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MP Weather News: मानसून से बेहाल पूरा प्रदेश, मंदाकिनी में आई भीषण बाढ़; अभी और बरसेगा पानी, अलर्ट जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सतना/दमोह/छतरपुर/मैहर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Sun, 13 Jul 2025 12:36 PM IST
सार
मध्यप्रदेश के चित्रकूट में लगातार 24 घंटे की भारी बारिश से मंदाकिनी नदी में भीषण बाढ़ आ गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंचकर घरों और दुकानों में घुस गया। सड़कों पर नावें चलती नजर आईं। मैहर क्षेत्र में बीते 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
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मंदाकिनी नदी में आई बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Satna Weather: चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में आई भीषण बाढ़ के बाद सतना जिले के कलेक्टर और एसपी मौके पर चित्रकूट पहुंचकर बोट में बैठकर इंतजामों का और जलस्तर का निरीक्षण किया। पूरे मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के दस जिलों अति भारी बारिश और 18 जिलों में भारी बारिश अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने छतरपुर, दमोह, सागर, कटनी, जबलपुर, रायसेन, सिवनी, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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गौरतलब है कि चित्रकूट में लगातार 24 घंटों तक हुई भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ आ गई। स्थानीय लोगों के अनुसार इस तरह की बाढ़ अब से 22 वर्ष पहले सन 2003 में आई थी। उस समय की बाढ़ में नदी से लगभग एक किलो मीटर दूर पेड़ से बंधे हाथी की पानी में डूबकर मौत हो गई थी।
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शनिवार सुबह मंदाकिनी नदी में आई भीषण बाढ़ को देखकर 2003 में आई बाढ़ की याद करते हुए रोंगटे खड़े हो गए। भीषण बाढ़ का आलम यह था कि सड़कों पर नावें चल रही थीं। यूपी-एमपी प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बारिश बंद होते ही दोपहर बाद नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने प्रशासनिक अधिकारियों ने चैन की सांस ली है। इसी बीच सतना जिला कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और पुलिस अधिकारी आशुतोष गुप्ता द्वारा भी चित्रकूट पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। साथ ही मातहत अधिकारियों को राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने जानकारी देते हुए कहा कि बाढ़ का पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर जाकर स्थानीय लोगों के घरों और दुकानों में भर गया है। प्रशासन द्वारा प्रमुख रूप से खाना-पानी और रुकने के इंतजामों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही बाढ़ के कारण जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उसके सर्वे के लिए एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व विभाग एवं नगर परिषद के द्वारा आंकलन कर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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टमस और सतना नदियां खतरे के निशान के करीब
सतना नदी का विहंगम दृश्य (फोटो : अमर उजाला)
मध्य प्रदेश के सतना जिले में पिछले 24 घंटे से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है। जिले में औसतन 5 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि बरौंधा और मझगवां इलाकों में सबसे ज्यादा 10 इंच तक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। भारी बारिश के चलते टमस और सतना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और ये दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। प्रशासन ने नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। हालांकि, चेतावनी के बावजूद कुछ लोग अब भी ओवरफ्लो हो चुकी रपटों के पास मछली पकड़ते देखे जा रहे हैं, जो खतरे को बढ़ा सकता है।
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36 घंटे की लगातार बारिश से मैहरवासी परेशान
गलियां-सड़कें सब डूबीं।
- फोटो : अमर उजाला
Maihar Weather: मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर क्षेत्र में बीते 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते देवी मंदिर मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। मंदिर जाने वाला प्रमुख रास्ता पूरी तरह पानी में डूब गया है। वहीं शहर के कोतवाली क्षेत्र समेत कई रिहायशी बस्तियों में घुटनों तक पानी भर गया है। बारिश का असर इतना व्यापक है कि कई घरों के भीतर भी पानी घुस चुका है। लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। दुकानों में भी पानी घुस जाने से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मैहर जिले में 1 जून से 11 जुलाई 2025 तक 363.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। अमरपाटन तहसील में 402 मिमी, मैहर में 296.3 मिमी और रामनगर में 392 मिमी वर्षा हुई है। जिले की सामान्य औसत वर्षा 919.7 मिमी है। पिछले वर्ष इसी अवधि में 217.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
मैहर जिले में 1 जून से 11 जुलाई 2025 तक 363.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। अमरपाटन तहसील में 402 मिमी, मैहर में 296.3 मिमी और रामनगर में 392 मिमी वर्षा हुई है। जिले की सामान्य औसत वर्षा 919.7 मिमी है। पिछले वर्ष इसी अवधि में 217.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
छतरपुर जिले के चपरन गांव में बाढ़ जैसे हालात, धसान नदी उफान पर, प्रशासन ने खाल कराए घर
छतरपुर में लोगों को अलर्ट करते प्रशासनिक अधिकारी।
- फोटो : अमर उजाला
Chattarpur Weather: छतरपुर जिले में लगातार मूसलाधर बारिश से धसान जलस्तर बढ़ गया हैं। सुजारा ,देवरी बांध के फाटक खुलने से हरपालपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चपरन गांव में बाढ़ का खतरा बड़ गया हैं। धसान नदी में पानी बढ़ने पर प्रशासन ने नदी किनारे गॉव में अलर्ट कर दिया हैं। जिस बाद प्रशासन भी सर्तक मोड़ पर आ गया हैं।
प्रशासन अब निचले इलाकों को खाली कराने में जुट गया हैं। जानकारी के मुताबित धसान नदी किनारे स्थित चपरन गॉव के नदी किनारे रहने वाले रहवासियों को अपना घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि धसान नदी आसपास प्रशासन अलर्ट हैं। जिला कलेक्टर पार्थ जसवाल के निर्देश पर नौगांप एसडीएम जीएस पटेल, तहसीलदार पीयूष दीक्षित की प्रशासनिक टीम बाढ़ इलाके में पहुँची.वही बोले चपरन गॉव के निचले इलाके में रहने वाले लोग गॉव खाली कर प्रशासन द्वारा की गई भवन में रुके। तहसीलदार ने कहा कोई पिछली बार जैसा कोई रेस्क्यू काम नहीं आएगा,अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है। बीते वर्ष चपरन गांव में धसान नदी की बाढ़ में एक दर्जन ग्रामीण टापू पर फंस गए थे।
प्रशासन अब निचले इलाकों को खाली कराने में जुट गया हैं। जानकारी के मुताबित धसान नदी किनारे स्थित चपरन गॉव के नदी किनारे रहने वाले रहवासियों को अपना घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि धसान नदी आसपास प्रशासन अलर्ट हैं। जिला कलेक्टर पार्थ जसवाल के निर्देश पर नौगांप एसडीएम जीएस पटेल, तहसीलदार पीयूष दीक्षित की प्रशासनिक टीम बाढ़ इलाके में पहुँची.वही बोले चपरन गॉव के निचले इलाके में रहने वाले लोग गॉव खाली कर प्रशासन द्वारा की गई भवन में रुके। तहसीलदार ने कहा कोई पिछली बार जैसा कोई रेस्क्यू काम नहीं आएगा,अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है। बीते वर्ष चपरन गांव में धसान नदी की बाढ़ में एक दर्जन ग्रामीण टापू पर फंस गए थे।
दमोह में बारिश के चलते आठ दिन से डूबा बरखेरा सिंगौरगढ़ गांव का पुल
पानी के चलते रास्ता हुआ बंद।
- फोटो : अमर उजाला
बरखेरा सिंगौरगढ़ गांव में गौरैया नदी पर यह पुल बना है पुल डूबा होने से गांव का तेजगढ़ मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। क्योंकि यहां का पूरा काम तेजगढ़ से ही होता है। पुल पर तीन से चार फीट पानी होने के कारण ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। गांव में जाने के लिए एकमात्र यही रास्ता है, जो परासई गांव से होकर जाता है। यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे लेने एंबुलेंस भी नहीं आ सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि पुल की ऊंचाई कम होने के कारण यह समस्या हर साल बारिश के मौसम में होती है। वह लगातार पुल की ऊंचाई बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पुल के डूबने से ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
टीकमगढ़ में 36 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश
टीकमगढ़ में पिछले 36 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश में कलेक्टर उनकी टीम जगह-जगह पहुंचकर लोगों को समझाइश दे रहे हैं। कलेक्टर और उनकी टीम बारिश में भीगते हुए व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
सीधी में अच्छी बारिश, बढ़ी किसानों की आस
रविवार 7 जुलाई से लेकर 13 जुलाई तक जिले में अच्छी बारिश दर्ज की गई, जिससे किसानों की उम्मीदों को संजीवनी मिली है। किसानों ने बताया कि लंबे समय से सूखे की आशंका बनी हुई थी, लेकिन इस हफ्ते की बारिश ने उम्मीदें जगा दी हैं। खेतों में जुताई और रोपाई का कार्य जोर पकड़ चुका है।
तहसीलवार वर्षा विवरण
सीधी: 134.2 मिमी
रामपुर नैकिन: 152.7 मिमी
मझौली: 128.9 मिमी
चुरहट: 117.3 मिमी
कुसमी: 140.5 मिमी
सिहावल: 125.4 मिमी
बहरी: 109.8 मिमी
टीकमगढ़ में 36 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश
टीकमगढ़ में पिछले 36 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश में कलेक्टर उनकी टीम जगह-जगह पहुंचकर लोगों को समझाइश दे रहे हैं। कलेक्टर और उनकी टीम बारिश में भीगते हुए व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
सीधी में अच्छी बारिश, बढ़ी किसानों की आस
रविवार 7 जुलाई से लेकर 13 जुलाई तक जिले में अच्छी बारिश दर्ज की गई, जिससे किसानों की उम्मीदों को संजीवनी मिली है। किसानों ने बताया कि लंबे समय से सूखे की आशंका बनी हुई थी, लेकिन इस हफ्ते की बारिश ने उम्मीदें जगा दी हैं। खेतों में जुताई और रोपाई का कार्य जोर पकड़ चुका है।
तहसीलवार वर्षा विवरण
सीधी: 134.2 मिमी
रामपुर नैकिन: 152.7 मिमी
मझौली: 128.9 मिमी
चुरहट: 117.3 मिमी
कुसमी: 140.5 मिमी
सिहावल: 125.4 मिमी
बहरी: 109.8 मिमी

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