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MP News: सरकारी जमीन पर सबसे बड़ा खेल! पटवारियों ने 11 एकड़ राजस्व भूमि को निजी बताकर बेच डाली

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: सीहोर ब्यूरो Updated Sat, 15 Nov 2025 10:48 PM IST
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सार

सीहोर जिले के रत्नाखेड़ी गांव में 11 एकड़ सरकारी भूमि को निजी दिखाकर दर्ज करने का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। दो पटवारियों और तीन लोगों ने 2003-05 में फर्जी खसरे तैयार किए। शिकायत पर जांच में सच सामने आया और पुलिस ने पांचों पर धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया। 

MP NEWS: Shocking Land Fraud: Patwaris turn 11 acres of government land into private property on papers
फ़ाइल फ़ोटो
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विस्तार
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सीहोर जिले के बिलकिसगंज थाना क्षेत्र के ग्राम रत्नाखेड़ी में सरकारी भूमि पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। दो पटवारियों और तीन स्थानीय व्यक्तियों ने मिलकर करीब 11 एकड़ शासकीय जमीन को निजी संपत्ति के रूप में दर्ज करवा दिया था। यह पूरा खेल वर्षों पहले कागज़ों में रचा गया था, जो अब सरकारी जांच में सामने आया है। मामला राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा के गृह क्षेत्र का होने से प्रशासन में हलचल मच गई है।

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2003 से 2005 के बीच हुआ था खेल
जांच में सामने आया कि यह फर्जीवाड़ा करीब दो दशक पहले, वर्ष 2003 से 2005 के बीच हुआ था। उस समय पदस्थ पटवारी हरिसिंह चौहान और जितेंद्र कौशल ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन को निजी नामों में दर्ज करने में मदद की। आरोप है कि उन्होंने स्थानीय निवासी इकरार अहमद, अनसार अहमद और निसार अहमद के साथ मिलकर फर्जी खसरे तैयार किए और 4.451 हेक्टेयर भूमि को रिकॉर्ड में निजी बना दिया।
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धोखाधड़ी का खुलासा
लंबे समय तक मामला दबा रहा, लेकिन सच तब खुला जब भूमि के खरीदारों का नामांतरण नहीं हो पाया। खरीदारों ने राजस्व विभाग से बार-बार गुहार लगाई, पर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। आखिरकार उन्होंने शिकायत दर्ज कराई, और जब कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए, तो राजस्व रिकॉर्ड की परतों में यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ। कलेक्टर कार्यालय की जांच में खुलासा हुआ कि जिन खसरा नंबरों के आधार पर भूमि निजी बताई गई थी, वे असली नहीं थे। इन दस्तावेजों में ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं मिला जिससे जमीन आवंटन या नामांतरण को वैध माना जा सके। कलेक्टर ने तत्काल निर्देश जारी कर भूमि को दोबारा राज्य शासन के नाम दर्ज कराने और आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई करने को कहा।

पुलिस ने पांचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
बिलकिसगंज पुलिस ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। बिलकिसगंज थाना प्रभारी संदीप मीणा का कहना है कि मामले में पुलिस यह जांच कर रही है कि उस समय के अधिकारी और कौन-कौन इस पूरे षड्यंत्र में शामिल थे, दोनों पटवारियों की भूमिका पर विशेष नजर है।

सरकारी जमीनों पर लगातार बढ़ रहे फर्जीवाड़े
यह पहला मामला नहीं है, जब सीहोर जिले में सरकारी जमीन से छेड़छाड़ सामने आई है। कुछ माह पहले भंवरा के एक पटवारी को भी इसी तरह के अवैध नामांतरण में निलंबित किया गया था। वहीं इछावर क्षेत्र में लगभग 45 एकड़ भूमि को फर्जी ढंग से निजी बताने का मामला दर्ज हुआ था। 

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