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Sagar: उफनते नाले में बह गई गर्भवती महिला, पति संग बाइक से पार कर रही थी पुल; 17 घंटे की बारिश से बिगड़े हालात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Tue, 29 Jul 2025 07:09 PM IST
सार

Sagar rain: सागर में इस दुखद घटना ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल पर बाढ़ का पानी बहने के बावजूद आवागमन रोकने के लिए कोई अवरोधक या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया था।

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Sagar rain: Pregnant woman swept away in overflowing drain, was crossing bridge with husband on bike
इसी नाले में बह गई महिला
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सागर जिले में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले 17 घंटों से जारी तेज बारिश के चलते नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे कई ग्रामीण क्षेत्रों का सड़क संपर्क टूट गया है। इस बारिश ने मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे को जन्म दे दिया, जब देवरीकलां क्षेत्र में एक गर्भवती नवविवाहिता तेज बहाव वाले नाले में बह गई। महिला की अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

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नागपंचमी के दिन पूजा से लौटते समय हुआ हादसा
घटना मंगलवार सुबह की है, जब देवरी के संजय नगर स्थित रामघाट मंदिर में नागपंचमी के पूजन के बाद दशरथ साहू, उनकी पत्नी वंदना साहू (22) और 22 वर्षीय ननद बाइक से वापस कल्पधाम कॉलोनी लौट रहे थे। जैसे ही वे रामघाट नाले पर पहुंचे, देखा कि नाले का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। इसके बावजूद उन्होंने पार करने की कोशिश की।
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इसी दौरान तेज बहाव के कारण बाइक फिसल गई और वंदना नाले में गिरकर बह गई। हादसे को देखकर मौके पर मौजूद नगरवासियों लखन जाटव और रिजवान खान ने जान की परवाह किए बिना महिला को बचाने के लिए नाले में छलांग लगा दी, लेकिन तेज बहाव के कारण वह नजर नहीं आई और दोपहर तक उसका कुछ पता नहीं चल सका।
 
SDM और पुलिस बल मौके पर पहुंचे, SDRF को बुलाया गया
हादसे की खबर मिलते ही देवरी एसडीएम मुनब्बर खान, एसडीओपी शशिकांत सरयाम, तहसीलदार और थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। स्थानीय प्रशासन ने महिला की तलाश की, लेकिन बाढ़ के बढ़े हुए जलस्तर के कारण कोई सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम को बुलाया है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
 
प्रशासन की लापरवाही से फिर उठे सवाल
इस दुखद घटना ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल पर बाढ़ का पानी बहने के बावजूद आवागमन रोकने के लिए कोई अवरोधक या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया था। जबकि कलेक्टर द्वारा पहले ही निर्देश दिए गए थे कि बारिश के दौरान नदियों और नालों पर बने पुलों पर बाढ़ आने पर फौरन आवागमन रोका जाए। लेकिन रामघाट नाले पर कोई भी सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, जिससे यह हादसा हुआ।

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ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रशासन की अनदेखी को लेकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यदि समय रहते बैरिकेडिंग की गई होती या पुलिस तैनात होती, तो यह हादसा रोका जा सकता था। हादसे के बाद पूरे इलाके में दुख और चिंता का माहौल है।

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