खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह स्थित चंदेलकालीन देवी जगदंबी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देशभर में चैत्र मास की शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं। नौ दिन तक देवीभक्त शक्ति की उपासना और पूजन करते हैं। विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन पश्चिमी मंदिर समूह स्थित चंदेलकालीन जगदंबी देवी मंदिर के कपाट देवीभक्तों के लिए निशुल्क खुल गए हैं। यहां पर सूर्योदय के साथ ही देवीभक्तों कि भारी भीड़ उमड़ पड़ती है, जो सूर्यास्त तक जारी रहती है। इस दौरान भक्त देवी मां को जल ढारने, पूजा अर्चना के साथ आरती भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में देवीभक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के गर्भगृह के कपाट की खासियत यह है कि यह साल भर में आश्विन मास की शारदीय तथा चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्र में ही खुलते हैं और बाकी समय बंद रहते हैं।

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ये है मान्यता
खजुराहो में 9वीं से 11वीं सदी के समय चंदेल राजाओं ने कई मंदिर बनवाये थे, जो हिन्दू देवताओं को समर्पित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये मंदिर केवल देवों के थे। मान्यताओं के अनुसार जब तक मंदिरों में देवों के साथ शक्ति नहीं होती तब तक वहां पूर्णता का आभास नहीं होता। इसलिए स्थान की पूर्णता हेतु इनमें से एक मंदिर जो भगवान विष्णु को समर्पित था कालांतर में इस मंदिर के गर्भ गृह में देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित की गई थी। बाद में देवी जगदम्बी के रूप में प्रसिद्धि मिली और नवरात्रि में देविभक्त यहां पूजन अर्चन करने लगे। जो आज भी अनवरत जारी है। वैसे तो पुरातत्व विभाग के अधीन सभी मंदिरों के गर्भगृह बंद रहते हैं, लेकिन देवी जगदंबी मंदिर के गर्भगृह को नवरात्र पर्व पर न केवल खोला जाता है। निशुल्क प्रवेश भी रखा गया है, पश्चिमी मंदिर समूह के इस मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों का तांता लग जाता है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जगदम्बी देवी नवरात्र के दौरान अपने स्वरूप बदलती हैं, जिससे भक्तों को देवी के अलग-अलग रूपों के दर्शन हो जाते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं देवीमाता पूरी करती हैं। इस मंदिर में देवी पूजन के लिए आस-पास के क्षेत्र से ही नहीं अपितु देश भर से देवी भक्त आते हैं।

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