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Mauganj News: हनुमना स्वास्थ्य शिविर में मौत से मचा हड़कंप, मुफ्त इलाज के बीच क्यों चली गई नीतू कोल की जान?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मऊगंज
Published by: रीवा ब्यूरो
Updated Tue, 18 Nov 2025 08:36 PM IST
सार
मऊगंज के हनुमना में जेके हॉस्पिटल व एलएन मेडिकल कॉलेज के निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में गोरमा दादर की नीतू कोल की इलाज के दौरान मौत हो गई। चक्कर आने पर उपचार के बावजूद जान नहीं बची। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए।
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स्वास्थ्य शिविर में मौत
- फोटो : freepik
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विस्तार
मऊगंज जिले के हनुमना में आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य शिविर उस समय विवादों में घिर गया, जब इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। गोरमा दादर गांव की निवासी नीतू कोल स्वास्थ्य परीक्षण करवाने शिविर पहुंची थी, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
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चौंकाने वाली बात यह है कि यह शिविर जेके हॉस्पिटल और एलएन मेडिकल कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर रीवा के CMHO तक पूरी टीम मौजूद थी। आयोजकों का दावा था कि मौके पर सभी मेडिकल सुविधाएं, विशेषज्ञ डॉक्टर, आवश्यक जांच उपकरण और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध थीं। इसके बावजूद नीतू कोल की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नीतू कोल को अचानक चक्कर और बेचैनी की शिकायत हुई। स्वास्थ्यकर्मियों ने तुरंत प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन हालत तेजी से बिगड़ती चली गई। लोगों का कहना है कि मौके पर मौजूद डॉक्टरों के बीच समन्वय की कमी दिखी और आपातकालीन व्यवस्था समय पर सक्रिय नहीं हो पाई। ग्रामीणों का आरोप है कि बड़े पैमाने पर लगाए जाने वाले इन मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों में भीड़ तो बुला ली जाती है, लेकिन आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की जाती। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी घटना की जांच की बात कह रहे हैं।
नीतू कोल की मौत के बाद परिजनों में रोष है। उनका कहना है कि अगर समय रहते उचित उपचार मिलता तो नीतू की जान बच सकती थी। घटना के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य शिविर प्रबंधन और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। फिलहाल, मऊगंज जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।