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Sagar News: जमीन पर कब्जे की शिकायत करने वाले आदिवासी ने की आत्महत्या, पत्नी ने दबंगों पर लगाया आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Mon, 04 Aug 2025 11:13 PM IST
सार
सागर में अतिक्रमण शिकायतकर्ता आदिवासी की आत्महत्या का मामला गर्माता जा रहा है। मृतक की पत्नी ने मालथौन के ही कुछ लोगों द्वारा मृतक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाया है। पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की है।
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सागर में नीलेश ने आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने पुलिस को झूठी FIR को लेकर शपथ पत्र दिया था।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सागर जिले के मालथौन में पिछले दिनों अतिक्रमण को लेकर चले राजनीतिक घटनाक्रम में नया मोड़ आया है। इस मामले से जुड़े शिकायतकर्ता आदिवासी ने फंदा लगाकर जान दे दी है। उसकी पत्नी ने मालथौन के ही कुछ लोगों द्वारा मृतक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाया है। पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की है।
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बता दें कि शुक्रवार को बड़ा मोहल्ला मालथौन निवासी 36 वर्षीय नीलेश आदिवासी ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद उसकी पत्नी रेवा ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पति नीलेश को राघवेंद्र परिहार, नितिन उर्फ निक्की जैन, अजीत राय व अन्य लोग परेशान कर रहे थे। उसकी जमीन पर डॉ. मनोज जैन ने कब्जा किया है। उनकी रिपोर्ट लिखवाने के बहाने से नीलेश को तीनों लोग अपने साथ लेकर गए थे। जहां उन्होंने नीलेश को पहले शराब पिलाई और थाने ले जाकर उसके नाम से एफआईआर करवाई और नीलेश सहित परिवार को इंदौर भेज दिया। इसी दौरान नीलेश को पता चला कि उसके नाम से गोविंद सिंह राजपूत मालथौन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। नीलेश इंदौर से वापस आया, जहां उसने सागर अजाक्स थाना और एसपी कार्यालय में गोविंद पर दर्ज झूठी एफआईआर को समाप्त करने के लिए बयान दिए। रिपोर्ट वापस लेने के बाद झूठी एफआईआर करवाने वाले नीलेश पर दबाव बनाने लगे। इसी बीच वह नीलेश को एक दिन खुरई लेकर गए, जहां दोबारा एफआईआर कराने का दबाव बनाया गया। इसी से तंग आकर उसने खुदकशी कर ली। इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
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बता दें कि शुक्रवार को बड़ा मोहल्ला मालथौन निवासी 36 वर्षीय नीलेश आदिवासी ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद उसकी पत्नी रेवा ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पति नीलेश को राघवेंद्र परिहार, नितिन उर्फ निक्की जैन, अजीत राय व अन्य लोग परेशान कर रहे थे। उसकी जमीन पर डॉ. मनोज जैन ने कब्जा किया है। उनकी रिपोर्ट लिखवाने के बहाने से नीलेश को तीनों लोग अपने साथ लेकर गए थे। जहां उन्होंने नीलेश को पहले शराब पिलाई और थाने ले जाकर उसके नाम से एफआईआर करवाई और नीलेश सहित परिवार को इंदौर भेज दिया। इसी दौरान नीलेश को पता चला कि उसके नाम से गोविंद सिंह राजपूत मालथौन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। नीलेश इंदौर से वापस आया, जहां उसने सागर अजाक्स थाना और एसपी कार्यालय में गोविंद पर दर्ज झूठी एफआईआर को समाप्त करने के लिए बयान दिए। रिपोर्ट वापस लेने के बाद झूठी एफआईआर करवाने वाले नीलेश पर दबाव बनाने लगे। इसी बीच वह नीलेश को एक दिन खुरई लेकर गए, जहां दोबारा एफआईआर कराने का दबाव बनाया गया। इसी से तंग आकर उसने खुदकशी कर ली। इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
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नीलेश की पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की है।
- फोटो : अमर उजाला
यह है पूरा मामला
बीती एक जुलाई को मालथौन थाने में नीलेश पिता नत्थू आदिवासी निवासी मालथौन ने गोविंद सिंह राजपूत मालथौन और भरत आदिवासी के खिलाफ एससी-एसटी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि गोविंद सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी दी है। चार जुलाई को क्षत्रिय समाज ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में गोविंद के समर्थन में ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में एफआईआर की कार्रवाई झूठी बताते हुए समाप्त करने की मांग की थी। दूसरे दिन जुलाई को क्षेत्र के आदिवासियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंचकर पट्टे की जमीनों पर कब्जा करने वालों की शिकायत कर जमीन मुक्त कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
बीती एक जुलाई को मालथौन थाने में नीलेश पिता नत्थू आदिवासी निवासी मालथौन ने गोविंद सिंह राजपूत मालथौन और भरत आदिवासी के खिलाफ एससी-एसटी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि गोविंद सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी दी है। चार जुलाई को क्षत्रिय समाज ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में गोविंद के समर्थन में ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में एफआईआर की कार्रवाई झूठी बताते हुए समाप्त करने की मांग की थी। दूसरे दिन जुलाई को क्षेत्र के आदिवासियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंचकर पट्टे की जमीनों पर कब्जा करने वालों की शिकायत कर जमीन मुक्त कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।