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MP: 'मुझसे कह रहे हैं कि बैंक में पैसे नहीं है', अपनी ही जमा पूंजी के लिए तरसता किसान, बेटी की शादी अटकी!
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रीवा
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 25 Nov 2025 05:55 PM IST
सार
मऊगंज बिछरहटा स्थित सेवा सहकारी समिति पर 80 वर्षीय किसान रामछबीले तिवारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने लगभग 10 लाख रुपये अपनी पत्नी और बेटी के नाम से समिति में जमा किए थे, लेकिन बेटी की शादी तय होने के बावजूद समिति उन्हें पैसा नहीं दे रही।
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80 वर्षीय किसान अपनी ही जमा पूंजी के लिए भटकता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मऊगंज बिछरहटा स्थित सेवा सहकारी समिति एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार मामला एक वृद्ध किसान की पीड़ा से जुड़ा है, जो अपनी ही जमा पूंजी वापस पाने के लिए महीनों से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। कोठार मऊगंज निवासी लगभग 80 वर्षीय किसान रामछबीले तिवारी का आरोप है कि समिति उनकी वर्षों की मेहनत की कमाई लौटाने को तैयार नहीं है।
किसान रामछबीले तिवारी के अनुसार, उन्होंने करीब 10 लाख रुपये अपनी पत्नी और बेटी के नाम से संयुक्त खाते में कई साल पहले समिति में जमा किए थे। अब उनकी बेटी की शादी तय हो चुकी है और ऐसे समय में उन्हें तत्काल पैसों की आवश्यकता है। लेकिन जब भी वे समिति से भुगतान मांगने जाते हैं, प्रबंधक हनुमान प्रसाद शुक्ला उन्हें टालमटोल कर लौटाते रहते हैं।
अपनी व्यथा सुनाते हुए बुजुर्ग किसान ने कहा, “मैं 80 साल का हूं, चलना भी मुश्किल होता है। कई वर्षों की कमाई इस भरोसे पर जमा की कि जरूरत पड़ेगी तो पैसा मिलेगा। लेकिन अब जब बेटी की शादी है तब मुझसे कहा जा रहा है कि बैंक में पैसे नहीं हैं। मैं अपने ही पैसों के लिए दर दर भटक रहा हूं।” रामछबीले तिवारी बताते हैं कि उन्होंने इस संबंध में पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन अभी तक मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लगातार चक्कर लगाने से वे आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी टूट चुके हैं।
ग्रामीणों के अनुसार सहकारी समिति पर इससे पहले भी भुगतान में गड़बड़ी और लेन देन में अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन किसी कड़ी कार्रवाई के अभाव में ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है किसान रामछबीले तिवारी की मांग है कि जिला प्रशासन पूरे मामले की पारदर्शी जांच कराए और उनकी जमा राशि तत्काल दिलवाई जाए, ताकि बेटी की शादी में किसी तरह की बाधा न आए।
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किसान रामछबीले तिवारी के अनुसार, उन्होंने करीब 10 लाख रुपये अपनी पत्नी और बेटी के नाम से संयुक्त खाते में कई साल पहले समिति में जमा किए थे। अब उनकी बेटी की शादी तय हो चुकी है और ऐसे समय में उन्हें तत्काल पैसों की आवश्यकता है। लेकिन जब भी वे समिति से भुगतान मांगने जाते हैं, प्रबंधक हनुमान प्रसाद शुक्ला उन्हें टालमटोल कर लौटाते रहते हैं।
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अपनी व्यथा सुनाते हुए बुजुर्ग किसान ने कहा, “मैं 80 साल का हूं, चलना भी मुश्किल होता है। कई वर्षों की कमाई इस भरोसे पर जमा की कि जरूरत पड़ेगी तो पैसा मिलेगा। लेकिन अब जब बेटी की शादी है तब मुझसे कहा जा रहा है कि बैंक में पैसे नहीं हैं। मैं अपने ही पैसों के लिए दर दर भटक रहा हूं।” रामछबीले तिवारी बताते हैं कि उन्होंने इस संबंध में पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन अभी तक मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लगातार चक्कर लगाने से वे आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी टूट चुके हैं।
ग्रामीणों के अनुसार सहकारी समिति पर इससे पहले भी भुगतान में गड़बड़ी और लेन देन में अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन किसी कड़ी कार्रवाई के अभाव में ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है किसान रामछबीले तिवारी की मांग है कि जिला प्रशासन पूरे मामले की पारदर्शी जांच कराए और उनकी जमा राशि तत्काल दिलवाई जाए, ताकि बेटी की शादी में किसी तरह की बाधा न आए।
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