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खुशखबरी: पन्ना टाइगर रिजर्व के गाइड की बदली किस्मत, दो हीरों ने चमकाई जिंदगी; नीलामी में बिकेंगे ये कीमती रत्न
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पन्ना
Published by: पन्ना ब्यूरो
Updated Thu, 30 Oct 2025 02:51 PM IST
सार
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में टाइगर रिजर्व गाइड कैलाश तिवारी की किस्मत उस वक्त चमक उठी, जब उन्होंने कृष्णा कल्याणपुर हीरा खदान क्षेत्र से एक साथ दो कीमती हीरे खोज निकाले। इनमें से एक 1.56 कैरेट का उच्च गुणवत्ता वाला जैम्स क्वालिटी हीरा है, जबकि दूसरा 1.35 कैरेट का मैले किस्म का।
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एक 1.56 कैरेट का जैम्स क्वालिटी का उच्च श्रेणी का हीरा है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की हीरे की धरती एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां पन्ना टाइगर रिजर्व के गाइड कैलाश कुमार तिवारी पिता मइयादीन तिवारी की किस्मत उस वक्त चमक उठी, जब उन्हें कृष्णा कल्याणपुर पटी हीरा खदान क्षेत्र से दो चमचमाते हीरे मिले। कैलाश ने दोनों हीरों को सोमवार को हीरा कार्यालय, पन्ना में नियमानुसार जमा कराया।
खाली समय का किया सदुपयोग
जानकारी के अनुसार, कैलाश तिवारी मानसून सीजन में जब टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद रहता है। खाली समय का सदुपयोग करने का विचार लेकर आए। उन्होंने हीरा कार्यालय से पट्टा लेकर कृष्णा कल्याणपुर क्षेत्र में खदान शुरू की। कई दिनों की मेहनत के बाद 28 अक्तूबर को उनकी किस्मत ने साथ दिया और उन्हें एक साथ दो हीरे मिल गए।
हीरों की गुणवत्ता और कीमत
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि कैलाश तिवारी द्वारा जमा कराए गए हीरों में एक 1.56 कैरेट का जैम्स क्वालिटी का उच्च श्रेणी का हीरा है, जबकि दूसरा 1.35 कैरेट का मैले किस्म का हीरा है। दोनों हीरों की जांच हीरा पारखी अनुपम सिंह द्वारा की गई। इन्हें नियमानुसार कार्यालय में जमा कर लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि दोनों हीरों को आगामी सरकारी नीलामी में रखा जाएगा। विशेष रूप से जैम्स क्वालिटी वाले हीरे की बाजार में अच्छी मांग होती है, जिससे अनुमान है कि कैलाश को नीलामी में अच्छी राशि प्राप्त हो सकती है।
गाइड से हीरा खोजी तक
कैलाश तिवारी लंबे समय से पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए गाइड के रूप में कार्यरत हैं। वे बताते हैं कि हर साल 30 जून से रिजर्व मानसून के कारण पर्यटकों के लिए बंद हो जाता है। इस दौरान वे आमतौर पर खेती-किसानी करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने हीरा खदान लगाने का निर्णय लिया। कैलाश ने मुस्कुराते हुए बताया कि जब टाइगर रिजर्व बंद हुआ, तो सोचा कि फ्री समय में क्यों न किस्मत आजमाई जाए। मेहनत का फल मिला और पहली ही कोशिश में दो हीरे मिल गए। नीलामी से जो भी रकम मिलेगी, उसका उपयोग मैं अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार के भविष्य को संवारने में करूंगा।
ये भी पढ़ें- Cough Syrup Scandal: कोल्ड्रिफ केस में नया मोड़, डॉक्टर की पत्नी ज्योति सोनी बनी आरोपी; 66 बोतलें अब भी गायब
पन्ना उम्मीदों की धरती
पन्ना जिला देश और दुनिया में अपने हीरे के लिए प्रसिद्ध है। यहां आम लोग, किसान और मजदूर सरकारी नियमों के तहत पट्टा लेकर हीरा खोजते हैं। कई बार एक पत्थर किसी की तकदीर बदल देता है। कैलाश तिवारी की कहानी भी इसी सच्चाई को दोहराती है कि अगर मेहनत और किस्मत साथ दे दें, तो जिंदगी की दिशा बदल जाती है।
प्रशासन ने की सराहना
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि कैलाश तिवारी जैसे स्थानीय लोग वैध प्रक्रिया के तहत खनन कार्य कर रहे हैं, जो एक सकारात्मक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पन्ना की धरती हर साल मेहनतकश लोगों की जिंदगी में नई रोशनी लेकर आती है। कैलाश की सफलता उसी का प्रमाण है। जब प्रकृति ने अवसर दिया है, तो हर किसी को अपनी किस्मत जरूर आजमानी चाहिए।
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खाली समय का किया सदुपयोग
जानकारी के अनुसार, कैलाश तिवारी मानसून सीजन में जब टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद रहता है। खाली समय का सदुपयोग करने का विचार लेकर आए। उन्होंने हीरा कार्यालय से पट्टा लेकर कृष्णा कल्याणपुर क्षेत्र में खदान शुरू की। कई दिनों की मेहनत के बाद 28 अक्तूबर को उनकी किस्मत ने साथ दिया और उन्हें एक साथ दो हीरे मिल गए।
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हीरों की गुणवत्ता और कीमत
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि कैलाश तिवारी द्वारा जमा कराए गए हीरों में एक 1.56 कैरेट का जैम्स क्वालिटी का उच्च श्रेणी का हीरा है, जबकि दूसरा 1.35 कैरेट का मैले किस्म का हीरा है। दोनों हीरों की जांच हीरा पारखी अनुपम सिंह द्वारा की गई। इन्हें नियमानुसार कार्यालय में जमा कर लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि दोनों हीरों को आगामी सरकारी नीलामी में रखा जाएगा। विशेष रूप से जैम्स क्वालिटी वाले हीरे की बाजार में अच्छी मांग होती है, जिससे अनुमान है कि कैलाश को नीलामी में अच्छी राशि प्राप्त हो सकती है।
गाइड से हीरा खोजी तक
कैलाश तिवारी लंबे समय से पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए गाइड के रूप में कार्यरत हैं। वे बताते हैं कि हर साल 30 जून से रिजर्व मानसून के कारण पर्यटकों के लिए बंद हो जाता है। इस दौरान वे आमतौर पर खेती-किसानी करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने हीरा खदान लगाने का निर्णय लिया। कैलाश ने मुस्कुराते हुए बताया कि जब टाइगर रिजर्व बंद हुआ, तो सोचा कि फ्री समय में क्यों न किस्मत आजमाई जाए। मेहनत का फल मिला और पहली ही कोशिश में दो हीरे मिल गए। नीलामी से जो भी रकम मिलेगी, उसका उपयोग मैं अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार के भविष्य को संवारने में करूंगा।
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पन्ना उम्मीदों की धरती
पन्ना जिला देश और दुनिया में अपने हीरे के लिए प्रसिद्ध है। यहां आम लोग, किसान और मजदूर सरकारी नियमों के तहत पट्टा लेकर हीरा खोजते हैं। कई बार एक पत्थर किसी की तकदीर बदल देता है। कैलाश तिवारी की कहानी भी इसी सच्चाई को दोहराती है कि अगर मेहनत और किस्मत साथ दे दें, तो जिंदगी की दिशा बदल जाती है।
प्रशासन ने की सराहना
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि कैलाश तिवारी जैसे स्थानीय लोग वैध प्रक्रिया के तहत खनन कार्य कर रहे हैं, जो एक सकारात्मक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पन्ना की धरती हर साल मेहनतकश लोगों की जिंदगी में नई रोशनी लेकर आती है। कैलाश की सफलता उसी का प्रमाण है। जब प्रकृति ने अवसर दिया है, तो हर किसी को अपनी किस्मत जरूर आजमानी चाहिए।

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